विशाल भौरसे रिपोर्टर



रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी में स्वाधीनता का अमृत महोत्सव के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व मुख्यवक्ता जे. नंदकुमार जी ने स्वाधीनता आंदोलन के विशेष संदर्भ में ‘स्व’ का संघर्ष विषय पर कहा कि ‘स्व’ को लेकर संघर्ष भारतीय प्राचीन काल से चल रहा है. छत्रपति शिवाजी ने हिंदवी स्वराज का स्वप्न देखा था. यूरोपीय शक्तियों के विरुद्ध भी संघर्ष उस दिन से प्रारम्भ हो गया था, जब उन्होंने भारत पर कुदृष्टि डाली थी, किन्तु इतिहास के पन्नों पर उनका नाम शामिल नहीं है.
मुख्यवक्ता जे. नंदकुमार जी ने कहा कि पूरे विश्व में भारत के जैसा स्वतंत्रता संग्राम कहीं नहीं हुआ. भारत के छोटे-छोटे राज्यों के राजाओं ने और जनता ने परकीयों का विरोध किया. 1498 में वास्को डी गामा के आने के बाद से ही भारत ने यूरोपीय शक्ति के विरुद्ध संघर्ष शुरू कर दिया था.
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