सुभाष भन्नारे रिपोर्टर

छिंदवाड़ा एवं होशंगाबाद जिले के मध्य सतपुड़ा की वादियों में स्थित चौरागढ़ में लगने वाला यह मेला विदर्भ सहित समीपवर्ती जिलों में खासा प्रतिष्ठित है। इस मेले में विदर्भ सहित आसपास के कई जिलों के भगवान शिव के भक्त अपनी मनोकामना को लेकर सतपुड़ा की पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित चौरागढ़ मंदिर में पहुंचकर भगवान आशुतोष के दर्शन करते हैं। इन दोनों ही जिलों के एक बड़े भूभाग में निवासरत आदिवासियों के लिए यह मेला उनके बड़े आर्थिक स्रोत का कारण है, दरअसल यह स्पष्ट है कि इन आदिवासियों की वार्षिक आजीविका का आधार केंद्र यही मेला होता है। इस मेले में आने वाले श्रद्धालुगणों के द्वारा खानपान, पूजन सामग्री एवं कई जंगली औषधियां सहित कई सामानों का क्रय इन आदिवासियों से किया जाता है। जिसके चलते इन आदिवासियों का भरण पोषण वर्ष भर चलता है। इस क्षेत्र के पत्रकारों की प्रतिनिधि संस्था सतपुड़ा प्रेस क्लब के द्वारा इस मेले की वर्षों पुरानी परंपरा एवं प्रतिष्ठा को मद्देनजर रखते हुए आदिवासियों के हितार्थ दोनों ही जिलों के कलेक्टर से इस मेले के 2 वर्ष के बड़े अंतराल के बाद पुनः गरिमामयी आयोजन किए जाने की मांग रखी गई है। शासन एवं प्रशासन से यह अपेक्षा है कि उक्त महादेव मेले के आयोजन के संदर्भ में जल्द निर्णय लेकर आम जनमानस में व्याप्त गतिरोध एवं संशय को समाप्त करने में अहम भूमिका निभाये।
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