सेवा को सलाम: सैनिक कल्याण के मौन नायकों को राज्यपाल द्वारा सम्मानित ….
जयपुर, राजभवन। राजस्थान के महामहिम राज्यपाल श्री हरीभाऊ ने शुक्रवार को राजभवन में भूतपूर्व सैनिक विकास समिति द्वारा सैनिकों एवं भूतपूर्व सैनिकों की समस्याओं के समाधान के लिए गत वर्षों में किए गए उल्लेखनीय प्रयासों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। इस अवसर पर समिति के पदाधिकरियों कर्नल हरि सिंह सहारण, कमांडो मुकेश डोई और डॉ. नेहा सिंह को राष्ट्र सेवा में उनके विशिष्ट योगदान के लिए सरोफा पहनाकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में भूतपूर्व सैनिक विकास समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कर्नल देव आनंद लोहामरोड़ भी उपस्थित रहे।
राज्यपाल महोदय ने भूतपूर्व सैनिक विकास समिति के पिछले आठ वर्षों में सैनिकों और उनके आश्रित परिवारों की समस्याओं के समाधान के लिए जो अथक प्रयास किए हैं, वे न केवल सराहनीय हैं बल्कि पूरे राज्य के लिए प्रेरणादायक भी हैं। उन्होंने समिति के सदस्यों के समर्पण और संगठन की कार्यशैली को सैनिक परिवारों की सेवा राष्ट्र सेवा का सर्वोच्च उदाहरण बताया और ऐसे कार्य समाज में देशभक्ति की भावना को और सशक्त करते हैं।
समिति के सतत प्रयासों के परिणामस्वरूप राजस्थान सरकार ने हाल के वर्षों में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। इनमें “नॉन-बैटल कैजुअल्टी सैनिक बलिदानियो की वीरांगना / आश्रित को एक सरकारी नौकरी देने के प्रावधान पर कानून बनाए जाना तथा हाल ही में राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग ने सेवानिवृत्ति सैनिको से जुड़े यू ई आई विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में लंबित एसएलपी (Special Leave Petition) को वापस लेकर सैनिक कल्याण के पक्ष में निर्णय लिया, जिसकी व्यापक सराहना की गई। इसी क्रम में वीर नारी कल्याण और बालिका आश्रितों की शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए डॉ. नेहा सिंह को भी सम्मानित किया गया। डॉ. नेहा सिंह ने समिति के साथ मिलकर वीर बलिदानियों की पुत्रियों और आश्रित बालिकाओं के लिए शिक्षा एवं कैरियर मार्गदर्शन से जुड़ी अनेक योजनाएं संचालित कीं।
इन उपलब्धियों के लिए राज्यपाल महोदय ने समिति के प्रदेश संयोजक कर्नल हरि सिंह सहारण और प्रदेश महामंत्री कमांडो मुकेश डोई एवं डॉक्टर नेहा सिंह के योगदान को सराहा और उन्हें सरोफा पहनाकर सम्मानित किया।
भूतपूर्व सैनिक विकास समिति राष्ट्रीय अध्यक्ष कर्नल देव आनंद लोहामरोड़ ने महामहिम राज्यपाल एवं उनकी सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि समिति आने वाले समय में भी सैनिकों, वीर नारियों और आश्रित परिवारों के कल्याण के लिए पूर्ण समर्पण के साथ कार्य करती रहेगी। उन्होंने कहा कि भूतपूर्व सैनिकों के प्रति सम्मान और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए यह समिति केवल संगठन नहीं, बल्कि राष्ट्र के प्रति एक सेवा मिशन है। कर्नल देव आनंद ने यह भी कहा कि समिति सैनिक परिवारों की सेवा और समाज में उनके सम्मान को बढ़ाने के लिए अपने प्रयासों को निरंतर जारी रखेगी।
भूतपूर्व सैनिक विकास समिति के पदाधिकारियों को मिला यह सम्मान इस बात का प्रमाण है कि सेवा, समर्पण और राष्ट्रप्रेम से किया गया हर प्रयास देश के गौरव को बढ़ाता है।
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