बुद्ध नाथ चौहान रिपोर्टर



परासिया ब्लॉक में कृषक संगोष्ठी बताया किसानों को सरसों की खेती करने का महत्व वर्तमान में 2500 हजार एकड़ में सरसो का रकबा सरकार की मंशा तिलहनी फसलो से तेल की कीमतों को कम करनाउपलब्ध होंगे रोजगार के साधन रबी की फसल में गेहूं और चना के बाद तीसरी फसल के रूप में सरसों की खेती का रकबा जिले में लगातार बढ़ते जा रहा है । छिंदवाड़ा जिले में 2500 हजार एकड़ के परिपेक्ष में बोई सरसों की फसल में परासिया के बरारिया में दर्जनों किसानों ने 100 एकड़ भूमि में सरसों की फसल लगाकर अपनी हिस्सेदारी निभाई है । यह कम लागत अधिक लाभ से सम्भव हो सका है कि अब किसान की रुचि सरसो की ओर बढ़ने लगी है । यह बात बरारिया ग्राम पंचायत में आयोजित आत्मा परियोजना की कृषक संगोष्ठी में जितेंद्र कुमार सिंह उप संचालक कृषि ने किसानों के बीच कही आगामी समय मे मध्यप्रदेश सरकार की मंशानुसार प्रदेश में सरसो की पैदावार बढ़ाकर बढ़ते तेल की कीमतों में अंकुश लगाने की है । जैसे जैसे तिलहनी फसलो का रकबा बढेगा रोजगार भी उपलब्ध होंगे । गांव गांव में कच्ची धानी के साधन ( कोलू )उपलब्ध होंगे जिससे ग्रामीण मजदूरों को गाँव मे ही रोजगार उपलब्ध होंगे । बन्द हो चुकी तेल मिले फिर रौशन होगी । कृषि अनुसंधान अधिकारी विजय पराड़कर एसडीओ कृषि प्रमोद उटटी तामिया कृषि विज्ञान केंद्र के डॉक्टर आर सी शर्मा , विनायक नागदवने वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी परासिया , जिला जैविक प्रमुख सुंदरलाल नागवंशी ने किसानों से जैविक खेती प्राकतिक खेती सम्बन्धित जानकारिया सांझा की । जैविक खेती से जहाँ रासायनिक उर्वरकों से किसानों को छुटकारा मिलेगा । वही प्राकतिक खेती कम पानी में भी करके किसान उन्नत हो सकेंगे । उन्होंने सरसो के बाद वैज्ञानिक तकनीकी से कोदो एवं कुटकी का उत्पादन बढ़ाने किसानों को प्रोत्साहित किया । संगोष्ठी समापन के बाद कृषि अधिकारियों और वैज्ञानिकों की टीम ने सरसो की खेती का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान बरारिया सरपंच मोहन कहार जनपद सदस्य शांति उइके एवं मुकुंद शाह नर्रे सहित कृषक उपस्थित रहे।
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