जगदीश पाटीदार रिपोर्टर



गुरु परम तत्व है जो शिष्य के जीवन को अमृत मयमें बना देते हैं ।गुरु द्वारा बोले गए वचन ,उनके चरणों का स्पर्श, कृपा दृष्टि सब कुछ कृपा पुरण है। आस्था और सेवा का अनूठा संगम है श्री धाम बालीपुर ।
उक्त विचार श्री श्री योगेश जी महाराज ने कहा
गुरुर ब्रह्मा ,गुरुर विष्णु ,गुरुर देवो महेश्वरा———-‘ गुरु के प्रति आस्था व्यक्त करते हुए गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर श्रद्धालु भक्तों द्वारा गुरु पादुका पूजन बड़े धैर्य, सहनशीलता एवम श्रद्धा से नमन करते हुए जय जय गुरुदेव के साथ भाव भक्ति के साथ दर्शन किए ।संसार में गुरु को सबसे उच्च स्थान का दर्जा दिया गया ।प्राणी मात्र के जीवन में गुरु की बहुत बड़ी भूमिका रहती है। जैसे रेगिस्तान में पानी ढूंढने पर विवश है, ऐसे गुरु के बिना जीवनअसफल हो जाता है।
गुरु वह है जो अंधकार में रोशनी के दिया जला देता है। संसार के सबसे बड़े ग्रंथ महाभारत के रचयिता महर्षि वेदव्यास जी का जन्म होने से गुरु पूरणिमा या व्यास दिवस के रूप में मनाते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शंकर जी ने सप्त त्रषियो को योग और ज्ञान का उपदेश दिया था। भारतीय संस्कृति के अनुसार गुरु को देवता तुल्य माना गया है।
सब धरती पर कागज करूं, लिखनी सब बनराय। सात समुद्र की मसि करूं गुरु गुण लिखा न जाए। गुरुजनों का सम्मान करना अपना कर्तव्य है। हमारे जीवन में गुरु का बहुत विशेष योगदान है। बिना गुरु के किसी सफलता को हासिल करना नामुमकिन है। महर्षि वेदव्यास जी का जन्म आषाढ़ पूर्णिमा को लगभग 3000 ईसा से पूर्व में हुआ था। उनके सम्मान में हर वक्त आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है । व्यास जी ने छह शास्त्रों और 18 पुराणों की रचना की थी। परम गुरुदेव बाबा जी प्रति गुरु के प्रति आस्था व्यक्त करते हुए श्रद्धालुओं ने गुरु पादुका पद को रथ में लेकर शोभा यात्रा निकाली। सतगुरु सेवा समिति के जगदीश पाटीदार ने बताया कि श्री धाम बालीपुर से प्रारंभ होकर पालकी यात्रा -हनुमान मंदिर, जोगमाया मंदिर, सीतला माता मंदिर ,बाबा जी कुटिया होते हुए आश्रम में पहुंची। यहां पर यात्रा का पूरे गांव में भव्य स्वागत किया गया है ।बैंड बाजे ,ढोल ताशे के साथ महिलाओं एवम बच्चों ने नृत्य किए ।भक्तों ने जय जय गुरुदेव के नारे लगाए ।आश्रम को फुल गुब्बारों से साज- सज्जा की गई। पूरी यात्रा मार्ग फूलों से पट गया । भक्तों का सैलाब उमड़ा। भक्तों का तांता लग गया। यज्ञाचार्य ,वेद आचार्य , ब्राह्मण बटुको पारा काफी मात्रा में शोभायात्रा में सम्मिलित हुए । 108 रामायण पाठ दो दिवसीय हुए।शोभायात्रा की पैदल यात्रा का स्वागत किया गया। प्रसिद्ध गायिका दुर्गा गामड़ ,कौशल शर्मा इंदौर द्वारा भजनों की प्रस्तुति आज रात में दी जाएगी ।श्रद्धालु भक्त शोभायात्रा में इंदौर से भोपाल से मनोहर सोनी अलीराजपुर से लाला , राजगढ़ के सामाजिक कार्यकर्ता ,धर्मिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियो के प्रमुख श्री गोविंद जी पाटीदार ,विश्व नाथ दसोरे,सब इंजिनियर भोपाल, योगेश जोशी आर. एस .एस. प्रमुख बडवाह,जिला पंचायत सदस्य क्रमांक – 14 ,मनोज सिंह गोतम उपस्थित हुए ।विशाल भंडारा हुआ। भंडारे में सभी गुरु भक्तों का अपार सहयोग रहा। बालीपुर मनावर।
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