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Dharmendra Singh

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June 2025
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June 18, 2025

सच दिखाने की हिम्मत



नगर में पधारे सय्यद अमीनुल कादरी सहित कई धर्म गुरुओं ने तकरीर की।

दिन अच्छाई पर चलने की हिदायत देता है : सैयद अमीनुल कादरी

मनावर : गुरुवार देर शाम मनावर में बालीपुर रोड़ स्थित वजीर कालोनी में नगर के युवा जुनेद शेख, तालिब मुंडा, नदीम शाह, जिब्राइल मंसूरी, कालिद खत्री द्वारा शहर सदर शहाबुद्दीन अगवन, सादिक शेरानी, जाकिर नूरी आदि के सहयोग से ईद मिलादुन्नबी के माह में पैगंबर मोहम्मद साहब को याद करते हुए एक धार्मिक कार्यक्रम इस्लाहे मुशायरा कांफ्रेंस का आयोजन का किया गया, जिसमें देश और दुनिया के चर्चित ओलमा, हाफिज जैसी शख्सियत ने शिरकत की। वही अपनी तकरीर से लाखो दिलों पर राज करने वाले मांलेगांव के सैय्यद अमीनुल कादरी, सैय्यद सोहेल बापू, फरहान बरकाती सहित कई धर्म गुरुओं ने नगर के मुस्लिम जनों के बीच पैगंबर साहब के जीवन पर आधारित बातों से समुदाय के लोगों को सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेषित किया। उन्होंने कहा कि घर में अगर लड़का फुर्सत में रहेगा तो वह पाप (गुनाह) जैसे कामों में लिप्त होगा, इसलिए उसे प्रतिदिन काम करना जरूरी है, उन्होंने बताया कि आज की दौड़ में सोशल मीडिया के माध्यम से कई जवान नस्ल बुराई की और कदम बढ़ा रही है जबकि उन्हें चाहिए कि अपने माता पिता का आदर सम्मान करते हुए पैगंबर मोहम्मद साहब के बताए हुए दिन के रास्ते पर चलना चाहिए। उन्होंने पैगंबर साहब की जीवनी के कई वाक्यों का उल्लेख किया। जिसमें बताया कि दुनिया में अच्छाई की ओर कदम बढ़ाते चलो, किसी भी व्यक्ति के बीमार होने पर उनके हाल जानने के लिए जरूर जाए, जिसे रात भर की गई इबादतों से बढ़कर बताया। हजरत अमीनुल कादरी साहब ने बताया कि हमारे नबी की मां का घर पैगंबर साहब के आने के बाद घर रोशनी से चमकता रहता था। उन्होंने यह भी कहा कि हथियार पर इश्क भारी है, मोहब्बत से हर जंग जीती जा सकती है और हमारे पैगंबर ने भी मोहब्बत से जीना सिखाया है। पैगंबर साहब अल्लाह के सबसे करीबी और मुसलमानों के सबसे बड़े पैगंबर है। उन्हें बचपन से ही काम करने का शौक था और वह एक जिम्मेदार धर्मगुरु के रूप में जान गए। उन पर ईश्वर की विशेष कृपा थी।

धार्मिक आयोजन में दिल्ली और अन्य प्रदेश से आए धर्म गुरूओ ने नात शरीफ पड़ी, इश्क ए रसूल में उन पर आधारित किस्से सुनाए। नगर और आसपास के क्षेत्र के हजारों मुस्लिम समाज के लोग हजरत अमीनुल कादरी साहब के शब्दों को सुनने के लिए एकत्रित हुई, जिसने नौजवान, बच्चों, बूढ़ों सहित बड़ी तादाद में महिलाएं भी शामिल थी। जिनके लिए आयोजकों ने उचित व्यवस्थाएं की। उक्त आयोजन में देखा जा सकता है कि समाज जनों ने कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हुए हजरत अमीनुल कादरी को गौर से सुना। अपने प्रिय ओलमा के आने पर समाज जन उत्साहित हुए।

उक्त कार्यक्रम आदर्श आचार संहिता के चलते हुए पुलिस प्रशासन की बताई हुई गाइडलाइन के अनुसार 2 घंटे में संपन्न किया गया। कार्यक्रम देर शाम 8 बजे से शुरू होकर 10 बजे बाद समाप्त हुआ। शांति सौहार्द के साथ कार्यक्रम का सफल आयोजन हो को लेकर थाना प्रभारी कमलेश सिंगर सहित राहुल चौहान, राजेश हाड़ा, बाबू लाल, महिला कांस्टेबल एवं पुलिसकर्मी मौजूद थे। तकरीर सुनने के लिए कार्यक्रम स्थल खचाखच भरा हुआ था, रात्रि कालीन में दूर दराज से आए श्रद्धालुओं के वाहनों की विशेष पार्किंग, पीने के लिए शुद्ध पेयजल सहित बैठने और अन्य कई उचित व्यवस्थाएं की गई थी।