-जीवन को नए सिरे से जीने का पाठ पढ़ाने वाली पुस्तक “सेकंड हाफ” शून्य से शिखर की ओर का हुआ विमोचन
ग्वालियर। हो सकता है कि आपका सेकंड हाफ इस तरह हो कि इस पुस्तक के आगामी संस्करणों में आपकी भी कहानी छपे कि किस तरह आपने सेकंड हाफ में शून्य से शिखर तक का सफर तय किया।
शून्य से शिखर तक…सेकंड हाफ नामकी यह पुस्तक आपके हाथ में होना ही इस बात का संकेत है कि आपके जीवन का सेकंड हाफ शुरू होने के लिए आपको पुकार रहा है बस ज़रूरत है तो पुस्तक को आद्योपांत पढ़कर अपना लक्ष्य तय करना और उसे पाने के लिए अपना सर्वस्व झौंक देना। यह विचार वरिष्ठ साहित्यकार और प्रदेश सरकार के गृह सचिव ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने व्यक्त किए। उन्होंने युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि आप ईश्वर की अद्भुत कृति हैं, आप जैसा दुनिया में कोई नहीं और यह सच्चाई है, बल्कि यही सच्चाई है।
वरिष्ठ साहित्यकार जगदीश तोमर ने कहा शून्य से शिखर की ओर ले जाने वाली
पुस्तक सेकंड हाफ की भाषा प्रांजल है। सैकड़ों पात्र हैं उनकी सैकड़ों कहानियाँ हैं परंतु वह सेकंड हाफ के कांसेप्ट और उसके सिद्धांतों के साथ इस तरह गुथी हुईं हैं कि कहीं भी न तो बोरियत होती है और न ही मूल विषय से ध्यान ही भटकता है। बीच बीच में प्रसिद्ध कवियों की कविताओं के उद्धरण पुस्तक में चार चाँद लगा देते हैं।
पुस्तक के लेखक और राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी ब्रह्मेन्द्र गुप्ता ने कहा कि
बस अब और नहीं, कुछ करने के लिए मन व्याकुल हो जाए तब सेकंड हाफ शुरू हो जाता है। हमें अब तक के जीवन की समीक्षा करते रहना चाहिए। जीवन में कभी भी देर नहीं होती। सेकंड हाफ कभी भी शुरू हो सकता है। यह समय विल गेट्स, स्टीव जॉव और जुकरवर्ग के जीवन में 19 या 20 वर्ष की उम्र में आया तो मैकडॉनल्डस के संस्थापक रे क्रॉक के जीवन में 53 वर्ष और केएफसी के संस्थापक सांडर्स के जीवन में 62 वर्ष में आया। पुस्तक केवल कहानियाँ ही नहीं बताती बल्कि यह भी बताती है कि हमें करना क्या है। पुस्तक के अनुसार हर चीज़ की शुरूआत एक विचार से होती है। एक विचार को पकड़ें और उस पर काम करें, उस पर अपना सर्वस्व झौंक दें। अपने अनूठेपन को पहचानें। यह अनूठापन प्रकृति प्रदत्त होता है। इसे पहचानने के लिए अपने बचपन के दिनों को याद करें तब आप क्या पसंद करते थे। अपने माता पिता या ऐसे व्यक्ति से पूछें जिसने आपके बचपन को देखा हो। स्वयं से प्रश्न करें। आप इस प्रकृतिप्रदत्त अनूठेपन के साथ काम करेंगे तो सफल होने की संभावना सर्वाधिक होगी।
मुख्य वक्ता डॉ कामिनी ने कहा कि
