*घूँघट में चार दीवारी के अंदर रहने वाली महिलाओं को स्वालम्बी बनाने के लिए ट्रेक्टर चलाकर बुवाई जुताई की प्रतियोगिता करवाई
बेलन व हसिया पकड़ने वाली महिलाओं ने पहली बार ट्रेक्टर की स्टीयरिंग पकड़ी…बहुत खुश नज़र आईं
ग्वालियर पुलिस अधीक्षक श्री राजेश चंदेल के मार्गदर्शन में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर ग्वालियर पुलिस की ओर से नवागत प्रशिक्षु आईपीएस श्रीमती अनु बेनीवाल व एसडीओपी बेहट संतोष पटेल द्वारा रतवाई गाँव में अनोखी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। आईपीएस जो कि तीन माह के लिये बिजोली थाना प्रभारी के रूप में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं जिनके द्वारा पिछले एक सप्ताह में अवैध खनिज के परिवहन में रोक लगाई गई है। खनन माफियाओं में दहशत का माहौल पैदा करने के बाद आईपीएस द्वारा महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए पुलिस स्टाफ़ के साथ बेहतरीन नवाचार किया गया जिसमें महिलाओं को ट्रेक्टर चलाने की ट्रेनिंग दिलाई गई और फिर महिला दिवस पर ट्रेक्टर चलाने की प्रतिस्पर्धा आयोजित की गई जिसमें साड़ी पहने महिलाओं ने बढ़चढ़कर भाग लिया।
प्रशिक्षण व प्रतियोगिता के सकारात्मक परिणाम को देखते हुए स्वयं पुलिस अधीक्षक रतवाई गाँव पहुँचे और वहाँ ट्रेक्टर चलाने वाली माताओं, बहनों व बेटियों का सम्मान किया तथा पुरुषों की बराबरी करने के लिए प्रेरित किया।
कमलेश जाट गाँव की बुआ ने बताया कि उसने ज़िंदगी में बेलन हँसिया के अलावा स्टीयरिंग कभी नहीं पकड़ी। आज ट्रेक्टर से जुताई करके बहुत अच्छा लगा। भविष्य में मेरी खेती की बुवाई जुताई समय पर होगी क्योंकि मैं ख़ुद भी ट्रेक्टर लेकर खेत जा सकती हूँ।
नई बहुओं ने भी आईपीएस अनु बेनिवाल के साथ जुताई करी और बोलीं कि हम बेलन के साथ ट्रेक्टर भी चलायेंगे।
एक बच्ची अंबिका का कहना है कि वो पत्रकार बनना चाहती है लेकिन शुरुआती दौर में उसकी डायरी है भाई ने फाड़ दी कि ये काम आपका नहीं है लेकिन आज वही भाई पुलिस के साथ मुझे ट्रेक्टर चलाने को कह रहा था।
बुजुर्ग दादा भँवर सिंह राणा का कहना था कि हमारी बहुएँ जो पुलिस को देखकर घर के अंदर कुंडी लगा लेती थीं कुछ बहुओं का पहली बार मैंने मुँह देखा है और ट्रेक्टर चलायेंगी ये कभी सोचा नहीं था।
रतवाई गाँव के रवींद्र राणा व संपूर्ण गाँववासियों का पुलिस ने आभार माना।
एसडीओपी बेहट् का कहना है कि women का मतलब वीकनेस ऑफ़ मैन नहीं बल्कि विंग ऑफ़ मैन है। जिसके पीछे सशक्त महिला का हाथ है वही ऊँची उड़ान भर सकता है।
आईपीएस अनु बैनीवाल का कहना है कि महिला होने नाते महिलाओं को घूँघट के बाहर की दुनिया दिखाना मेरा फ़र्ज़ था इसलिए हमारी पुलिस ने प्रयास किया और आगे भी महिलाओं को सशक्त बनाने के प्रयास करते रहेंगे।
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