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Dharmendra Singh

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October 18, 2025

सच दिखाने की हिम्मत

जबलपुर से अनुराग शुक्ला की रिपोर्ट

सीआईएसएफ की “ग्रेट इंडियन कोस्टल साइक्लोथॉन” का कन्याकुमारी में भव्य समापन

मुख्य विशेषताएँ: 6,553 किलोमीटर की लंबी यात्रा; 11 राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों को कवर किया ; 25 दिनों की चुनौतिपूर्ण यात्रा ; 2.5 करोड़ भारतीयों का अभियान को समर्थन

कन्याकुमारी, 31 मार्च, 2025 सीआईएसएफ को अपनी “सुरक्षित तट, समृद्ध भारत” थीम पर आधारित ऐतिहासिक पहल “ग्रेट इंडियन कोस्टल साइक्लोथॉन 2025” के सफल और शानदार समापन की घोषणा करते हुए गर्व और अत्यंत खुशी हो रही है। सीआईएसएफ द्वारा आयोजित “ग्रेट इंडियन कोस्टल साइक्लोथॉन” का भव्य समापन कन्याकुमारी में हुआ। इस समापन समारोह में सीआईएसएफ के महानिदेशक मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, कार्यक्रम के दौरान स्थानीय निवासियों की भारी भीड़ ने सीआईएसएफ के साइकिल चालकों का उत्साहपूर्वक स्वागत किया ।

यह भव्य कार्यक्रम विवेकानंद रॉक मेमोरियल और तमिल संत एवं दार्शनिक थिरुवल्लुवर की मूर्ति के निकट आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्रतिभागियों ने तटीय क्षेत्रों की सुंदरता और महत्व को उजागर किया, साथ ही पर्यावरण संरक्षण और स्वस्थ जीवनशैली के प्रति जागरूकता फैलाने पर भी जोर दिया। यह साइक्लोथॉन भारत के विस्तृत तटीय क्षेत्र की सुरक्षा में तटीय समुदायों के साथ साझेदारी की शुरुआत का प्रतीक है। इस अभियान ने तटीय सुरक्षा और सतत विकास के लिए एक नई दिशा दिखाई है, जिससे देश के दीर्घ तटरेखा को सुरक्षित और संरक्षित रखने में मदद मिलेगी।

इस साइक्लोथॉन को 7 मार्च 2025 को केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री, श्री अमित शाह द्वारा राजदित्य चोल सीआईएसएफ क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र, तक्कोलम, रानीपेट जिला, तमिलनाडु से वर्चुअल रूप से झंडी दिखाकर शुरू किया गया था । इस चुनौतीपूर्ण यात्रा में 125 समर्पित CISF साइकिल चालक, जिनमें 14 महिला बल सदस्य भी शामिल थीं, ने भाग लिया। इन साइकिल चालकों ने कुल 6,553 किमी की दूरी तय की, जो 11 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से होकर 25 दिनों तक चली। इस साइक्लोथॉन के दौरान 1,200 से अधिक प्रतिभागियों ने विभिन्न चरणों में इसमें भाग लिया, जिससे इस पहल के प्रति जनता का मजबूत समर्थन सामने आया। इस साइक्लोथॉन को सीआईएसएफ की तटीय क्षेत्रों में स्थित विभिन्न इकाइयों के बल सदस्यों के साथ-साथ अन्य राज्य और केंद्रीय सरकार की एजेंसियों से समर्थन और महत्वपूर्ण सहयोग मिला । देश के प्रमुख तटीय शहरों और महत्वपूर्ण स्थलों, जैसे पारादीप पोर्ट, कोणार्क सूर्य मंदिर, गेटवे ऑफ इंडिया (मुंबई), विशाखापत्तनम, मैंगलोर, चेन्नई, कोचीन तथा पुडुचेरी में भव्य स्वागत और फ्लैग-ऑफ समारोह आयोजित किए गए, जिसने साइक्लोथॉन के संदेश को और अधिक प्रभावशाली और व्यापक रूप से फैलाया।
इस पहल का मुख्य उद्देश्य स्थानीय निवासियों को “तट प्रहरी” के रूप में सम्मानित करना और उनके अमूल्य योगदान को मान्यता देना था। इस प्रयास का उद्देश्य इन समुदायों को सशक्त बनाना भी था, जिससे वे तटीय सुरक्षा के महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में सुरक्षा बलों की “आंख और कान” की भूमिका को प्रभावी रूप से निभा सकें और राष्ट्र के समुद्री हितों की रक्षा में अहम भूमिका अदा करें।

सायक्लोथॉन का उद्देश्य तटीय समुदायों को भारत की तटरेखा से जुड़े विभिन्न सुरक्षा खतरों के बारे में जागरूक करना था, जिसमें तस्करी (जैसे नशीले पदार्थ, हथियार और विस्फोटक सामग्री) जैसी अवैध गतिविधियाँ, घुसपैठ के खिलाफ सतर्कता की आवश्यकता, और इन पारिस्थितिकीय रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण के महत्व के प्रति जन जागरूकता फैलाना था।

इस साइक्लोथॉन ने सीआईएसएफ, अन्य सुरक्षा एजेंसियों और तटीय समुदायों के बीच संचार और सहयोग को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन संवादों ने साझेदारी और साझा जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा दिया है, जो एक मजबूत और लचीले तटीय सुरक्षा ढांचे के निर्माण के लिए आवश्यक है।

