
यदि आप भी शरीर पर टैटू बनवाने के शौकीन हैं और हाल ही में टैटू बनवाए हैं, तो तुरंत अपनी मेडिकल जांच करा लीजिए। दरअसल वाराणसी जिले में स्थित पंडित दीनदयाल अस्पताल में पिछले 2 माह में करीब एक दर्जन से अधिक लोग एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं। मेडिकल टीम द्वारा जब इनकी काउंसलिंग की गई थी तो पता चला कि इन सभी लोगों ने अपने शरीर पर टैटू बनवाए थे। ऐसे में बताया जा रहा है कि संक्रमित निडिल से टैटू बनवाने के चलते ये लोग एचआईवी संक्रमित हुए हैं। चिकित्सकों का कहना है कि हाल ही में जितने लोगों ने शरीर पर टैटू बनवाया है वह लोग तुरंत अपनी जांच करवा लें।
वाराणसी जिले के बड़ागांव ब्लाक के अंतर्गत एक गांव में रहने वाला युवक काफी दिनों से बीमार चल रहा था। बीमार होने के चलते उसने कई अस्पतालों से इलाज कराया लेकिन वह ठीक नहीं हुआ। बाद में वह पंडित दीनदयाल अस्पताल पहुंचा और वहां पर उसने चिकित्सकों से बताया कि उसे काफी दिनों से फीवर है और ठीक नहीं हो रहा है। ऐसे में डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड और एचआईवी की जांच की गई। जांच रिपोर्ट आने के बाद पता चला कि वह एचआईवी पॉजिटिव है।

एचआईवी पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद डॉक्टरों ने उससे पूछताछ किया। युवक ने बताया कि बड़ागांव क्षेत्र में एक मेला लगा था और वहीं पर टैटू बनाने वाला आया था। उस युवक ने टैटू बनाने वाले से अपने हाथ पर टैटू बनवा लिया। घर जाने के बाद सब कुछ ठीक-ठाक रहा लेकिन अगले दिन उसकी तबीयत खराब हो गई। पहले प्राइवेट अस्पतालों से दवा लिया और जांच कराया लेकिन उसकी हालत में सुधार नहीं हुई। चिकित्सकों ने बताया कि अभी उसकी शादी नहीं हुई है और उसने यह भी कहा कि किसी के साथ असुरक्षित यौन संबंध भी नहीं बनाया था।
ऐसी ही कहानी लंका थाना क्षेत्र के नगवा की रहने वाली एक युवती की भी है। युवती ने बताया कि कुछ दिन पूर्व एक आदमी साइकिल से टैटू बनाने वाली मशीन लेकर जा रहा था और उस युवती ने उससे अपने हाथ पर टैटू बनवा लिया। दोपहर में टैटू बनवाने के बाद शाम को ही उसे बुखार आया। उसे लगा कि टैटू बनवाने के चलते दर्द के कारण ऐसा हुआ है। दो दिन बीत जाने के बाद भी जब उसके सेहत में सुधार नहीं हुआ तो वह जांच करवाने के लिए गई। जांन करने पर युवती एचआईवी पॉजिटिव पाई गई।
पंडित दीन दयाल अस्पताल की एंटी रेट्रोवायरल थैरेपी (एआरटी) की डॉ. प्रीति अग्रवाल ने बताया कि पिछले दो माह में एक दर्जन युवाओं की रिपोर्ट एचआईवी पॉजिटिव आई है। इन लोगों की काउंसलिंग की गई तो पता चला कि सभी लोगों ने अपने शरीर पर टैटू बनवाया था। पूरी संभावना है कि संक्रमित निडिल से टैटू गोदवाने के चलते ही ये लोग एचआईवी संक्रमित हुए हैं। संक्रमित निडिल से टैटू बनवाने के चलते अन्य लोग भी एचआईवी संक्रमित हो सकते हैं, ऐसे में वे तत्काल एचआईवी की जांच करवा लें।
जानकार लोगों का कहना है कि टैटू गोदने वाली एक निडिल 90 से 95 रुपए में आती है, ऐसे में टैटू बनाने वाले अधिकतर लोग एक ही निडिल से कई लोगों के हाथ में टैटू बना देते हैं। ऐसे नहीं संक्रमित व्यक्ति को टैटू लगाने के बाद कई अन्य लोगों में भी एचआईवी का संक्रमण फैल जाता है। चिकित्सकों ने यह भी बताया कि यदि आप टैटू बनवाने जा रहे हैं तो नई निडिल से ही टैटू बनवाएं, जिससे संक्रमित होने से बचा जा सके।
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