Chief Editor

Dharmendra Singh

Office address -: hanuman colony gole ka mandir gwalior (m.p.) Production office-:D304, 3rd floor sector 10 noida Delhi Mobile number-: 9806239561, 9425909162

October 2025
M T W T F S S
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
October 19, 2025

सच दिखाने की हिम्मत

इंदौर, उज्जैन के बाद ग्वालियर के मिल श्रमिकों को भी मिलेगा लाभ

मुख्यमंत्री ने संभागों के प्रभारी प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों से की चर्चा

भोपाल 26 दिसम्बर 2023/ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि संभाग स्तर पर जनता के कल्याण और योजनाओं के क्रियान्वयन को बेहतर बनाने राज्य स्तर से वरिष्ठ अधिकारियों को मॉनीटरिंग का दायित्व सौंपा गया है। प्रशासनिक कसावट के साथ लोगों को सरलता से सेवाएं प्राप्त होंगी और इससे विभिन्न कठिनाइयां दूर होंगी। सभी अधिकारी-कर्मचारी अपने मुख्यालय के साथ ही फील्ड में भी पर्याप्त समय दें, आवश्यकतानुसार रात्रि विश्राम कर जनता की समस्याएं समझते हुए निराकरण की प्रभावी कार्रवाई करें। उज्जैन की विनोद मिल और इंदौर की हुकुमचंद मिल के श्रमिकों को देनदारी की राशि दी गई है। इसी तरह ग्वालियर की जेसी मिल के श्रमिकों को भी यह लाभ दिलाने के लिए रोडमैप बनाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अधिकारियों को कहा कि ऐसा कार्य होना चाहिए जिससे प्रदेश की विकास और कानून व्यवस्था के क्षेत्र में मिसाल दी जा सके। आगामी 20 – 25 वर्ष की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनाएं और लागू करें।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आमजन से प्राप्त होने वाली शिकायतों का समय पर निराकरण हो, अधिकारियों-कर्मचारियों के रात्रि विश्राम के निर्धारित शेड्यूल का भी पालन हो। नगर से ग्राम तक नागरिकों को सरलता से सेवाएं दिलाने का कार्य होना चाहिए। जिलों में कलेक्टर और कमिश्नर के साथ वरिष्ठ अधिकारी मॉनीटरिंग करेंगे तो कार्य बेहतर होगा, यह वरिष्ठ अधिकारी सेतु की भूमिका निभाएंगे। समन्वय के साथ पारदर्शितापूर्वक शासन की योजनाओं को लागू करने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अधिकारी आकस्मिक दौरे भी करेंगे, तो जनता को अच्छी सेवाएं मिलेंगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को मंत्रालय सभाकक्ष में एक बैठक में संभागों के प्रभारी सभी अपर मुख्य सचिवों और सभी अतिरिक्त पुलिस महानिदेशकों से चर्चा में यह बातें कही। उल्लेखनीय है कि राज्य शासन ने मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में संभाग स्तर पर विकास कार्यों की समीक्षा के पूर्व वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को संभागवार दायित्व सौंपे हैं। इससे अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी प्रभावी अनुश्रवण और पर्यवेक्षण का कार्य सुनिश्चित कर सकेंगे। जिलों में राज्य स्तर के विषयों का विभिन्न विभागों के समन्वय से निराकरण हो सकेगा। इस व्यवस्था में अपर मुख्य सचिव द्वारा दो माह में कम से कम एक बार संभाग के जिलों का भ्रमण कर प्रतिमाह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विकास कार्यों की समीक्षा की जाएगी। जिलों के लिए चिन्हित प्रमुख योजनाओं और परियोजनाओं की समीक्षा के साथ ही मुख्यमंत्री की संभागीय बैठकों में भी अपर मुख्य सचिव उपस्थित रहेंगे। इसी तरह संभागों में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारियों को कानून व्यवस्था और पुलिस के कार्यों की समीक्षा का दायित्व सौंपा गया है।

धार्मिक प्रतिमाएं और अन्य कलात्मक सामग्री स्थानीय तौर पर निर्मित हो

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के प्रमुख धार्मिक और आध्यात्मिक स्थानों पर मूर्तियों के विक्रय और भगवान जी के वस्त्रों के विक्रय का कार्य होता है, यह सामग्री अन्य प्रांतों से आती है। स्थानीय लोगों को रोजगार देने और स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने के लिए कला शिविर लगाकर ऐसी सामग्री के निर्माण में दक्ष बनाया जाएं। लघु उद्योगों को प्रोत्साहित किया जाएं। इससे स्थानीय लोगों की भी आय वृद्धि होगी और विविध वस्तुओं की उपलब्धता से धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा भी मिलेगा।