अपनी सुरक्षा केंद्रित उद्देश्य के अलावा, इस साइक्लोथॉन का उद्देश्य भारत के आंतरिक क्षेत्र के समुदायों को देश के मनमोहक तट से जोड़ना भी था। यह तटीय समुदायों की जीवंतता, उनके वनस्पति और जीव-जंतु, तथा उन अनूठी सांस्कृतिक परंपराओं को उजागर करने का एक अवसर था, जो भारत की तटीय पहचान को परिभाषित करती हैं।
ग्रेट इंडियन कोस्टल साइक्लोथॉन की मुख्य विशेषताएं- सीआईएसएफ और तटीय समुदायों के सामूहिक प्रयास का प्रमाण।

तटीय समुदायों के साथ भागीदारी: साइक्लोथॉन ने 11 तटीय राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 58 तटीय समुदायों के साथ भागीदारी की, जिनमें शामिल हैं:
पश्चिमी तट (~31 समुदाय):

  1. गुजरात: खारवा, मच्छी, अहीर, वाघेर
  2. महाराष्ट्र: कोली, गाबीत, भोई, अगरी, खारवी
  3. गोवा: खारवी, भंडारी, राम्पोंकार, मैंद्रा कोली, दलजी
  4. कर्नाटक: मोगावेरे, कोरगा, बिल्लावा, अंबिका, गा, हरिकंथा, मराकालु, बोवी
  5. केरल: मुक्कुवर, मप्पिला, अरायर, वलन, धीवर, परावन, पलियान, बोजाका, पूइस्लान पूर्वी तट (~27 समुदाय):
  6. पश्चिम बंगाल: कैबर्ता, बागड़ी, बांसफोर, मालो, जालिया, टियार, धीबारा, नामसुत्रा
  7. ओडिशा: कैबर्ता, महली, नोल्या, राजबंशि
  8. आंध्र प्रदेश: वड़ा बलिजा, यनादिस, बेस्था, पल्ली, कंद्रा, कापु, केविता, पट्टापु
  9. तमिलनाडु: परावर, नट्टार, कल्लार, पट्टिनावर, करियर, वल्लैयार, कदैयार

अभूतपूर्व सार्वजनिक सहभागिता: साइक्लोथन ने सार्वजनिक सहभागिता का वास्तव में एक अद्वितीय स्तर प्राप्त किया, जो इसकी व्यापक अपील और इसके संदेश की प्रभावशीलता को दर्शाता है। साइक्लोथन के मार्ग में आयोजित रैलियों, अन्य आयोजनों और जागरूकता अभियानों में सक्रिय रूप से 30 लाख से अधिक लोग शामिल हुए, जबकि साइक्लोथन का संदेश भौतिक संपर्कों के साथ-साथ विभिन्न ऑनलाइन और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से लगभग 2.5 करोड़ लोगों तक पहुंचा।

प्रसिद्ध हस्तियों का समर्थन: साइक्लोथन ने विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिष्ठित हस्तियों से महत्वपूर्ण ध्यान और समर्थन प्राप्त किया, जिसने इसके महत्व को और भी सुदृढ़ किया।
• माननीय लेफ्टिनेंट गवर्नर श्री कुनीयिल कैलाशनाथन (पुडुचेरी), पुडुचेरी के मुख्यमंत्री श्री एन. रंगास्वामी, ओडिशा के उपमुख्यमंत्री श्रीमती प्रवर्ति पारिदा, अर्जुन पुरस्कार विजेता प्रमोद भगत, भारतीय हॉकी के दिग्गज मीर रंजन नेगी, राजा शिवेंद्र नारायण भंजदेव (कनिष्क के राजा), पद्मश्री रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक।

• खेल जगत के प्रमुख व्यक्तित्व जैसे नीरज चोपड़ा, मनु भाकर, एम. एस. धोनी, सुनील गावस्कर, कृष्णमाचारी श्रीकांत ने समर्थन किया।

• फिल्म इंडस्ट्री के सितारे जैसे राजनीकांत, मोहनलाल, अक्षय कुमार, सुनील शेट्टी, जैकी श्रॉफ, मन्जु वारियर समेत अन्य कई हस्तियों ने अपने समर्थन से तटीय सुरक्षा के इस अभियान में अनगिनत लोगों को प्रेरित किया।

व्यापक भागीदारी और कवरेज: सायक्लोथॉन की यात्रा के दौरान महत्वपूर्ण कार्यक्रमों और संवादों का आयोजन किया गया। जिसमें 26 प्रमुख आयोजन और 118 स्थानीय संवाद शामिल थे, जिसमें लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लिया और गर्मजोशी से अपना समर्थन प्रदान किया । इन संवादों के दौरान तटीय सुरक्षा और तटीय जीवन की चुनौतियों पर केंद्रित चर्चाओं के माध्यम से विचारों और दृष्टिकोणों का आदान-प्रदान किया गया। स्थानीय भागीदारी के सहयोग से विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें क्षेत्रीय विशिष्ट गीत, नृत्य, मार्शल आर्ट, पारंपरिक परिधान और सांस्कृतिक प्रथाओं का शानदार प्रदर्शन किया गया।

तटीय सुरक्षा की गहन समझः इस आयोजन ने विभिन्न तटीय क्षेत्रों द्वारा सामना किए जाने वाले विशिष्ट चुनौतियों और कमजोरियों के बारे में गहन समझ प्रदान की हैं। ये जानकारियाँ तटीय सुरक्षा को सुदृढ़ बनाने में मार्गदर्शक के रूप में कार्य करेंगी। ह----31.03.2025

(अजय दहिया)
उप महानिरीक्षक
वरिष्ठ जन सम्पर्क अधिकारी/सीआईएसएफ