Chief Editor

Dharmendra Singh

Office address -: hanuman colony gole ka mandir gwalior (m.p.) Production office-:D304, 3rd floor sector 10 noida Delhi Mobile number-: 9806239561, 9425909162

October 2025
M T W T F S S
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
October 19, 2025

सच दिखाने की हिम्मत

पुलिस लाइन बड़वारा में बदहाल स्थिति: कर्मचारी पन्नी लगाकर रहने को मजबूर, अधिकारियों की अनदेखी जारी

बड़वारा। स्थानीय पुलिस लाइन की हालत किसी खंडहर से कम नहीं है। जहां एक ओर प्रदेश सरकार पुलिस व्यवस्था को सुदृढ़ करने के दावे करती है, वहीं दूसरी ओर ज़मीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। बड़वारा पुलिस लाइन की जर्जर स्थिति यह दर्शाती है कि यहां तैनात पुलिसकर्मियों की बुनियादी सुविधाओं तक का कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा।

जानकारी के अनुसार, पुलिस लाइन में बने सरकारी क्वार्टर पूरी तरह जर्जर हो चुके हैं। कई कर्मचारी मजबूरीवश पन्नी और टाट लगाकर रह रहे हैं। न छत सही, न दरवाजे—बारिश और धूप से बचने के लिए खुद की जुगाड़ ही एकमात्र सहारा है। यह हाल तब है जब यह सुरक्षा देने वाली पुलिस की छावनी मानी जाती है।

दो दबंग महिला थाना प्रभारियों की नियुक्ति बड़वारा में हुई थी। मनीष सिंह ने थाने की जमीन को सुरक्षित रखने का प्रयास किया और बाद में आईं रश्मि सोनकर ने भवन की दयनीय स्थिति को देखकर अपने प्रयासों से सरकारी क्वार्टर का नवीनीकरण कराया, लेकिन दुर्भाग्यवश वे स्वयं वहां रह भी नहीं पाईं और उनका तबादला हो गया।

रश्मि सोनकर के स्थानांतरण के बाद नवनिर्मित भवन से दरवाजों में लगे उपकरण, सामग्री और यहां तक कि गिट्टी-रेता तक गायब हो गई। इस लापरवाही और चोरी की घटनाओं पर अब तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई, जिससे साफ है कि उच्च अधिकारी इस गंभीर विषय पर आंख मूंदे बैठे हैं।

आज हालात ये हैं कि बड़वारा पुलिस लाइन में रहने वाले कर्मचारियों को मूलभूत सुविधाओं के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है। उनका मनोबल टूट रहा है और वे अपने विभाग की उपेक्षा से हताश हैं।

प्रश्न यह उठता है कि—जब सुरक्षा देने वाले खुद असुरक्षित और बदहाल हालात में रहने को मजबूर हैं, तो फिर आम जनता की सुरक्षा की उम्मीद कैसे की जाए?