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Dharmendra Singh

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सच दिखाने की हिम्मत


न्यूज 24×7इंडिया,
रिपोर्ट :_ब्यूरो चीफ संतोष कुमार लहरे जिला:जांजगीर-चाम्पा छत्तीसगढ़ राज्य
दिनांक 8, मार्च 2024
लोकसभा भारत के छत्तीसगढ़ राज्य में एक लोकसभा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र है यह अनुसूचित जातियों (एससी) के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है यह अतिविशिष्ट संसदीय क्षेत्र है जो 4 जिला जांजगीर-चाम्पा, सारंगढ़-बिलाईगढ़, सक्ती और बलौदाबाजार जिला है और 8 विधानसभा क्षेत्र आता है जांजगीर चांपा, अकलतरा,पामगढ़,सक्ति, जैजैपुर,चंद्रपुर,बिलाईगढ़ कसडोल को कवर करता है।जांजगीर-चांपा निर्वाचन क्षेत्र की स्थापना 1952 में हुई थी और इसने अब तक 17 लोकसभा चुनाव देखे हैं और अब 18 वा लोकसभा चुनाव होने जा रहा है जिसमे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने इस सीट को 10 बार जीता है,जबकि भाजपा ने इसे सात बार जीता है पिछला 4 बार से लगातार बीजेपी का है 5 बार महिला सांसद बनी जो इस प्रकार है वर्ष 1967, 1971 में कांग्रेस ने मिनीमाता को यहां से उम्मीदवार बनाया और दोनों बार वे विजयी हुई। पहली बार मिनीमाता ने भारतीय जनसंघ के एस लाल और दूसरी बार इसी पार्टी के सुंदरलाल धनु जी को पछाड़ा। इसी तरह वर्ष 2004 में भाजपा ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी कस्र्णा शुक्ला को मैदान में उतारा, जिसमें वे विजयी रही।
उन्होंने कांग्रेस के डॉ. चरण दास महंत को पराजित किया। वर्ष 2009 में यह सीट परिसीमन के चलते अजा वर्ग के लिए आरक्षित हो गया, तब भाजपा ने यहां से कमला देवी पाटले को मैदान में उतारा और उन्होंने कांग्रेस के डॉ. शिव कुमार डहरिया को पराजित किया। इसी तरह वर्ष 2014 में पार्टी ने दूसरी बार श्रीमती कमला देवी पाटले पर भरोसा जताया और दूसरी बार भी वे विजयी रही। उन्होंने कांग्रेस के प्रेमचंद जायसी को डेढ़ लाख से अधिक मतों से परास्त किया। इस बार यहां कांग्रेस और भाजपा दोनों ने पुस्र्ष उम्मीदवार को मैदान में उतारा है।कांग्रेस से जहां पूर्व सांसद परसराम भारद्वाज के पुत्र रवि भारद्वाज मैदान में हैं वहीं भाजपा से सारंगढ़ के पूर्व सांसद गुहाराम अजगले चुनाव लड़ रहे हैं। बसपा से पूर्व विधायक दाऊराम रत्नाकर किस्मत आजमा रहे हैं। इस तरह अब तक 16 बार हुए चुनाव में पांच बार महिला उम्मीदवारों को सांसद बनने का मौका मिला है, जबकि 10 बार यहां प्रमुख दलों से पुस्र्ष प्रत्याशी ही मैदान में थे, इसलिए उनमें से ही उम्मीदवार दिल्ली पहुंचे।
जांजगीर-चाम्पा लोकसभा क्षेत्र के अब तक के सांसद
नाम — वर्ष– दल
अमर सिंह सहगल-1957-कांग्रेस
अमर सिंह–1962–कांग्रेस
मिनीमाता–1967–कांग्रेस
मिनीमाता–1971–कांग्रेस
भगतराम मनहर–1974–कांग्रेस
मदन लाल गुप्ता–1977–जनता दल रामगोपाल तिवारी–1980–कांग्रेस
प्रभात मिश्रा–1984–कांग्रेस
दिलीप सिंह जूदेव–1989–भाजपा
भवानी लाल वर्मा–1991–कांग्रेस
मनहरणलाल पाण्डेय–1996–भाजपा
डॉ. चरण दास महंत–1998–कांग्रेस
डॉ. चरण दास महंत–1999–कांग्रेस
श्रीमती करुणा शुक्ला–2004–भाजपा
श्रीमती कमला देवी पाटले–2009–भाजपा
श्रीमती कमला देवी पाटले–2014भाजपा
गुहाराम अजगल्ले भाजपा 2019
और अब बीजेपी इस बार महिला प्रत्याशी के रूप कमलेश जांगड़े को फिर से मौका दी है, इस बार टिकट के दावेदारी करने वाले नेता भी समर्थन देकर मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बने बीजेपी एक राय हो चुकी है अब तक किसी भी प्रकार की विरोध नहीं देखा गया जिससे प्रत्याशी को कोई समस्या हो हालांकि वर्तमान सांसद गुहाराम अजगले की निष्क्रियता से निश्चित ही वर्तमान प्रत्याशी कमलेश जांगड़े को कड़ी मेहनत करनी होगी क्योंकि अब तक कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं और आदर्श आचार संहिता से पहले बीजेपी ने प्रत्याशी घोषणा कर पहला इम्तिहान जीत चुका है जिस तरह से मोदी मैजिक पूरे भारत में है वही छत्तीसगढ़ भी लोकसभा के 11 सीट जीतने का दावा कर रही है हालांकि जहांगीर चांपा लोकसभा में विधानसभा का नतीजा डरने वाला है क्योंकि ऑटो विधानसभा में कांग्रेस के विधायक हैं इस कारण कांग्रेस को भी एक बेहतर प्रत्याशी उतार कर कड़ी टक्कर देने की पुरजोर कोशिश करेंगे एक और जांजगीर चांपा में विशेष विकास को लेकर अब तक तरसता रहा है और अब तक चुने गए संसद द्वारा जांजगीर चांपा लोकसभा क्षेत्र में कोई बड़ा कार्य नहीं दिखता जांजगीर चांपा के जनता को लोकसभा में चुने जाने वाले सदस्य से विकास को लेकर भारी उम्मीद है हालंकि इस बार विधान सभा में हुए चुनाव नतीजा का कोई असर होगा या नहीं यह कांग्रेस के उम्मीदवारी तय होने के बाद ही चल पाएगा कांग्रेस चरण दास महंत के बाद कोई सशक्त नाम या जनाधार वाले प्रत्याशी नही उतार सके जिसके वजह पिछले 20 वर्षों चूकते आ रहे है आने वाले समय में मुकाबला कितना दिलचस्प होगा और जीत किस पार्टी नेता को दिल्ली जाकर लोकसभा क्षेत्र का नेतृत्व करने मौका मिलेगी यह तो चुनाव के बाद ही पता चल पाएगा,,