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Dharmendra Singh

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December 31, 2025

सच दिखाने की हिम्मत

चंदौली में नाजिम खान पर गांजा तस्करी की एफआईआर

नाजिम ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग

कटनी। उप्र के चंदौली पुलिस ने 27 अक्टूबर को कटनी के नाजिम खान के खिलाफ गांजा तस्करी के मामले में एफआईआर दर्ज की है। इस कार्रवाई के दौरान लगभग 52 किलो गांजा जब्त किया गया, जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 13 लाख रुपए बताई जा रही है।

पुलिस के अनुसार, कार चालक चांद बाबू ने अपने बयान में नाजिम खान का नाम लिया। लिहाजा चांद बाबू और नाजिम को आरोपी बनाया गया है।

विरोधाभाषी स्थिति
लेकिन मामला और जटिल तब हो गया जब यह सामने आया कि पकड़ी गई कार सफेद रंग की टाटा मांजा थी, जबकि नाजिम खान की कार नीले रंग की बीएमडब्ल्यू है। इस बीच यह भी पता चला कि दोनों कारों पर एक ही नंबर प्लेट (एमपी 21 जेड एफ 0001) लगी हुई थी।

षड्यंत्र का आरोप
नाजिम खान ने एफआईआर और इस मामले को लेकर षड्यंत्र का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि उनके खिलाफ कोई झूठा मामला तैयार किया गया है। उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, दोनों राज्यों के डीजीपी, कटनी और चंदौली एसपी को पत्र लिखा है।
बयान की सत्यता की जांच
पुलिस अधिकारिओ का मानना है कि अगर कारों पर वास्तव में एक ही नंबर प्लेट लगी है, तो यह कार चोरी, फर्जीवाड़ा या किसी की साजिश का मामला हो सकता है। फिलहाल पुलिस ने कार की नंबर प्लेट और चालक के बयान की सत्यता की जांच शुरू कर दी है।इस मामले ने स्थानीय प्रशासन और कानून व्यवस्था की भी निगाहें खींची हैं। नाजिम खान ने स्पष्ट किया है कि वह पूरी तरह से निर्दोष हैं और उच्च स्तरीय जांच से ही उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों का वास्तविक सत्य सामने आएगा।

जांच चल रही है
उप्र पुलिस की ओर से कहा गया है कि मामले की जाँच उच्च अधिकारियों की निगरानी में चल रही है और जल्द ही स्थिति स्पष्ट हो सकती है।

नाजिम पक्ष का तर्क
– NDPS एक्ट के प्रावधानों का पालन नहीं किया गया.
– दूसरी नंबर प्लेट भी मिली उसके मालिक को भी आरोपी बनाया गया है क्या???
– यदि SHO मौके पर थे तो जब्ती उनके द्वारा क्यों नहीं की गई.
– जो आरोपी पकड़ाया है उसके पास से मोबाइल मिला या नहीं यदि हाँ तो उसका उल्लेख नहीं किया गया है
– FAST टैग लगा था या नहीं
– किससे माल ले कर आ रहा था… स्पष्ट नहीं है… नाजिम का व्यक्ति लिखा है उसका नंबर या उसको कैसे जानता है वो क्लियर नहीं है.
– पूरी कार्यवाही में गवाह नहीं हैं.