
मध्यप्रदेश के सिहोर में बोरवेल में गिरी बच्ची सृष्टि का रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो चुका है. सृष्टि को सेना 50 घंटे से ज्यादा समय तक चले ऑपरेशन के बाद बोरवेल से बाहर निकाला. हालांकि उसकी जान नहीं बचाई जा सकी है. सृष्टि को बाहर निकालने के बाद एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. जिस समय सृष्टि को निकाला गया था वह बेहोशी की हालत में थी. मालूम हो कि मंगलवार 6 जून को ढाई साल की बच्ची सृष्टि अपने गांव मुंगावली में खेलते-खेलते अचानक एक गहरे बोरवेल में जा गिरी थी. पिछले तीन दिनों से बच्ची को बोरवेल से निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा था.
एसपी सिहोर मयक अवस्थी ने कहा, मुंगावली गांव में बोरवेल से बचाई गई ढाई साल की बच्ची की मौत हो गई है. खेत के मालिक और बोरवेल के लिए जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर आगे की जांच की जा रही है.
मालूम हो कि बच्ची पहले 25 फुट की गहराई पर थी और उसके बाद से वह लगातार नीचे खिसकती चली गई. NDRF और SDRF की टीम बचाव काम में लगे हुए थे. बुधवार को सेना को राहत और बचाव कार्य में लगाया गया था. बच्ची को हुक के जरिए बाहर निकालने की कोशिश की गई थी, मगर नाकामी हाथ लगी. ऊपर आने की बजाय बच्ची हुक से गिरकर 100 फुट से ज्यादा नीचे जा पहुंची.
बच्ची को सुरक्षित निकालने के लिए जहां पोकलेन और जेसीबी मशीनों की मदद ली जा रही थी, वहीं उसकी हरकत पर कैमरे से नजर भी रखी गई थी. इसके साथ ही ऑक्सीजन की आपूर्ति का भी क्रम जारी रहा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी लगातार इस अभियान पर नजर रख रहे थे. बच्ची को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए बोरवेल के समानांतर गड्ढा खोदा जा रहा था मगर पत्थर आने के कारण अभियान बाधित हुआ.
बच्ची की दादी कलावती बाई ने बताया है कि मंगलवार की दोपहर सृष्टि घर के पास ही दूसरे के खेत में खेलने चली गई. वह बोरवेल पर रखी तगारी पर बैठी और अंदर गिर गई. मैंने चिल्लाते हुए उसे पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वह बोरवेल में गिर चुकी थी.
More Stories
महाराष्ट्र राज्य के जिला गडचिरोली दिवाली त्योहार के पर्व पर प्रशासन द्वारा अवैध रूप से शराब पर प्रतिबंध के लिए आमजन द्वारा मांग
शालीनता से पुरस्कृत आष्टी पोलिस निरीक्षक श्री विशाल काळे द्वारा शहर में शांति व्यवस्था को सुदृढ़ करने और अपराधों पर प्रभावी अंकुश की अनोखी पहल
पांचो दिशाओं से पाकिस्तान की घिरती तबाही — आतंक, विद्रोह और भीड़तंत्र के बीच बिखरता राष्ट्र