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Dharmendra Singh

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June 21, 2025

सच दिखाने की हिम्मत

ब्रेकिंग। *सरसों की फसल से होगा किसानों को बंपर मुनाफा* कलेक्टर श्री प्रसाद ने रीठी के गांवों और खेतों में पहुंचकर किसानों से की चर्चा कहा-पड़ोसी किसानों को भी सरसों की फ़सल लेने की दें सलाह

ब्रेकिंग। *सरसों की फसल से होगा किसानों को बंपर मुनाफा*

कलेक्टर श्री प्रसाद ने रीठी के गांवों और खेतों में पहुंचकर किसानों से की चर्चा

कहा-पड़ोसी किसानों को भी सरसों की फ़सल लेने की दें सलाह

कटनी।सरसों की खेती को प्रोत्साहित करने हेतु मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश कटनी जिले में फलीभूत होते दिख रहे हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर कलेक्टर श्री अवि प्रसाद ने जिले में सरसों के उत्पादन को प्रोत्साहित कर कटनी को प्रदेश का अग्रणी सरसों उत्पादक जिला बनाने की दिशा में कोशिशें शुरू की। जिससे बीते साल की तुलना में इस साल जिले में सरसों के फसलोच्छादन क्षेत्र में 3200 हेक्टेयर की बढ़ोतरी हुई है।

कलेक्टर श्री प्रसाद ने शुक्रवार को रीठी विकासखंड के गांवों के खेतों में पहुंच कर फसलों का निरीक्षण किया और किसानों से चर्चा की। कैना गांव के किसान कमला प्रसाद पटेल उर्फ चाहानू ने बताया कि इस बार रीठी क्षेत्र में सरसों की फसल किसानों के लिए बंपर कमाई वाली साबित होगी। कलेक्टर ने सरसों की खेती कर रहे किसानों से कहा कि गेहूं की खेती करने वाले अपने पड़ोसी किसानों को भी सरसों उगाने के लिए समझाइश दें।

यहां बताते चलें कि बीते साल के अगस्त, सितंबर माह में रीठी सहित जिले के अन्य ग्रामों के भ्रमण के दौरान किसानों को सरसों की खेती हेतु प्रेरित किया और गेहूं और चना की उपज की तुलना में सरसों से होने वाले अधिक मुनाफे की जानकारी देते रहे। साथ ही उन्होंने किसानों को सरसों की खेती से आमदनी और प्रति हेक्टेयर गेहूं की खेती की तुलना में कम लागत की समझाइश देने कृषि विभाग के मैदानी अमले को निर्देशित किया था।

*जिले में निरंतर बढ़ रहा सरसों का रकबा*

कटनी।जिले में रीठी एवं बहोरीबंद विकासखंड के पठारी क्षेत्र में पानी की कमी होने के कारण रबी की मुख्य फसल गेहूं का उत्पादन कम प्राप्त होता है। साथ ही सरसों की खेती में लागत की तुलना में मुनाफा ज्यादा होता है।जिससे किसानों की विगत वर्षों से सरसों की खेती में रुचि बढी है। जिससे लगातार सरसों का रकबा बढ़ रहा है। इन क्षेत्र में किसानो के द्वारा सरसों की खेती एकल फसल के रूप में की जा रही है।

*सरसों की खेती से मिल रहा अधिक मुनाफा*

सरसों की खेती किसानों के लिए लाभकारी भी सिद्ध हो रही है l गेहूं की खेती में एक हेक्टर में औसत उत्पादन पठारी क्षेत्र में जहां 35 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त होता है और प्रति हेक्टेयर खेती की औसत लागत 35 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर आती है एवं औसत उत्पादन 35 क्विंटल प्रति हेक्टर प्राप्त होता है। जिससे प्रति हेक्टेयर उपज से 80 हजार रुपए प्राप्त होते हैं। इस प्रकार गेहूं की खेती से शुद्ध मुनाफा 45 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर प्राप्त होता है। जबकि सरसों की खेती की प्रति हेक्टेयर लागत करीब रुपए 20 हजार रुपए आती है और इसका औसत उत्पादन लगभग 13 क्विंटल प्रति हेक्टेयर प्राप्त होता है। इस प्रकार एक हेक्टेयर से करीब 78 हजार रुपए का उत्पादन प्राप्त होता है एवं शुद्ध मुनाफा 58 हजार रुपए का प्राप्त होता है। इस तरह सरसों की खेती से गेहूं की तुलना में 13 हजार रुपए प्रति क्विंटल का अधिक फायदा होता है।पठारी क्षेत्र जहां पर सिंचाई के संसाधन कम हैं ।

 

*हर साल बढ़ रहा सरसों का रकवा*

सरसों की खेती से कम लागत पर ज्यादा मुनाफा प्राप्त होने की वजह से कृषकों की सरसों के प्रति खेती में रुचि बढ़ी है और लगातार सरसों का रकबा कटनी और बहोरीबंद के पठारी क्षेत्र में बढ़ रहा है। उप संचालक कृषि ने बताया कि रबी 2021–22 में सरसों का रकबा जिले में 8905 हेक्टेयर था, जो वर्ष 2022–23 में बढ़कर 11 हजार 300 हेक्टेयर हो गया और इस वर्ष जिले में सरसों का रकबा बढ़कर लगभग 14 हजार 500 हेक्टेयर हो गया है। इस तरह वर्ष 2021–22 की तुलना में जिले में 63 फीसदी सरसों के रकबे में वृद्धि हुई है। सरसों का रकबा बढ़ाने के लिए कलेक्टर श्री प्रसाद के नेतृत्व में किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग एवं जिला प्रशासन के माध्यम से उन्नतशील सरसों की किस्म का वितरण विगत वर्षों से लगातार किया जा रहा है। इस वर्ष भी सरसों की हाइब्रिड किस्म का वितरण जिले में किया गया है। इस तरह सरसों का रकबा बढ़ने से प्रदेश में जिले की पहचान सरसों उत्पादक जिले के रूप में हो रही है। कटनी जिला समर्थन मूल्य पर सरसों के उपार्जन के लिए भी चयनित है विगत वर्ष में 4715 मेट्रिक टन सरसों
सरसों का उपार्जन हुआ था।