देश के प्रख्यात धर्म-स्थलों की व्यवस्थाओं का करें अध्ययन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि तिरूपति बालाजी की तर्ज पर उज्जैन में भी ट्रैफिक व्यवस्था के लिए कदम उठाएं जाएं। श्रद्धालुओं को आने-जाने में असुविधा न हो। यात्रियों का समय जाया न हो और वे आसानी से कम समय में दर्शन कर अन्य स्थान के लिए रवाना हो सके, ऐसी व्यवस्था विकसित की जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि संक्रांति, सावन, माघ आदि के अवसर पर बुजुर्ग यात्री कुछ दिन विश्राम कर सकें, इसके लिए धर्म स्थलों के नजदीक आश्रम एवं अन्य आवासीय व्यवस्था की जाएं।

कृषि के साथ पशुपालन और अन्य गतिविधियों के लिए सहयोग करें

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में किसानों को कृषि कार्य के साथ ही पशुपालन के लिए भी आवश्यक सहयोग दिया जाएं। विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित करते हुए उनकी आय वृद्धि के प्रयास हों। गुजरात जैसे राज्यों में ग्रामोद्योग के सफल प्रयोग हुए हैं, इन्हें मध्यप्रदेश में भी लागू किया जाए।

इंदौर में ही तेज ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर अंकुश के लिए 12 हजार कार्यवाहियां

बैठक में बताया गया कि गत सप्ताह राज्य शासन द्वारा निर्धारित मापदंड से तेज आवाज वाले ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर अंकुश के लिए निर्देश दिए गए थे, इसके परिपालन में अकेले इंदौर में 12 हजार कार्यवाहियां की गई हैं। इसी तरह आदतन अपराधियों के विरूद्ध सख्ती बरती जा रही है। करीब एक हजार प्रकरण चिन्हित किए गए हैं। इनसे संबंधित प्रक्रियात्मक कार्यवाही चल रही है। इंदौर और उज्जैन में होमगार्ड जवानों को पुलिस बैंड प्रशिक्षण की पहल हुई है। यातायात व्यवस्था में सुधार की पहल भी की गई है। युवाओं द्वारा नशीले पदार्थों के उपयोग के नुकसान बताने के लिए आवश्यक जागरूकता अभियान के लिए सामाजिक न्याय विभाग के समन्वय से प्रयास किए जाएंगे। रिक्त पदों की पूर्ति केलिए भी प्रक्रिया अपनाई जा रही है।

बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा, पुलिस महानिदेशक श्री एस.के. सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री राघवेन्द्र सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव ने संभागों में किए गए भ्रमण और जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन, संभागों में ली गई अधिकारियों की बैठकों का ब्यौरा दिया। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशकों ने भी संभागीय बैठकों का विवरण दिया।

प्रमुख निर्देश

• जनहित से जुड़े कार्यों में पारदर्शिता रहें। वरिष्ठ अधिकारी निरंतर समीक्षा करें।
• सरकार की योजनाओं का सुदृढ़ क्रियान्वयन हों।
• योजनाओं की सतत मानीटरिंग की जाएं।
• सभी क्षेत्रों में कानून व्यवस्था की स्थिति मजबूत रहें।
• पटवारी और अन्य कर्मचारी रात्रि विश्राम कर ग्रामों की समस्याएं हल करें। अधिकारी-कर्मचारी जनता को आवश्यक सेवाएं देने के लिए अपने मुख्यालय और मैदान स्तर पर सक्रिय रहें।
• शहरों में यातायात प्रबंध सुगम बनाएं। रेल सुविधाएं बढ़ाने पर भी अध्ययन कर सुझाव दें। केन्द्रीय रेल मंत्री को आवश्यक प्रस्ताव शीघ्र भेजे जाएंगे।
• मिलों के श्रमिकों को राहत देने का कार्य उज्जैन, इंदौर में हुआ है। ग्वालियर की जेसी मिल के श्रमिकों को भी लाभान्वित करें।
• प्रशासनिक कसावट पर ध्यान दिया जाएं।
• पुलिस कर्मियों की आवास व्यवस्था बेहतर बनाएं।
• मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई के साथ समस्याएं प्रतिदिन हल की जाएं।
• वीआईपी दौरे के समय आम जनता को कष्ट न हों।
• मध्यप्रदेश को विकास और कानून व्यवस्था में मिसाल के रूप में स्थापित करें।