


जयपुर, भूतपूर्व सैनिक सेवा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कर्नल देव आनंद गुर्जर ने भारत के पहले प्रधानमंत्री सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा के दिल्ली इंडिया गेट पर स्थापित करने को एक ऐतिहासिक एवं साहसी कदम बताया। इस मौके पर पूर्व सैनिकों से चर्चा के दौरान बताया कि इंडिया गेट पर सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति लगना बदलते हुए भारत एवं गुलामी की मानसिकता के प्रतीक चिन्हों के अंत की शुरुआत बताया।
गत दिनों में भारतीय नौसेना के विक्रांत को देश को समर्पित करते हुए भारतीय नौसेना के ध्वज को नया रूप दिए जाना जिसमें जॉर्ज क्रॉस को हटाकर शिवाजी महाराज के ऑक्टेगनल प्रतीक को ध्वज में शामिल करना एवं अभी इंडिया गेट पर भारत के पहले प्रधानमंत्री सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति लगाकर देश के सम्मान को सर्वोपरि रखने वाला एक साहसी पूर्ण एवं ऐतिहासिक निर्णय बताया। इन कार्यों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को बधाई देते हुए उम्मीद जताई कि विभिन्न रूप एवं चिन्नू के रूप में बचे हुए गुलामी की मानसिकता को बढ़ावा देने वाले प्रतीक चिन्हों को जल्दी से जल्दी भारत के भूमि पुत्रों के नाम से बदले जाने जाने का आग्रह किया ।
राष्ट्रीय स्तर सम्मान की तर्ज पर जयपुर में सुभाष चंद्र बोस को उचित सम्मान देने हेतु उनकी एक भव्य प्रतिमा रामनिवास बाग में लगाई जानी चाहिए एवं रामनिवास बाग स्थित अल्बर्ट हॉल का नाम बदलकर उचित नाम किया जाने की मांग रखी ।
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