आष्टा /किरण रांका
नवरत्न परिवार द्वारा पिछले कई वर्षो से भारतवर्ष के लगभग १५०० जिनालयो का शुद्धिकरण पर्युषण पर्व के पूर्व किया जाता हे इसी तरतामय मे आज बरसते पानी मे पूरे उत्साह के साथ आष्टा श्री संघ के तीनो जिनालयों में शुद्धिकरण हुआ जिसमे जैन समाज के पुरुष महिलाओ के साथ बच्चों ने भी बड़चढ़कर भाग लिया।
मालवा के गिरनार में हुआ शुद्धि करण
मालवा की शान श्री नेमिनाथ भगवान का प्राचीन तीर्थ मालव गिरनार तीर्थ के नाम से प्रचलित है जो की मध्य प्रदेश में सिहोर जिले के आष्टा नगर में ऊची पहाड़ी जिसको किला कहा जाता हे वहा पर मंदिर जी हे और राजा संप्रति के शासन में विराजमान प्रभु की 2500 वर्ष से भी अधिक प्राचीन प्रतिमा जी हे जहा पर श्री नेमिनाथ भगवान विराजमान हे साथ ही आचार्य भगवंत श्री हर्ष तिलक सूरी.जी म.सा.को पूर्णिमा के दिन मध्य रात्रि में आराधना भवन में विश्राम कर रहे थे उस समय स्वपन में आकर जैन धर्म के 23 वे तीर्थंकर श्री पार्श्वनाथ भगवान ने उनको भू गर्भ से बहार निकालने के संकेत दिए ऐसे हजारों वर्ष प्राचीन श्री पार्श्व नाथ भगवान की प्रतिमा भी बिराज मान हे मंदिर जी प्रागण में आष्टा तीर्थोंदुवारक तपस्वी सम्राट आचार्य भगवंत श्री राजतिलक सूरी.जी महाराजा का कमल आकार का मंदिर जी हे जो की यात्रियों का मन मोह लेता है आज उस तीर्थ में पजु सन प्रारंभ होने से पहले शुद्धि करण करने में समाज जनों ने भर पूर सहियोग किया जिसमे निर्मल रांका संतोष रांका पुस्पू काका धाडीवाल संजय सिंघवी विनीत सिंगी राज कुमार श्री श्रीमाल गो सेवक विपिन सिंघवी मुकेश चत रमुथा हेमंत सिंगी लक्ष्मी नारायण सोनी विक्रम सिंह नेपाली कमल नेपाली सहित बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे उपस्थित थे जिन्होंने शुद्धि करण करके अपना पुण्य बढ़ाया
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