पं संदीप शर्मा रिपोर्टर






कटनी, (23 अक्टूबर) – विधानसभा निर्वाचन-2023 निर्विघ्न रूप से संपन्न कराने के उद्देश्य से जिले में निरंतर जिला प्रशासन एवं पुलिस बल की टीम द्वारा पैदल मार्च निकाला जा रहा है। इसी क्रम में सोमवार को कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अवि प्रसाद और सी.ई.ओ शिशिर गेमावत की अगुवाई में संवदेनशील मतदान केन्द्र ग्राम भैसवाही और अति संवेदनशील मतदान केन्द्र कारीतलाई में शांति व्यवस्था एवं कानून व्यवस्था बनाये रखने के उद्देश्य से प्रमुख सड़कों एवं मार्गाे पर पुलिस कर्मियों की टीम द्वारा फ्लैग मार्च निकाला गया। इस दौरान अनुविभागीय अधिकारी महेश मंडलोई, तहसीलदार बी.के.मिश्रा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे
विधानसभा चुनाव प्रक्रिया निर्विघ्न संपन्न कराने एवं क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह पैदल फ्लेग मार्च निकाला जाकर ग्रामवासियों से आग्रह किया है कि नवरात्रि एवं दशहरा का पावन पर्व शांतिपूर्ण तरीके से मनाए और आचार संहिता के नियमों का पालन करें।
भैसवाही में ग्रामीणों को दिलाई नैतिक मतदान की शपथ
विधानसभा निर्वाचन 2023 के मद्देनजर जिले का मतदान प्रतिशत में वृ़िद्ध हेतु आयोजित की जाने वाली स्वीप गतिविधियों के तहत कलेक्टर अवि प्रसाद द्वारा भैसवाही शासकीय स्कूल मंे उपस्थित ग्रामीणों को नैतिक मतदान की शपथ दिलाई जाकर आगामी 17 नवंबर को आवश्यक मतदान करनें हेतु प्रेरित किया गया। इस दौरान 80 वर्षीय वयोवृद्ध का तिलक लगाकर श्रीफल भेंट कर सम्मान किया गया।
विधानसभा चुनाव
मतदान और मतदान के एक दिन पहले समाचार पत्रों में प्रकाशित कराये जाने वाले
विज्ञापनों का भी कराना होगा पूर्व प्रमाणननिर्वाचन आयोग द्वारा निर्देश जारी
कटनी, (23 अक्टूबर) – भारत निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में एन चुनाव के मौके पर विद्वेषपूर्ण अथवा भ्रामक राजनैतिक विज्ञापनों के प्रकाशन एवं प्रसारण पर रोक लगाने के उद्देश्य से समाचार पत्रों अथवा प्रिंट मीडिया में भी मतदान के एक दिन पूर्व और मतदान के दिन प्रकाशित कराये जाने वाले राजनैतिक विज्ञापनों का पूर्व प्रमाणन राज्य स्तरीय अथवा जिला स्तरीय मीडिया प्रमाणन समिति से कराना अनिवार्य कर दिया है। इस बारे में निर्वाचन आयोग द्वारा निर्देश जारी किये गये हैं।
निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देश के मुताबिक कोई भी राजनैतिक दल या उम्मीदवार अथवा अन्य कोई संगठन या व्यक्ति प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए 17 नवंबर को होने वाले मतदान के दिन तथा उसके एक दिन पहले वाले दिन 16 नवंबर को कोई भी विज्ञापन मीडिया प्रमाणन समिति से बिना पूर्व प्रमाणन कराये प्रकाशित नहीं करा सकेगा। अर्थात ऐसे विज्ञापनों का समाचार पत्रों अथवा प्रिंट मीडिया में प्रकाशन कराने के पूर्व राज्य अथवा जिला स्तरीय मीडिया प्रमाणन समिति से प्रमाणन कराना अनिर्वाय होगा।
निर्वाचन आयोग ने यह निर्देश पूर्व में सामने आये उन मामलों के संदर्भ में जारी किये हैं, जहां अंतिम चरण में भ्रामक, भड़काउ या आक्रामक स्वरूप के विज्ञापन प्रकाशित कराकर चुनावी प्रक्रिया को दूषित करने के प्रयास किये गये थे। आयोग के मुताबिक चुनाव के अंतिम दौर में ऐसे भ्रमित करने वाले विज्ञापनों के प्रकाशन के बाद इनसे प्रभावित दल अथवा प्रत्याशी के पास किसी भी प्रकार की सफाई अथवा खण्डन का अवसर नहीं होता। आयोग के अनुसार ऐसी स्थिति में स्वतंत्र और निष्पक्ष निर्वाचन के लिए विज्ञापनों का पूर्व प्रमाणन जरूरी है।
