भिंड-मौ तहसील के ग्राम सिनोर के ग्रामीण पिछले एक महीने से बड़ी परेशानी और जीवन मरण के संकट से जूझ रहे है। ग्रामीणों ने आज मीडिया को जानकारी देते हुये बताया कि वह पूर्ण रूप से खेती पर आश्रत है। किसान पूरे वर्ष अपने खेत मे अपने खून पसीने की मेहनत करके उस मे फसल बोता है जिसके बाद भरी सर्दी में फसल में पानी देता है। कई दिनों तक लाइन में लगकर उस खेत की फसल के लिये खाद खरीदता है। फिर उसे दिन रात रखवाली करके गायों से बचाता है। उसके बाद वह ईश्वर से प्रार्थना करता है कि यह ठीक से हो जावे उसके बावजूद जब खेत मे पकी फसल को जब सरकार के नुमाइंदे उसे काटने से रोकते है उस वक्त उस किसान की पीड़ा और दर्द को कोई नही समझ सकता है।
दरअसल पूरा माजरा ये है कि ग्राम सिनोर के किसानों को तहसीलदार के द्वारा यह आदेश मिला है कि वह फसल को नही काट सकते क्योंकि वह फसल सरकारी जमीन में खड़ी है। बावजूद इसके किसानों के पास हजारों और लाखों रुपये के पेनल्टी नोटिस भी आ गए है और मामला न्यायालय तक पहुंच गया है। इस पूरे मामले में जब हम गांव में किसानों का पक्ष जानने के लिये पहुंचे तो देखा कि किसानों के खेतों पर कई गांव के चौकीदार फसल न काटने के लिये सुरक्षा में लगा दिये है। किसानों ने अपनी पीड़ा सुनाते हुये बताया कि हम सैंकड़ों वर्षों से इस जमीन पर हमारे पुरखों के समय से खेती करते चले आ रहे है। हमारे खेतों से लगी हुई थोड़ी बहुत जमीन सरकारी हो सकती है परंतु इसमें बहुत सी जमीनों के पट्टे भी है वहीं कई बीघा जमीन हमारे खाते की भी है। परंतु अभी इतने वर्षों में हमें यहां खेती करने या फसल काटने से किसी ने नही रोका अब जब हमारी पूरे साल की फसल तैयार खड़ी है तो उसे काटने से रोकना कहाँ का न्याय है।
किसानों ने बताया कि यह फसल उनके साल भर की मेहनत है। यदि यह हमें नही मिली तो हम ओर हमारे बच्चे पूरी साल भूखे मरेंगे।
हम सरकार और प्रशासन से गुहार लगा रहे है कि हमे यह फसल काट लेने दी जाए इसके अलावा हमारी जमीन का सीमांकन कर दिया जाये जिससे आगे यह स्थिति न बने।
*इस वर्ष घर मे बेटी की शादी है पति का हो गया एक्सीडेंट, घर मे खाने के लाले*
एक महिला ने रोते रोते बताया कि कुछ दिनों के पहले उसके पति का एक्सीडेंट हो गया जिसमें वह गम्भीर घायल हो गया। रिश्तेदारों की मदद से ग्वालियर में उनका इलाज चल रहा है। वहीं उनकी इसी साल बेटी की शादी है। फसल नही मिली तो साल भर हमारे बच्चों का भरण पोषण नही हो सकेगा। तब हमारे पास आत्महत्या करने के अलावा कोई रास्ता नही है। हमारी आत्महत्या की जिम्मेदार ये शासन प्रशासन होगा।
*इनका यह कहना है -*
हमारे पास सिनोर गांव के ग्रामीण आये थे। अभी सिनोर के किसानों का मामला न्यायालय में विचाराधीन है। न्यायालय मंगलवार को अंतिम आदेश देगा। तब तक फसल नही कटनी है।
*शुभम शर्मा – SDM गोहद*
गिरजेश पचौरी पत्रकार मेहगांव मो.9926264754
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