सेकंड हाफ के संबंध में स्थान स्थान पर सिद्धांत दिये गये हैं और विभिन्न जीवन चरित्रों के माध्यम से उनका व्यवहारिक उपयोग समझाया गया है। जैसे ‘आपके विचार चुम्बक की तरह होते हैं जो अपने जैसी चीज़ों, परिस्थितियों और व्यक्तियों को आकर्षित करते हैं’। ‘यह विश्वास करें कि आपके साथ सर्वश्रेष्ठ होनेवाला है’। ‘प्रशिक्षण में जितना पसीना बहाएँगे युद्ध के मैदान में आपका खून उतना ही कम बहेगा’। ‘सफलता का कोई शार्टकट नहीं होता’ ‘Its never too late’. “Impossible is nothing’. आदि। इन उद्धरणों में गैरी हैल्वर्ट, वारेन बफेट, ब्रायन ट्रेसी, अल्वर्ट आइंस्टीन, अरस्तू, कन्फ्यूसियश से लेकर रामचरितमानस तक के उद्धरण शामिल हैं जो प्रोत्साहित करते हैं और मार्गदर्शन देते हैं।
वरिष्ठ साहित्यकार अनुराग पाठक ने कहा कि जीवन के लिए सबक/सीखें तो पुस्तक में ऐसे गुथीं हैं जैसे धागे में मोती। ऐसी ही कुछ बातों का उल्लेख किया जा सकता है जैसे ज़िंदगी का स्टेयरिंग व्हील खुद सँभालें, ज़िम्मेदारी, नियंत्रण और खुशी मिलकर जीवन का स्वर्णिम त्रिकोण बनाते हैं, भविष्यदृष्टा बनें, अपने जीवन का आदर्श कैलेंडर तैयार करें, आपदा भी अवसर हो सकती है, आहार कैसा लें,
निरोगी कैसे रहें, खुश रहने की विधि आदि। पुस्तक केवल प्रोत्साहन ही नहीं देती बल्कि हमारी अपनी आर्थिक, शैक्षणिक, शारीरिक सीमाओं की ओर ध्यान भी आकर्षित करती है और उनके रहते हुए सर्वोत्तम प्रयत्न करने का रास्ता दिखाती है।
गहोई समाज के अध्यक्ष केके कठिल ने कहा कि पुस्तक की सबसे बड़ी विशेषता है इसकी प्रमाणिकता। सभी उद्धरण प्रमाणिक स्रोतों से लिए गए हैं। लेखक ने इसके लिए वर्षों मेहनत की है, संदर्भ पुस्तकें पढ़ीं हैं, उनके जीवन पर बनी फ़िल्में और सैकड़ों इन्टरव्यू देखे हैं। स्थान-स्थान पर विभिन्न शोधों और उनके आँकड़ों का जिक्र है जिनके माध्यम से सेकेण्ड हाफ़ के कांसेप्ट की पुष्टि की गई है।
शुक्रवार को होटल तानसेन में जीवन को नए सिरे से जीने की प्रेरणा देने वाली पुस्तक शून्य से शिखर की ओर “सेकंड हाफ” का विमोचन हुआ। विमोचन समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर प्रदेश सरकार के गृह सचिव ओमप्रकाश श्रीवास्तव मौजूद रहे। जबकि मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार जगदीश तोमर एवं प्रो. डॉ. कामिनी ने पुस्तक के महत्व की जानकारी दी और यह बताया कि वर्तमान में मौजूद स्थितियों से उबरने को लेकर यह पुस्तक कैसे मदद करेगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता गहोई वैश्य समाज के अध्यक्ष केके कठिल ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में एएसपी सुमन गुर्जर, प्रख्यात पुस्तक 12th फेल के लेखक एवं उपायुक्त राज्यकर अनुराग पाठक, वरिष्ठ साहित्यकार भुवनेश्वर उपाध्याय मौजूद रहे। संचालन अतुल अजनबी ने किया और स्वागत भाषण रमाशंकर नगरिया ने दिया।
बता दें कि यह पुस्तक राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी और वर्तमान में एडिशनल सीईओ शिवपुरी के पद पर पदस्थ ब्रह्मेन्द्र गुप्ता ने लिखी है।
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