आयोग ने राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एवं सभी जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों को इस निर्देश से राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों, उम्मीदवारों तथा सभी समाचार पत्रों एवं प्रिंट मीडिया संस्थानों को अवगत कराने कहा है। निर्वाचन आयोग ने राज्य तथा जिला स्तरीय मीडिया प्रमाणन समितियों को विज्ञापनों के प्रमाणन हेतु प्राप्त आवेदनों का शीघ्र निराकरण करने के निर्देश भी दिये हैं।
फोटो नहीं
विधानसभा चुनाव –
नामांकन के पहले तैयार प्रचार सामग्री का खर्च भी जुड़ेगा निर्वाचन व्यय में
कटनी, (23 अक्टूबर) – विधानसभा चुनाव मैदान में उतरे ऐसे प्रत्याशी जिन्होंने अपनी प्रचार सामग्री नामांकन की तिथि से पहले से तैयार की हुई, उन्हें उसका खर्च भी निर्वाचन व्यय में जोड़ना होगा । भारत निर्वाचन आयोग ने प्रत्याशियों के निर्वाचन व्ययों के लेखों के संबंध में स्पष्ट किया है कि अभ्यर्थी अपने निर्वाचन व्यय लेखों के रजिस्टर का रखरखाव करते समय उन सभी खर्च के लिए भी उत्तरदायी होगा, जो उसने पूर्व में सामग्री तैयार करने में व्यय की है तथा जिसका वास्तविक उपयोग वह नामांकन अवधि समाप्त होने पर करता है ।
फोटो नहीं
विधानसभा चुनाव –
वाहनों पर रखी जायेगी नजर
कटनी, (23 अक्टूबर) – विधानसभा निर्वाचन की घोषणा के साथ ही जिले में व्यय अनुवीक्षण दल, उड़नदस्ता दल और स्थैतिक व्यय निगरानी दल गठित कर वाहनों सहित संदिग्ध व्यक्तियों पर नजर रखी जा रही है। वाहन चेकिंग के दौरान यदि किसी व्यक्ति के पास बड़ी मात्रा नकदी पाई जायेगी तो उसे इस राशि का स्त्रोत बताना होगा। असुविधा से बचने के लिए बैंक की पासबुक, एटीएम की स्लिप, रसीद या अन्य कोई प्रमाण साथ में रखना होगी । काम धंधे या अन्य कोई जरूरत के अनुसार व्यक्ति वाहन से यात्रा करते समय अपने पास नगद राशि लेकर चलते हैं तो उन्हें अपने साथ नकदी रखने का प्रमाण बताना होगा। इससे जाँच के दौरान प्रमाणों के परीक्षण में सुविधा होगी और संबंधित व्यक्ति को भी अनावश्यक रूप से परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी।
विधानसभा चुनाव –
विज्ञापनों के सम्बन्ध में आयोग ने जारी किए दिशा-निर्देश
कटनी, (23 अक्टूबर) – भारत निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन अवधि के दौरान प्रकाशित होने वाले विज्ञापनों के लिए मार्गदर्शी सिद्धांतों को प्रभावशील कर लागू किया है।
निर्वाचन आयोग द्वारा जारी गाइड लाइन में आदर्श आचार संहिता को सर्वाेपरि मान्य किया गया है। आयोग ने कहा है कि समाचार माध्यमों से प्रकाशित-प्रसारित करने के पूर्व विज्ञापनों के मामले में यह सुनिश्चित किया जाए की उनमें नैतिकता एवं शिष्टता हो तथा किसी की भी धार्मिक भावनाओं को आघात ना पहुंचे।
आयोग ने स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किए है कि ऐसा कोई विज्ञापन प्रकाशित नही किया जाए जो किसी भी जाति, धर्म, रंग, पंथ और राष्ट्रीयता का उपहास करता हो। ऐसा विज्ञापन जो संविधान के किसी भी उपबंध के विरूद्ध हो, प्रकाशित एवं प्रसारित नहीं होना चाहिए।
