समाजसेवी राजेश अग्रवाल ने उठाया मुद्दा
गुना । जन जन की आस्था के केंद्र क्षेत्र के प्रसिद्ध अति प्राचीन दर्शनीय धार्मिक स्थल केदारनाथ मंदिर को पिछले वर्ष से ही दर्शनार्थियों हेतु बंद कर दिया गया है ।
ग़ौरतलब है कि जिस वजह से वन विभाग, प्रशासन द्वारा मंदिर प्रवेश पर पाबंदी लगाई गई है, वह कारण एक चट्टान है जो दुर्घटना का कारण बन सकती है । लेकिन यहाँ विचारणीय प्रश्न यह है कि क्या इस समस्या का कोई स्थाई समाधान किसी के पास नहीं है , क्या इस प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण मनोरम स्थल को सदैव के लिये बंद कर दिया जाए , क्या जहाँ भी इस तरह दुर्घटना का अंदेशा हो वहाँ सभी दर्शनीय स्थलों को बंद कर देना उचित हल है ।
एक और जहाँ हम प्राचीन धार्मिक स्थलों की खोज कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर उपलब्ध मनोहारी दर्शनीय स्थलों पर तालाबंदी समझ से परे है ।
पवित्र श्रावण मास के प्रारंभ होने के पूर्व महाराज सिंधिया के दौरे के वक़्त जैसे ही क्षेत्रीय श्रद्धालुओं द्वारा इस समस्या के चलते मुझसे संपर्क किया गया , मेरे द्वारा तुरंत क्षेत्र के मुखिया महाराज सिंधिया को समस्या से अवगत कराते हुए एक पत्र सौंपा गया ।
क्षेत्रीय सांसद श्री सिंधिया द्वारा धर्म के प्रति अपनी अगाध आस्था के चलते जिलाधीश गुना को एक पत्र लिखा गया है जो कि केदारनाथ मंदिर के पट खोले जाने संदर्भित है ।
हमारे द्वारा सांसद श्री सिंधिया से मांग की गई है कि वन विभाग अथवा प्रशासन द्वारा तकनीकी अधिकारियों की देखरेख में चट्टान का कुछ हिस्सा या तो हटा दिया जाए या मरम्मत भरती इत्यादि करा दी जाए ताकि दुर्घटना से बचा जा सके और दर्शनार्थियों को दर्शन सुलभ हो सकें ।
राजेश अग्रवाल
समाजसेवी गुना
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