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Dharmendra Singh

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October 19, 2025

सच दिखाने की हिम्मत

अर्जुन की कमजोरी को समझते हुए भगवान श्री कृष्ण कहते हैं
कि न तो ऐसा ही है कि मैं किसी कालमें नहीं था अथवा तू नहीं था अथवा ये राजालोग नहीं थे और न ऐसा ही है कि इससे आगे हम सब नहीं रहेंगे, जीवात्माकी इस देहमें बालकपन युवा और वृद्धावस्था होती है वैसे ही अन्य शरीर की प्राप्ति होती है उस विषयमें धीर पुरुष मोहित नहीं होते।इन्द्रिय और विषयोंके संयोग तो उत्पत्ति विनाशशील और अनित्य हैं इसलिए हे उनको सहन करो जो दुःख-सुख आदि को समान समझने वाला है जिसको ये चुनौतियां व्याकुल नहीं करती वह परम् आनन्द के योग्य होता है।
भौतिक शरीर नाशवान् है अविनाशी आत्मा नित्य रहता है।
उक्त आशय के विचाार व्यक्त करते हुए श्री हरिदत्त शर्मा ने कहा कि जो आत्मा को मारनेवाला समझता है तथा जो इसको मरा मानता है वे दोनों ही नहीं जानते क्योंकि वह
न तो किसी को मारता है और न किसी के द्वारा मारा जाता है।यह अजन्मा नित्य सनातन और पुरातन है शरीरके मारे जानेपर भी यह नहीं मारा जाता। वे विवेक कॉलोनी स्थित श्रीमती सोनू-साकेत रघुवंशी के निवास पर आयोजित गीता स्वाध्याय में सांख्य योग अध्याय के निर्धारित श्लोको के संदर्भ में बोल रहे थे।
सुभाषित प्रस्तुत करते हुए श्रीमती हेमलता सक्सेना ने कहा कि बिना सत्संग के विवेक होना संभव नहीं है और सत्संग का अवसर भगवान की कृपा से ही उपलब्ध होता है। श्री रामस्वरूप सेन ने प्रेरक प्रसंग के माध्यम से सत्य की महिमा बताई।अमृत वचन के माध्यम से श्री राधेश्याम शर्मा ने सदाचरण की प्रेरणा प्रदान की।
सूचना खंड में स्वाध्याय प्रधान देवेंद्र भार्गव ने बताया कि ऑनलाइन गीता शिक्षण कक्ष में वह सभी व्यक्ति जुड़ सकते है जो सरल ढंग से गीता सीखना चाहते है , लाइव
गीता शिक्षण कक्षा की लिंक विश्व गीता के व्हाट्सएप समूह पर उपलब्ध रहती है।अगला स्वाध्याय 23 फरवरी रविवार को सायंकाल 4 बजे से यादव रायल टाउन गोपालपुरा में प्रीतम सिंह यादव के निवास पर गीत अनुरागी समाजजन श्रृंखला के अंतर्गत आयोजित किया जाएगा। इस हेतु आगामी यजमान  ने सभी धर्म प्रेमी जनों से सपरिवार पधार कर श्रीमद् भगवद्गीता की गरिमामय अगवानी करते हुए सभी धर्म प्रेमी जनों से गीता स्वाध्याय में सम्मिलित होने का अनुरोध किया। आयोजन में बड़ी संख्या में धर्म प्रेमी जनों ने भाग लिया।

प्रचार विभाग
गीतास्वाध्याय मंडल गुना
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