इसी प्रकार अपराध करने, हिंसा करने या लोगों को भड़काने की प्रवृत्ति रखता हो, किसी भी प्रकार की अश्लीलता दर्शाता हो, राष्ट्रीय समप्रतीक का अनादर करता हो, नारी के लिए किसी भी प्रकार से अपमानजनक हो या उपहास करता हो, दहेज, बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराईयों से लाभ उठाता हो आदि से संबंधित विज्ञापन प्रकाशित एवं प्रसारित नहीं किए जाने चाहिए।
विधानसभा चुनाव –
चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारियों को दुर्घटना होने पर मिलेगी अनुग्रह राशि
कटनी, (23 अक्टूबर) – निर्वाचन कार्य में नियोजित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निर्वाचन कार्य के दौरान घायल अथवा मृत होने की दशा में अनुग्रह राशि स्वीकृत किये जाने के निर्देश भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दिये गये हैं। निर्वाचन में नियुक्त कर्मचारियों की निर्वाचन कार्य के दौरान मृत्यु हो जाती है तो उनके प्रकरण मतगणना समाप्ति के एक सप्ताह के अंदर स्वीकृति हेतु भेजा जाना आवश्यक है। मृत्यु के प्रकरणों में एफआईआर, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, वैध उत्तराधिकारी का प्रमाण पत्र, सक्षम अधिकारी द्वारा निर्वाचन कार्य के लिए ड्यूटी आदेश की प्रति संलग्न करनी होगी। इसी प्रकार घायलों के प्रकरणों में भी आवश्यक अभिलेख प्रकरण के साथ संलग्न करना अनिवार्य होगा। क्षति पूर्ति राशि में निर्वाचन कार्य पर तैनात समस्त सुरक्षा कर्मी बल भी शामिल होंगे।
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चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों को देश तथा संविधान के प्रति निष्ठा व समर्पण रखने की शपथ
कटनी, (23 अक्टूबर) – विधानसभा चुनाव लड़ने वाले प्रत्येक अभ्यर्थी को शपथ लेना अनिवार्य है । यह शपथ उसे नामांकन पत्र जमा करने के बाद और संवीक्षा की दिनांक से पहले लेना है और शपथ लेने का प्रमाणपत्र उसे बगैर मांगे देना है । शपथ का प्रारूप रिटर्निंग अधिकारी द्वारा नामांकन पत्र के साथ ही निरूशुल्क दिया जावेगा । यहां जानना महत्वपूर्ण है कि अभ्यर्थी रिटर्निंग अधिकारी के अलावा यदि बीमार है तो डॉक्टर के समक्ष, यदि कारागृह में है तो जेलर के समक्ष और यदि विदेश में है तो भरत के हाई कमिश्नर या काउंसलर के समक्ष अर्थात किसी अन्य प्राधिकृत अधिकारी के सम्मुख शपथ ले सकता है ।
विधानसभा चुनाव
चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को जमा करनी होगी निक्षेप राशि
कटनी, (23 अक्टूबर) – विधानसभा का चुनाव लड़ने वाले प्रत्येक उम्मीदवार को नाम निर्देशन पत्र के साथ दस हजार रूपये की निक्षेप या जमानत राशि जमा करनी होगी लेकिन यदि उम्मीदवार अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति वर्ग का है, भले ही वो अनारक्षित निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहा है तो उसे इसका आधा यानि पांच हजार रूपये की राशि जमानत के रूप में नाम-निर्देशन पत्र के साथ जमा करनी होगी।
भारत निवार्चन आयोग के निर्देशानुसार विधानसभा का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को जमानत राशि रिटर्निगं अधिकारी के पास अथवा भारतीय रिजर्व बैंक या सरकारी खजाने में चालान भरकर जमा करना होगी। उसे चालान या रसीद की मूल प्रति नामांकन पत्र के साथ रिटर्निगं अधिकारी को रिटर्निंग अधिकारी को नाम-निर्देशन पत्र के साथ प्रस्तुत करना होगी। आयोग के मुताबिक कोई भी उम्मीदवार एक निवार्चन क्षेत्र से नामांकन पत्र के चार सेट रिटर्निगं अधिकारी को प्रस्तुत कर सकता है लेकिन उसे जमानत या निक्षेप राशि जमा करने की मूल रसीद नामांकन पत्र के पहले सेट के साथ ही रिटर्निगं अधिकारी को प्रस्तुत करनी होगी। यदि कोई उम्मीदवार एक साथ दो निवार्चन क्षेत्रों से भी चुनाव लड़ता है तो ऐसी स्थिति में उसे दोनों निर्वाचन क्षेत्रों के लिए अलग-अलग निक्षेप राशि रिटर्निगं अधिकारी को प्रस्तुत करनी होगी।
