

*ग्राम पंचायत बड़गोना जोशी का मामला*
लिंगा. ग्राम पंचायत बड़गोना जोशी मे सचिव के नियमित नहीं आने से ग्रामीणों को शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ समय पर नहीं मिल रहा है। पंचायत में पदस्थ सचिव संदीप सरेठा की मूल पदस्थापना भूताई पंचायत है, जबकि उन्हें बड़गोना पंचायत का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। लेकिन वह अपना अधिकतर समय भुताई पंचायत में देते है। बमुश्किल सप्ताह में 1-2 बार ही बड़गोना पंचायत आते है। जिसके कारण ग्रामीणों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। वही विकास कार्य भी धीमी गति से चल रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि सचिव कब आते हैं पता ही नहीं चलता। उन्हें फोन लगाते हैं तो वह फोन भी नहीं उठाते, मोबाइल बंद कर लेते हैं। जिसकी वजह से उन्हें दिनभर सचिव को तलाशना पड़ता है। ग्रामीणों ने बताया कि राशन पात्रता पर्ची, संबल योजना, आयुष्मान कार्ड जैसी अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ लेने के लिए वह लंबे समय से भटक रहे हैं। सचिव की कार्यप्रणाली से ग्रामीणों में खासा रोष व्याप्त है। ग्रामीणों ने लापरवाह सचिव को हटाकर पंचायत में स्थाई सचिव की नियुक्ति करने की मांग की है।
*इनका कहना है*
सचिव की मनमानी से जनता से लेकर जनप्रतिनिधि तक परेशान है। सचिव तो मेरा फोन भी नहीं उठाते है। मेरे द्वारा उक्त सचिव को हटाने के लिए जनपद सीईओ से कहा गया है।
*विपिन कराडे, जनपद सदस्य*
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