आष्टा/किरण रांका
अपवित्र आत्मा कभी सद्गुरु की पहचान नही कर सकती । सद्गुरु भगवान के प्रतिनिधि है । गुरु सबको अनुशासन सिखाते हैं । गुरु पूर्णिमा भगवान के कला अवतार महर्षि वेदव्यास का प्राकट्य दिवस है ।
परमात्मा के प्रति निश्छल विश्वास ही आपके ह्रदय में बसा परमात्मा है श्रद्धा ही पार्वती का रूप है ।संसार के सत्य को समझना ही बोधि सम्पत्ति है।
जन्म और मृत्यु के पूर्व हम अव्यक्त हैं । जीवन ही व्यक्त है तभी हम व्यक्ति कहलाते हैं । व्यक्ति को यह देह जन्म जन्मांतर के पुण्य कर्म से प्राप्त होती है। इस अमूल्य जीवन को सद्गुरु की शरण में ला कर हम देह को देव बनाने का उपक्रम करें । गुरु होंगे तभी हम जागृत होंगे । तुलसी दास जी कहते हैं पावन अंतर्दृष्टि होने पर ही हम गुरु चरण पखारने का सौभाग्य प्राप्त करते है गुरु कृपा होती है तो आत्मा पवित्र होने लगती है ।
गुरु का महात्म्य इतना ही है कि जो हमारे विकारों के संहारक हैं वही सद्गुरु हैं।
जीवन को सामर्थ्यवान बनाना है तो गुरु के विचारों को आत्मसात करना होगा ।
प्रभु को ध्रुव संकल्प से ही पाया जा सकता है हम अपने जीवन का उद्धार करें और राष्ट्र सेवा के लिए जीवन को समर्पित करके सद्गुरु देव पूज्य स्वामी अवधेशानन्द गिरी जी महाराज के सानिध्य में हमारे देश को विश्व गुरु बनाने का संकल्प लें ।
यह आध्यात्मिक प्रवचन आचार्य महामंडलेश्वर जूना पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरिजी महाराज के सुशिष्य प्रखर प्रवचनकर्ता और भागवत मर्मज्ञ वैभव भटेले ने मानस भवन में प्रभु प्रेमी संघ द्वारा आयोजित गुरु पूर्णिमा महोत्सव में व्यक्त किये । शास्त्रोक्त उद्धरण और मानस चौपाइयों के हवाले से जीवन मे सद्गुरु के महत्व पर प्रकाश डालते हुए विद्वान वक्ता ने कहा कि भारत के गौरवशाली अतीत की बुनियाद पर पूज्य स्वामी अवधेशानन्द गिरी जी महाराज ज्येष्ठ आचार्यत्व का दायित्व निर्वहन करते हुए धर्म समाज और राष्ट्र को अपने कुशल दिशा निर्देश से उपकृत करने में संलग्न है । यह सौभाग्य की बात है कि आष्टा नगर में ऐसे सद्गुरु देव के प्रति आस्था की पराकाष्ठा दिखाई देती है । पूज्य स्वामी जी की कृपा भी इसीलिए आस्था की इस नगरी में बरसती है ।
प्रवचन के पूर्व विशाल संख्यां में जुटे भक्तों के बीच शास्त्रीय भजन गायक राम श्रीवादी की स्वरचित रचना ..गुरु वंदना सब मिल कर गाओ… की सस्वर प्रस्तुति अजय पाटीदार , नेवल सैमुअल ,वंशिका गोस्वामी तथा ऋषिका तंबोली ने करके उपस्थित जन को मोह लिया । उत्सव साहू , सुमित चौरसिया, जीवन मालवांचल, अजय सोलंकी, डॉ राजेंद्र मालवीय ने सत्संग सुलभ भजन और गुरु महात्म्य के कीर्तन प्रस्तुत किये ।
भजन गायक राम श्रीवादी के भक्ति और अध्यात्म से परिपूर्ण स्वरचित भजनों पर श्रोतागण श्रद्धा से झुमते रहे । तबला वादक शिव श्रीवादी , की पैड पर अजय पाटीदार तथा ढोलक वादक धर्मेंद्र वर्मा ने भी अपनी कला से भक्तों का दिल जीत लिया
अत्यंत ही अनुशासित और भक्तिमय आयोजन में पूज्य स्वामी जी के भक्तों ने कतारबद्ध होकर गुरु पादुका पूजन किया । पूजन एवम प्रवचन के बाद मंगलदीप से सभी भक्तों ने गुरु महाराज की आरती की। अंत में सभी भक्तजन में फलाहारी स्वल्पाहार का प्रसाद स्वरूप वितरण किया गया
कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रभु प्रेमी संघ के अध्यक्ष सुरेश पालीवाल ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। प्रभु प्रेमी संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने अतिथि वक्ता वैभव भटेले तथा संगीत गुरु राम श्रीवादी का बहुमान किया । नगर के धर्माधिकारी गजेन्द्र शर्मा ने उपस्थित जन से विधि विधान पूर्वक पूजन करवाई । कार्यक्रम का संचालन गोविंद शर्मा ने तथा आभार मोहनसिंह अजनोदिया ने व्यक्त किया।
More Stories
शब्द समागम : लोकतंत्र के लिए पत्रकारिता का जिंदा रहना जरूरी – वानखेडे
कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला खनिज प्रतिष्ठान की बैठक आयोजित, जिले के विभिन्न निर्माण एवं विकास कार्यों के प्रस्तावों पर हुई चर्चा
मंत्री विजयवर्गीय ने धाम सरकार पहुंचकर दी जन्मदिन की बधाई