Chief Editor

Dharmendra Singh

Office address -: hanuman colony gole ka mandir gwalior (m.p.) Production office-:D304, 3rd floor sector 10 noida Delhi Mobile number-: 9806239561, 9425909162

October 2025
M T W T F S S
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
October 19, 2025

सच दिखाने की हिम्मत

राहुल राठोड़ रिपोर्टर

सरदारपुर // राजोद क्षेत्र के गांव अधिकतर खेती पर निर्भर है ऐसे में फसलों पर आई प्राकृतिक आपदा से किसानों के चेहरो पर मायूसी छा गई किसान अपनी फसलों में प्राकृतिक बीमारियों से मायूस हुए किसानों के खेतों में लगी फसलें अचानक नष्ट हो रही है प्राकृतिक बीमारियों से जूझ रही फसलों से किसानों को अब कोई आस नहीं है। किसानों का कहना है कि अब लागत निकलना तो दूर इसे कटाना भी महंगा पड़ेगा। ऐसे में अब किसान मदद की उम्मीद शासन से लगा रहे है। जिससे उन्हें फसलों की क्षतिपूर्ति और फसल बीमा का लाभ मिलने से नुकसान की भरपाई हो सके। किसान प्रशासन से फसलों का सर्वे कराने की मांग कर रहे हैं। किसानों की मांगों को लेकर राजनैतिक व किसान संगठन भी आगे आ रहे हैं। पिछले दो तीन दिन से फसल खराब होने के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैंं। किसानों के साथ तहसील कार्यालय पहुंचकर सर्वे कराकर फसल बीमा का लाभ दिलाए जाने की मांग की है।पिछले दो से तीन दिन से तहसील के सभी ग्रामों में सोयाबीन की फसल अचानक प्राकृपिक आपदा के कारण पूरी तरह सूखकर खराब हो रही है। इससे किसानों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ेगा। कृषि विभाग के अधिकारी खराब हुई सोयाबीन, उड़द, मूंग सहित अन्य खरीफ की फसलों का तुरंत सर्वे कराएं। किसानों को राहत एवं बीमा राशि का लाभ दिया जाए।आागामी रबी के लिए डीएपी एवं यूरिया खाद की पर्याप्त व्यवस्था कराई जाए। 2021-22 सोयाबीन फसल की 75 प्रतिशत राहत राशि तथा बीमा राशि एक सप्ताह के अंदर किसानों के खातों में जमा कराई जाए। रामलाल वाला ओसारी, मुकेश ओसारी,बगदिराम पुंजा ओसारी, केशुराम अम्बाराम ओसारी, शम्भु गणपत, शोभाराम गणपत,रतन चन्दा, सीताराम गणपत, सुनील नायमा,कैलाश डामर, ईश्वर रामलाल ,सोहन लाल,मदन लाल सहित अन्य किसान मौजूद थे, किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है किसानों की फसल खराब होने को लेकर नंदलाई, आंन्दखेडी व क्षेत्र के सभी गांव में सोयाबीन फसल पीला मोजक जैसी बीमारी के कारण सुख रही है इससे किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। कृषि विभाग के अधिकारियों को गांव में भेजकर बची हुई फसल की बीमारी की रोकथाम को लेकर उपचार किसानो को बताएं जाएं। जो फसल खराब हो गई है, उसका सर्वे कर किसानों को राहत राशि दी जाए। फोटो कैप्शन फसल दिखाते हुए किसान