
कलेक्टर श्री प्रसाद ने श्री शंकर सरस्वती शिक्षा समिति किलकारी शिशु गृह में जांच दल को मिली कमियों को सुधारनें की दी हिदायत
मान्यता समाप्त करनें की दी चेतावनी
कटनी (5 अक्टूबर ) – कलेक्टर अवि प्रसाद ने श्री शंकर सरस्वती शिक्षा समिति किलकारी शिशुगृह के प्रबंधक व संचालक को जांच समिति द्वारा की गई जांच के दौरान मिली कमियों को एक माह में सुधार करने के निर्देश दिए है। सुधार नहीं करने की स्थिति में कलेक्टर ने समिति प्रबंधक व संचालक को संस्था की मान्यता रद्द किये जाने का प्रस्ताव शासन को प्रेषित करने की चेतावनी दी है।
उल्लेखनीय है कि कलेक्टर श्री प्रसाद द्वारा गठित जांच दल ने 27 सितंबर को संस्था किलकारी शिशु गृह कटनी की जांच के दौरान जांच दल को कई विसंगतियॉं और कमियां मिलीं। जिसमें संस्था संचालन मापदण्ड के अनुसार बाल गृह मे 10 कर्मचारी उपस्थिति पंजी में दर्ज थे लेकिन निरीक्षण के दौरान चौकीदार गेट पर नहीं था ।अधीक्षिका भी गृह में उपस्थित नहीं थी। अधीक्षिका द्वारा आना-जाना किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान 02 आया एवं 01 नर्स उपस्थित मिली, कुछ समय बाद चौकीदार एवं सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित हुए। एक चौकीदार से 24 घंटे कार्य लिया जाना पाया गया। जांच दल ने 8-8 घंटे के मान से 02 अतिरिक्त चौकीदार की व्यवस्था किया जाना आवश्यक बताया।
संस्था में जांच के दौरान पाये गए 10 बच्चों पर 06 पलंग पाये गये पलंग की संख्या बढाये जाने एवं बच्चों के खेलने हेतु खिलौनों की संख्या बढ़ाये जाने हेतु निर्देशित किया गया है। किचिन में अमानक रूप से डालडा पाया गया जिसे पृथक करने हेतु एवं भविष्य में बच्चों हेतु खाद्य सामग्री गुणवत्ता पूर्ण ही उपयोग करने हेतु निर्देशित किया गया। साथ ही अच्छी गुणवत्ता के आयोडाईज नमक के उपयोग के निर्देश दिये गये। किचन में उपयोग किये जा रहे फ्रीज की साफ-सफाई एवं किचन की साफ-सफाई सोषजनक नहीं पाई गई।
बच्चों के काउंसलिंग करने हेतु काउंसलर की व्यवस्था अत्यंत आवश्यक है बच्चों के काउंसलिंग करने हेतु सुझाव दिया गया। साथ ही मेन गेट शटर लगा हुआ है शटर के स्थान पर चैनल गेट लगाये जाने हेतु निर्देशित किया गया। संस्था के कर्मचारी व्यवस्था ठीक नहीं है, छोटे बच्चों की व्यवस्था को देखते हुये कर्मचारियों को नियमित समय पर अपने कर्तव्य पर उपस्थित होना अत्यंत आवश्यक है।
श्री शंकर शिक्षा समिति द्वारा आसरा बाल गृह एवं किलकारी शिशु गृह का संचालन किया जा रहा है। प्रथम दृष्टया जांच के दौरान ऐसा प्रतीत होता है कि दोनों संस्था के कर्मचारी की अदला बदली कर ड्यूटी ली जा रही है। वास्तविक रूप में कर्मचारी की संख्या कम है एवं भुगतान अधिक कर्मचारियों का किया जा रहा है। दानकर्ता द्वारा सामग्री एवं राशि प्राप्ति का कोई भी रिकार्ड संचारित नहीं किया जा रहा है।
उपरोक्तानुसार समिति द्वारा निरीक्षण के दौरान संस्था में व्यवस्थाए संतोषजनक होना नहीं पाया गया है। विशेष कर 0 से 6 वर्ष के बच्चों के दृष्टिकोण से सुरक्षा व्यवस्था का काफी अभाव है। संस्था में रात में अधीक्षिका भी नहीं रहती है।
इन कमियों को दूर करने कलेक्टर श्री प्रसाद ने 01 माह में सुधार करना सुनिश्चित करनें की हिदयत दी है। 1 माह उपरांत जाँच दल द्वारा पुनः संस्था का निरीक्षण कर कमियों की पूर्ति की स्थिति का परीक्षण किया जायेगा। लेकिन उल्लेखित कमियों में सुधार नहीं होने की स्थिति में संस्था की मान्यता रद्द किये जाने का प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया जायेगा।
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