Chief Editor

Dharmendra Singh

Office address -: hanuman colony gole ka mandir gwalior (m.p.) Production office-:D304, 3rd floor sector 10 noida Delhi Mobile number-: 9806239561, 9425909162

October 2025
M T W T F S S
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
October 19, 2025

सच दिखाने की हिम्मत

ब्यूरो चीफ अनिल शर्मा



*बरही -विजयराघवगढ़ का एसडीओ और बरही का सचिव जवाब देने के लिए तलब किया गया*

*हाई कोर्ट ने किसानों को चार वर्ष से गेहूं खरीदी के पैसे न देने पर लगाई कड़ी फटकार*

*जवाब पेश नहीं करने पर भाजपाई सरकार पर लगाई कास्ट -25 हजार की*

*जवाब पेश करने की अंतिम मोहलत, तल्ख टिप्पणी में कहा-किसानों को अब तक भुगतान न करना सरकार के दोहरे चरित्र का परिचायक*

*कटनी । हाई कोर्ट ने किसानों को पिछले चार वर्ष से गेहूं खरीदी के पैसों का भुगतान नहीं करने के मामले में सरकार को कड़ी फटकार लगाई। न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने अपनी तल्ख टिप्पणी में कहा कि सरकार एक तरफ तो खुद को किसान हितैषी बताती है, वहीं दूसरी तरफ किसानों से जुड़े मुद्दे पर पिछले तीन साल से जवाब तक पेश नहीं कर सकी है। दरअसल, वर्ष 2018 में खरीदे गए गेहूं का किसानों को अब तक भुगतान न करना सरकार के दोहरे चरित्र को दर्शाता है। लिहाजा, सरकार पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाता है। यह राशि जवाब पेश नहीं करने के दोषी अधिकारी से 10 दिन के भीतर वसूल कर हाई कोर्ट विधिक सेवा समिति में जमा कराई जाए। कोर्ट ने जुर्माना राशि जमा कराने की शर्त पर ही सरकार को जवाब पेश करने 10 दिन की मोहलत दी है। कोर्ट ने ऐसा न होने पर अगली सुनवाई के दौरान एसडीओ बरही/विजयराघवगढ़ व प्राथमिक कृषि साख समिति खितौली बरही के सचिव को हाजिर रहने के निर्देश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई 23 अगस्त को निर्धारित की गई है।*

कटनी के प्रमोद कुमार चतुर्वेदी सहित आठ किसानों ने वर्ष 2019 में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता सुरेन्द्र कुमार मिश्रा ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि किसानों ने वर्ष 2018 में अप्रैल-मई माह में गेहूं बेचा था। जब पैसा नहीं मिला तो किसानों ने 2019 में हाई कोर्ट में याचिका दायर की। शासन की ओर से पैनल लायर जितेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि महाधिवक्ता कार्यालय से तीन बार रिमाइंडर भेजा गया है, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने जुर्माने की राशि जमा करने की शर्त पर जवाब के लिए अंतिम मोहलत प्रदान की है।