आज भागवत कथा के रसपान कराते हुए श्री देव नारायण शास्त्री के द्वारा ग्राम शिकारा में श्रीमद्भागवत के बीच नवमी स्कंध में भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं में जब ब्रह्मा जी के द्वारा बछड़ों और गोप लोगों का हरण कर लिया गया तब श्रीकृष्ण के द्वारा नए बछड़े और नए ग्रुप अपनी श्रेष्ठ से तैयार करके उन्हें घर पहुंचा दिया गया जब ब्रह्मा जी ने 1 साल बाद देखा के बछड़े और ग्वाल वृंदावन में रमण कर रहे हैं तो भगवान के पास आए और उनकी प्रार्थना करने लगे भगवान श्री कृष्ण की उनके द्वारा तीन परिक्रमा की गई लेकिन भगवान जी ने ब्रह्मा जी से कुछ नहीं कहा ब्रह्मा जी भगवान श्रीकृष्ण की स्तुति करने के पश्चात अपने ब्रह्मलोक को चले गए उसके बाद शास्त्री जी के द्वारा कालिए बकासुर अघासुर तथा यमला अर्जुन की कथा का वर्णन किया गया उसके बाद गोवर्धन पूजा और इंद्र भगवान के गुप्ता सहन करने के पश्चात इंद्र का मान मर्दन किया गया आज के कार्यक्रम में 56 भोग श्री रामाधार सिंह भदोरिया के द्वारा कराया गया तथा उपस्थित सभी विद्वान शब्दों रसपान करने वाले श्रोताओं का भोजन शिकारा के सरपंच राजवीर सिंह भदोरिया के अग्रज श्री नरेंद्र सिंह के द्वारा आयोजित किया गया जिसमें ब्राह्मणों एवं माताओं के द्वारा भोजन किया गया कथा का समापन 17 नवंबर को होगा
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