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Dharmendra Singh

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October 19, 2025

सच दिखाने की हिम्मत

माता पिता बच्चों को हमेशा सत्संग में ले जाए, जिससे उनमें संस्कार और संस्कृति का ज्ञान बढे- साध्वी श्रद्धा गोपाल सरस्वती दीदी

राजवाडा प्रांगण में श्री गौ कृपा कथा में श्रद्धालुओं की भारी भीड उमडी

आलीराजपुर। साल के 11 महीने में हमें दुध का सेवन करना चाहिए बाकी श्रावण माह में दुध नहीं पीना पीना चाहिए। श्रावण माह में भोलेनाथ बाबा को दुध चढाना चाहिए। हमेशा गरीबों की सेवा करना चाहिए। गौ माता का संग करने से जीवन में सात्विकता बढती है। पढने वाला बच्चा गौवृत्ति होना चाहिए। आजकल पर्यावरण प्रेमी लोग होली पर पानी बचाने का, दीपावली पर पटाखे नहीं फोडने का और श्रावण माह में भोलेनाथ पर दुध नहीं चढाने का संदेश सोशल मीडिया पर फैलाकर अपने आपको पर्यावरण प्रेमी बताते है। जबकि वर्षभर वे उस समय मौन धारण किए रहते है जब कोई प्रभावशाली नेता, अभिनेता विभिन्न कार्यक्रमों में पटाखों को फोडते है तब ये पर्यावरण प्रेमी चिरनिद्रा में सोए रहते है। उक्त अमृत वचन राजवाडा प्रांगण में गौ भक्त राठौड समाज द्वारा आयोजित श्री गौ कृपा कथा के चौथे दिन पूज्य साध्वी श्रद्धा गोपाल सरस्वती दीदीजी ने श्रद्धालुओं को कथा के दौरान खचाखच भरे पांडाल में कही। प्रारंभ में पूज्य दीदी ने गौ माता का पूजन किया।
आगे पूज्य श्रद्धा दीदी ने कहा प्राचीन गुरूकुल शिक्षा पद्धति देश में लागू होना चाहिए तभी शिक्षा का स्तर सुधरेगा, गुरूकुल खुलेंगे तो देश में रामराज्य की स्थापना हो जाएगी। डेंगू, सिरदर्द व आंखों की बिमारी का गौमूत्र द्वारा उपचार की विधि बताई गई। हमेशा बच्चे को पांच की आयु के बाद ही स्कूल भेजना चाहिए, इससे बच्चे का मानसिक विकास अच्छा होता है। जिसने बचपन आनंद से जिया है वह पचपन भी आनंद से जिएगा। कृष्ण भगवान व यशोदा की कथा सुनाते हुए कहा कि दीपावली के बाद की अष्टमी को गोपाष्टमी कहते है। आजकल के माता पिता बच्चों को सत्संग में नहीं ले जाते है, जबकि कथा वास्तविक रूप से बच्चों के लिए ही होती है। आजकल की पढाई बच्चों को संस्कार नहीं दे सकती, संस्कार तो बच्चों को कथा और गुरू से ही मिलते है। मात-पिता बच्चों को सत्संग में ले जाए और संतो के सानिध्य में उन्हें सुंस्कारित करने में अपनी भूमिका निभाएं। वर्तमान में पढाई में गौ माता की बहुत आवश्यकता होती है, गाय का दुध पिओगे तो कृष्ण भगवान जैसे बनोगे, भैंस का दुध पिओगे तो पाडे जैसे बनोगे, कभी भी जर्सी गाय का दुध नहीं पीना चाहिए। गौ मूत्र सुबह पीने से कई बिमारियां दूर होती है। दोपहर में भोजन के बाद कोल्डड्रिंक्स की बजाय छाछ देना चाहिए। कोल्डड्रिंक टॉयलेट क्लीनर है।
