आष्टा/किरण रांका
ब्रह्मानंद जन सेवा संघ मालीपुरा आष्टा के पावन तत्वावधान में आयोजित श्री गुरु पूर्णिमा अमृत महोत्सव के विराम दिवस पर आज आष्टा क्षेत्र के विधायक गोपाल सिंह जी इंजीनियर, पूर्व विधायक रघुनाथ सिंह मालवीय, जनपद अध्यक्ष श्री मति दीक्षा सोनू जी गुणवान, जनपद उपाध्यक्ष गजराज सिंह जी पटेल आदि हजारों भक्तों ने मां कृष्णा जी की अमृतवाणी का लाभ लिया। आज सैकड़ो भक्तों ने गुरु दीक्षा प्राप्त की सभी गुरु भक्तों ने अपने गुरु की चरण वंदना कर पूजा आरती की। दिनभर भंडारे का आयोजन चला रहा। आज के सत्संग में पूज्य कृष्णा मां ने अपनी अमृतवाणी में कहा की: १ जब तक जीवन में कोई सद्गुरु नहीं है जब तक सही तरीके से जीवन की शुरुआत नहीं होती है। एक बार नारद जी भगवान नारायण की सभा से उठकर जा रहे थे तब भगवान ने लक्ष्मी जी से कहा कि जहां नारद जी बैठे थे उस जगह को गाय के गोबर से लिप दिजिए ।नारद जी ने कहा कि ऐसा क्यों तब भगवान नारायण ने कहा कि तुम्हारे जीवन में कोई गुरु नहीं है इसके बाद भगवान नारायण जी की आज्ञा से नारद जी गुरु ढूंढने गए रास्ते में मछीयारा मिला। फिर नारदजी ने उन्हीं को गुरु बनाया। जिसके जीवन में गुरु नहीं होता है वह 84 के चक्कर में भटकता रहता है। रावण के जीवन में कोई गुरु नहीं था और दुर्योधन ने मामा शकुनि को अपना गुरु बनाया। इसलिए उनका अंत हुआ । २ भक्त पर विपत्ति आने पर जब भक्त भगवान को पुकारता है तो भक्त और भक्त को सताने वाले दोनों का भगवान उद्धार करते हैं। जैसे गजेंद्र हाथी को मगर ने पकड़ लिया पूरा हाथी पानी में डूबता गया जरा सी सुंड बची थी जब उसने भगवान को पुकारा तब भगवान ने आकर गजेंद्र को बचाया और मगर की मार कर उसका उद्धार किया । ३ कर्म हमेशा लौट कर आता है हम जो करते हैं वह किसी ने किसी जन्म में वापस आता है। कर्म की फसल इंसान को हर हाल में काटनी ही पड़ती है। इसलिए हमेशा अच्छे बीज बोए ताकि फसल अच्छी हो। प्रभु ना दंड देता है ना माफ करता है, वह तो कर्म फल तराजू है ।सुख का बटन तो हमारे पास है हम ही ऑन करते हैं और हम ही ऑफ करते हैं।
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