*जब तक बड़ा हादसा नही होगा तबतक बाग वालो को बायपास घाटी की समस्या के हल के लिए इंतजार करना ही पड़ेगा*
*बिना हल्ले,चक्काजाम के अब समस्याए जिमेदारो की आँखों ओर कानो तक नही पहुचती*
ब्यूरो चीफ पंडित नंदन शर्मा
*बाग* । एक दिन पूर्व रविवार को बाग की चढ़ाई वाली बायपास घाटी से एक तेल से भरा टैंकर रिवर्स हुआ और उसने कई लोगो की साँसे फुलाकर रख दी वह तो गनीमत है कोई जनहानि नही हुई सिर्फ विद्युत डिपियो की ही टैंकर ने जान ली जिससे आधा नगर 36 घन्टे से अधिक समय अंधेरे में रहा ओर लोगो की भीड़ दिनभर उस टैंकर के साथ डीपी देखने के लीये लगी रही ।
रविवार की घटना रात गई बात गई जैसी होकर सोमवार सुबह से सबकुछ सामान्य हो गया और वापस सब अपने-अपने कामो पर लग गये ऐसा रविवार की घटना के बाद ही सोमवार को नही हुआ है इसके पहले भी कई बार हुआ और वही हाल जो आज है कल भी थे तो सवाल उठ रहा है आखिर इस घाटी का कोई समाधान निकलेगा या नाना पाटेकर का डायलॉग ही हिट होगा कि आ गये मेरी मौत का तमाशा देखने वाली कहावत चरितार्थ होती रहेगी जब भी कोई बड़ा हादसा होगा तब तब।
बाग-राजगढ़ मार्ग की इस सड़क पर ट्रैफिक ने अबतक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है इस मार्ग से अब भारी वाहनों की आवाजाही गुजरात के साथ महाराष्ट्र की ओर के साथ रतलाम होकर राजस्थान तक कि हो गई है वही दुपहिया ओर चार पहिया वाहनों की आवाजाही तो इस तरह हो गई कि गिनती ही नही है।ऐसे में इस मार्ग से रेती भरे डंफरो के साथ बड़े-बड़े पाईप लेकर बड़े-बड़े ट्रकों के निकलते वक्त स्थानीय निवासियों ओर दुकानदारों में भय बना रहता है कि यह बायपास घाटी चढ़ जाएगा या रिवर्स होकर वापस आएगा और जबतक वाहन चढ़ नही जाता देखने वालों की सासे भी ऊपर नीचे ही रहती है।
लगातार आवाजे उठाने के बावजूद जिला प्रसाशन के साथ ही इस सड़क को बनाने वाली एमपीआरडीसी विभाग के अधिकारियों के कानों में जु तक नही रेंग रही है कि वे बाग की इस मौत की बायपास घाटी को लेकर यहाँ हो रही घटनाओं को रोकने को लेकर कोई निर्णय लेकर इस विकट समस्या का कोई समाधान करे परन्तु ऐसा नही कर विभाग अपनी जिम्मेदारी से मुह मोड़ रहा है।
*इतनी बड़ी परेशानी से अभी किसी का सरोकार नही आखिर ऐसा क्यो ?*
यही स्थिति जिला मुख्यालय पर होती तो अबतक समस्या का समाधान निकल गया होता परन्तु बाग जैसे कस्बे में समस्या है तो जल्दबाजी क्या है जबतक कोई दो-चार लोगों की मौत न हो जाये जबतक इस गांव की जनता अपने घरों और ओटलों से नीचे उतरकर चक्काजाम नही कर ले जबतक जमकर हल्ला नही मचे तब तक इस काम को करने में करने वालो को भी मजा नही आयेगा यही रीत ओर यही नीति बाग की बायपास घाटी पर हर रोज सुबह से लेकर शाम तक मौत को दावत दे रही है अब यह पता नही की कॉल कब आकर मौत में बदल जायेगा तब ही जिम्मेदार अधिकारी और नेता जागेंगे अभी तो इस समस्या के हल के लिए आप सभी को इंतजार बड़े हादसे तक करना ही होगा।
*दुर्घटना एक दिन परेशानी दो दिनों तक*
रविवार सुबह हुई तेल भरे टैंकर के रिवर्स होने की घटना से बाग वासी दो दिनों तक परेशान होते रहे।घटना के साथ ही गुल हुई बिजली रविवार देर रात्रि में कुछ जगह चालू हुई और सोमवार को डिपियो को लगाने को लेकर नगर में बन्द हुई बिजली रात्रि 11 बजे तक नही शुरू हो सकी थी।रविवार को भी पूरे नगर के लोग ओर सोमवार को भी रात्रि तक नगर के लोग घटना स्थल पर खड़े रहकर बिजली चालू होने का इंतजार करते रहे।याने की दो दिन जमकर परेशान हुए।
फोटो।यह है वह बायपास घाटी जहाँ से अक्सर रिवर्स होते है भारी वाहन ब्यूरो चीफ पंडित नंदन शर्मा
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