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Dharmendra Singh

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October 19, 2025

सच दिखाने की हिम्मत

श्रीमद्भागवत कथा में चौथे दिन वामन अवतार एवं प्रहलाद चरित्र की कथा सुनाई
पोरसा,,,,,,,,,,,, ग्राम शाहपुरा में संगीतमय श्रीमद भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का आयोजन किया जा रहा है जिसमें पंडित आकाश कृष्ण शास्त्री जी ने आज कथा के चौथे दिन महाराज ने वामन अवतार एवं प्रहलाद चरित्र की कथा सुनाई। कथावाचक ने कथा सुनाते हुए कहा कि जीवन में ऐसे मोड़ आते हैं, जिसका हमें अंदेशा भी नहीं होता है। हमें हर बुराई से लडऩे के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि मनुष्य रूप में जन्म लेना सबसे बड़ी उपलब्धि है। कथा के दौरान ग्रामीण भक्त भक्ति में झूमने लगे। वामन अवतार की कथा सुनाते श्री शास्त्री जी ने कहा कि राजा बलि को यह अभिमान था कि उसके बराबर समर्थ इस संसार में कोई नहीं है। भगवान ने राजा बलि का अभिमान चूर करने के लिए वामन का रूप धारण किया और भिक्षा मांगने राजा बलि के पास पहुंच गए। अभिमान से चूर राजा ने वामन को उसकी इच्छानुसार दक्षिणा देने का वचन दिया। वामन रूपी भगवान ने राजा से दान में तीन पग भूमि मांगी। राजा वामन का छोटा स्वरूप देख हंसा और तीन पग धरती नापने को कहा इसके बाद भगवान ने विराट रूप धारण कर एक पग में धरती आकाश दूसरे पग में पाताल नाप लिया और राजा से अपना तीसरा पग रखने के लिए स्थान मांगा। प्रभु का विराट रूप देख राजा का घमंड टूट गया और वह दोनों हाथ जोड़कर प्रभु के आगे नतमस्तक होकर बैठ गया और तीसरा पग अपने सर पर रखने की प्रार्थना की। वामन अवतार का झांकियों के साथ वृतांत सुनकर भक्त भाव-विभोर हो गए। कथा के बीच-बीच में भजनों ने भक्तों को भक्ति में झूमने के लिए मजबूर कर दिया। आयोजक अशोक सिंह तोमर ने भागवत मंच की आरती की। कथा में चौथे दिन महामंडलेश्वर महंत रामलखन दास जी महाराज का भागवत कथा प्रांगण में आगमन हुआ जहां उपस्थित श्रद्धालुओं ने संतजनों के दर्शन कर पुण्य लाभ लिया।

मुरैना से ब्यूरो चीफ कौशलेंद्र तोमर