जिला ब्यूरो चीफ भुजबल जोगी सागर
अश्वमेद्य यज्ञ के बराबर पुण्य देता है शिव महापुराण: महंत विपिन बिहारी महाराज
मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के गांव में श्रावण मास के पावन अवसर पर ग्राम जेरई में शिव महापुराण का आयोजन किया गया जहां कलश यात्रा में सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए। ग्रामीणों ने कलश यात्रा का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। शिव पुराण का वाचन कर रहे महंत श्री 108 गौ पीठाधीश्वर विपिन बिहारी दास जी द्वारा किया जा रहा है। कथा के
मुख्य यजमान संगीता-रंजीत सिंह राजपूत गुड्डू भैया ने संत विपिन बिहारी महाराज की आरती कर पुष्प माला पहनाई एवं आर्शीवाद लिया। इस कथा के आयोजक संतोषरानी-गुलाब सिंह राजपूत, सरोज-हीरासिंह राजपूत, सविता-गोविंद सिंह राजपूत द्वारा राजपूत कृषि फार्म हाऊस जेरई पर किया जा रहा है। कथा वाचन करते हुए महंत 108 गौ पीठाधीश्वर विपिन बिहारी दास जी ने कहा कि शिव महापुराण अश्वमेद्य यज्ञ के बराबर पुण्य देता है। कलयुग में अश्वमेद्य यज्ञ कराना संभव नहीं है। शिवमहापुराण श्रवण करने से अश्वमेद्य यज्ञ के बराबर श्रद्धालुओं को पुण्य प्राप्त होता है। महंत विपिन बिहारी महाराज ने कहा कि शिव पुराण के अनुसार पर्वत, वन, काननों के साथ इस पृथ्वी का विस्तार पचास करोड़ योजन है। भगवान शिव की इच्छा से पृथ्वी ने इन सभी को धारण किया है। भगवान शिव ने धरती पर अलग-अलग जगहों पर प्राणियों को मोक्ष देने के लिए शिव क्षेत्रों का निर्माण किया। जिसमें कुछ जगहों को देवताओं और ऋषियों ने अपना निवास स्थान बना लिया जिससे उन स्थानों को तीर्थत्व प्राप्त हो गया। बहुत से तीर्थ ऐसे भी है जो स्वयं प्रकट हुए हैं। इन स्थानों पर जाकर व्यक्ति को हमेशा स्नान, दान और जाप करना चाहिए। व्यक्ति के जन्म लेते ही उसकी मृत्यु निर्धारित हो जाती हैं लेकिन उसे अंत में मोक्ष प्राप्त होगा या नहीं यह उसके कर्मों पर निर्भर करता है। मुख्य रूप से मोक्ष प्राप्ति का अर्थ होता है जीवन मरण के चक्र से मुक्त हो जाना। मोक्ष मिलने के बाद व्यक्ति को दोबारा इस मृत्युलोक पर जन्म लेने की आवश्यकता नहीं रहती है। इसलिए हर व्यक्ति मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति करना चाहता है। इसके लिए शिव पुराण में कुछ ऐसे पवित्र स्थानों का वर्णन किया गया हैं जहां व्यक्ति मोक्ष की प्राप्त के लिए जा सकता है। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की पत्नि पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सविता सिंह राजपूत ने संत श्री की आरती कर उनका स्वागत किया एवं कलश यात्रा में कलश सिर पर रखकर कथा स्थल तक सभी ग्रामीणों के साथ पहुंची। यह कथा 09 दिन तक चलेगी। जहां सैकड़ों ग्रामीणजन शामिल हो रहे हैं। संगीतमय कथा का धर्मलाभ लेने के लिए जेरई सहित आस-पास क्षेत्र के लोग बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं।
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