गाय का घी नाक में डालने से एकाग्रता बढती है। बच्चों को सतोगुणी बनाने के लिए गाय की संगत करना चाहिए। रूपवान और पढाई की डिग्री देखकर लाने की बजाय बहु ऐसी लाना चाहिए जो सास-ससूर की सेवा करे और परिवार को एकसूत्र में पिरोकर रख सके। पति पत्नि में हमेशा प्रेम होना चाहिए।
पूज्य दीदी ने कहा कि गर्भधारण के नौ माह के दौरान किए जाने वाले आचरण, खानपान व अन्न प्राशन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वर्तमान में सीजर ऑपरेशन से बच्चे जन्म ले रहे है। जिनकी वास्तविक जन्मकुण्डली भी नहीं बनाई जा सकती। पूज्य दीदी ने पांडाल में जैसे ही भजन गुरू वशिष्ठ महामुनि ज्ञानी, लिख-लिख लगन भरे दशरथ मरण हरे सीता को माही करणी तारो करे तथा गाय चरावां जाओं म्हारी, मां मै तो गाय चरावा जाउं, नीली-नीली घास जिमासुं, कानू हरकर वन में लागू, कानू आगे-आगे भाग्यो वैसे ही श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए।
मीडिया प्रभारी कृष्णकान्त बेडिया ने बताया कि आज कथा में नगरपालिका उपाध्यक्ष एवं माहेश्वरी समाज अध्यक्ष मकू परवाल, जिला पंचायत सदस्य इंदरसिंह चौहान, जैन समाज अध्यक्ष मनीष जैन, वाणी समाज अध्यक्ष जयंतीलाल वाणी, श्री दशा वैष्णव पोरवाड समाज से विरेन्द्र गुप्ता, पूर्व नपाध्यक्ष सेना पटेल, माहेश्वरी महिला मण्डल, ब्राम्हण समाज, श्री दशा वैष्ण पोरवाड समाज महिला मण्डल, हरसोला समाज महिला मण्डल, असाडा राजपूत समाज महिला मण्डल, माली समाज महिला मण्डल, प्रजापत समाज महिला मण्डल, श्री देववंशीय लोहार-सुतार समाज, वाणी समाज महिला मण्डल सहित अल्य समाज की महिला मण्डल सदस्यों का पूज्य दीदी ने दुपटटा पहनाकर स्वागत किया। आज प्रवेश द्वार पर सभी श्रद्धालुओं का राठौड समाज अध्यक्ष किशनलाल राठौड, कोषाध्यक्ष शंकरलाल राठौड व गोपाल राठौड ने स्वागत व अभिवादन किया। संत निवास की व्यवस्था दीपक संतोष राठौड द्वारा बखूबी संभाल रहे है। पांडाल व्यवस्था सुभाष राठौड, जगदीश राठौड पिपल्यावाट, भागीरथ राठौड फुलमाल व पिंटू राठौड फुलमाल बखूगी सहयोग दे रहे है। प्रसादी वितरण समिति में मनीष अगाल, धमेन्द्र सोमानी, रमाकांत कोठारी, मनीष मंत्री, मनोज कोठारी, रितेश नगवाडिया, राजेश सोमानी, सचिन सोमानी, अंकित परवाल, अर्पित बेडिया आदि का सराहनीय योगदान रहा। कथा के मुख्य यजमान दामोदर मिश्रिलाल राठौड, प्रकाश शोभाराम राठौड व किशनलाल राठौड परिवार है। कार्यक्रम का संचालन राठौड युवा मंच अध्यक्ष कमल राठौड व कुलदीप राठौड ने किया। राठौड समाज अध्यक्ष किशनलाल राठौड ने बताया कि कथा में आम्बुआ, आजादनगर, जोबट, चांदपुर, छकतला, वालपुर, उमराली, नानपुर, कुक्षी, खटटाली सहित अनेक जगह से श्रद्धालु बडी संख्या में आए। अंत में पूज्य श्रद्धा दीदी ने श्रद्धालुओं की खुशहाली के लिए लिए संकल्प लिया व अंत में महाआरती के साथ महाप्रसादी का वितरण किया गया