कर्मों का फल सभी को भोगना पड़ता है महंत राम किशोर दास शास्त्री,,,,,,,
पोरसा,,,,,
,,,, कर्मों का फल सभी को भोगना पड़ता है ,चाहे वह ऋषि-मुनि हो यह भगवान हो ऊपर वाले का संविधान के अनुसार सभी को अपने अपने कर्मों का फल भोगना पड़ता है महंत राम किशोर दास शास्त्री,,,
शीतला माता मंदिर सांठो में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में आज महंत राम किशोर दास शास्त्री ने बताया कि कर्मों का फल सभी को भोगना पड़ता है माता सीता को भी भुगतना पड़ा था, माता सीता मैया जब 4 वर्ष की थी तब एक तोता और तोती पेड़ पर राम कथा गा रहे थे उसमें सीता जी का नाम आया जब सीता जी ने बहेलीया के माध्यम से उक्त तोता तोती को पकड़बा लिया और उनको कैद कर लिया इसके बाद उन्होंने तोता तोती ने कहा कि हम आजाद पंछी है,हम कैद नहीं रह सकते ,,सीता जी ने कहा कि तुम्हारी कही हुई कथा पूरी सत्य नहीं होती तब तक आप हमारे यहां कैद रहेंगे, तब तोता तोती जो आजाद पंछी रहा करते हैं उन्होंने कहा कि हम इस प्रकार जी नहीं सकते,,तब तोता का पृणांत हो गया,,इसके बाद तोती मर गई जो अगले जन्म में धोबी और धोबिन बनी और उनके कहने पर सीता जी को वनवास हुआ,,, ,,,,
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