विधानसभा चुनाव
संवेदनशील गतिविधियों की वीडियोग्राफी कराई जाये
कटनी, (23 अक्टूबर) – भारत निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान संवेदनशील गतिविधियों की वीडियो रिकार्डिंग करवाये जाने के निर्देश जिला निर्वाचन अधिकारियों को दिये हैं। आयोग द्वारा निर्वाचन प्रेक्षकों से भी कहा गया है कि वे अपने दौरे के समय अथवा उनके संज्ञान में कोई महत्वपूर्ण घटना की जानकारी आने पर उसकी अनिवार्य रूप से वीडियोग्राफी करवायें।
निर्देश में कहा गया है कि उम्मीदवारों के चुनावी खर्च पर निगरानी रखने तथा राजनैतिक दलों के बड़े नेताओं की आमसभा एवं सार्वजनिक रैलियों की भी वीडियोग्राफी करवाई जाये, जिससे उनके वास्तविक खर्च का पता लगाया जा सके। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी दल या उम्मीदवार द्वारा अन्य किसी उम्मीदवार के खिलाफ न्यायालय में याचिका दायर की जाती है तो विशेष संवेदनशील घटनाओं की वीडियो सीडी महत्वपूर्ण साक्ष्य के रूप में काम आती है। विशेष घटनाओं की वीडियो सीडी की माँग होने पर निर्धारित मूल्य तय कर जनसामान्य को इसकी प्रति उपलब्ध करवाई जा सकती है।
विधानसभा चुनाव –
निर्वाचित प्रतिनिधि नहीं बन सकेंगे अभ्यर्थियों के निर्वाचन, मतदान एवं मतगणना एजेंट
कटनी, (23 अक्टूबर) – भारत निर्वाचन आयोग ने किसी भी निर्वाचन में केन्द्र व राज्य सरकार के मंत्रियों और सांसदों, विधानसभा एवं विधान परिषदों के सदस्यों तथा राज्य का सुरक्षा कवर प्राप्त किसी अन्य व्यक्ति को चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के निर्वाचन अभिकर्ता, मतदान अभिकर्ता एवं मतगणना अभिकर्ता बनाने पर रोक लगाई है ।
निर्वाचन आयोग ने कहा है कि निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ रहने वाले सुरक्षा कर्मियों को मतदान केन्द्र एवं मतगणना केन्द्र में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा सकती और न ही उनकी सुरक्षा को उनके सुरक्षा कर्मियों की अनुपस्थिति में खतरे में डाला जा सकता है । आयोग के मुताबिक सुरक्षा कवर वाले किसी व्यक्ति को निर्वाचन अभिकर्त्ता, मतदान अभिकर्त्ता एवं मतगणना अभिकर्ता बनने के लिए सुरक्षा कवर वापस करने की अनुमति भी नहीं दी जा सकती है ।
फोटो नहीं
विधानसभा चुनाव –
अभ्यर्थियों द्वारा दाखिल किए गए शपथ पत्र की प्रतियां वेबसाइट पर डाली जायेगी
कटनी, (23 अक्टूबर) – विधानसभा चुनाव के दौरान मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों और अमान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के अभ्यर्थियों एवं निर्दलीय अभ्यर्थी द्वारा दाखिल किए गए शपथ पत्रों की प्रतियां स्केन कर 24 घंटे के भीतर वेबसाइट पर डाली जाएगी। यदि कोई अभ्यर्थी अपना नाम-निर्देशन पत्र वापस लेता है, तो ऐसी स्थिति में उसके द्वारा प्रस्तुत किए गए शपथ पत्र को वेबसाइट से नही हटाया जाएगा। यह निर्देश निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए हैं।
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