संजय तिवारी रिपोर्टर

पूरे कटनी जिले में रेत का अवैध उत्खनन जोर शोर से चल रहा है। विपक्ष के नेता हों या गांव के ग्रामीण लगातार उनके द्वारा मांग की जाती रही है कि विस्टा सेल्स के द्वारा पूरे जिले में रेत का अवैध उत्खनन कराया जा रहा है। जिसकी बकायदे ग्रामीणों व स्थानीय लोगों ने माइनिंग विभाग से लेकर वन विभाग और कलेक्टर तक को शिकायत कर चुके हैं। लेकिन ना जाने क्या कारण है कि विस्टा सेल्स के रेत अवैध उत्खनन में जिला प्रशासन अंधा बहरा बना हुआ है।
हाल ही में कटनी जिले की कांग्रेस नेत्री पद्मा शुक्ला ने विजयराघवगढ़ के क्षेत्रीय लोगों के साथ एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर आरोप लगाया है कि छिंदहाई और गोधन काप (जाजगढ़) में अवैध रेत का उत्खनन जारी है। वन क्षेत्र में करीब 8 किलोमीटर तक अवैध उत्खनन कर लिया गया है। घुघरी में रेत लीज स्वीकृत नहीं है फिर भी रेत का अवैध उत्खनन हो रहा है। कटनी जिले में रेत के अवैध खनन को लेकर कांग्रेसी नेताओं के पूर्व भाजपा नेता भी चिंता जता चुके हैं, इसके लिए उन्होंने कई बार कटनी जिले के कलेक्टर को भी पत्र लिखा है। लेकिन पत्र लिखने वाले नेताओं की मानें तो प्रशासन ने उनके पत्र पर गंभीरता नहीं दिखाई। अब कांग्रेस के नेताओं ने रेत के अवैध उत्खनन को लेकर मोर्चा खोल दिया है।कांग्रेस नेत्री ने बताया कि रेत के अवैध उत्खनन पर प्रशासन द्वारा लगातार अनदेखी की जा रही है, जहां एक ओर सरकार नदियों की पूजा करती है। लेकिन नदियों में खनन का निर्धारित मापदंड के विपरीत जाकर कटनी के रेत कारोबारियों ने किया है। शासन के नियमों को ठेंगा दिखाते हुए नदी का सीना छलनी करने वालों पर कटनी जिला प्रशासन मौन है।
कांग्रेसी नेताओं ने कहा अगर निष्पक्षता से कार्यवाही हुई तो रेत के अवैध कारोबारियों की काली कमाई के कई भेद उजागर हो सकते हैं, लेकिन यह उम्मीद कटनी जिला प्रशासन से करना पत्थर में सिर पटकने जैसा होगा। रेत माफियाओं के ऊपर कार्यवाही ना होने पर कांग्रेसी नेताओं का अगला कदम क्या होगा यह देखना बाकी है।
इसके पहले भी विस्टा सेल्स के द्वारा रेत के अवैध उत्खनन करने पर ग्रामीणों ने कई बार शिकायत दर्ज करा चुके हैं, वहीं ग्रामीणों द्वारा विरोध करने पर विस्टा सेल्स के लोगों द्वारा उनको धमकी भी दी जाती है।
जानकारी के मुताबिक विस्टा सेल्स के अवैध कारोबार में स्थानीय कटनी जिले के एक सत्ताधारी दल के बड़े नेता भी शामिल हैं जिनका इस अवैध उत्खनन में बराबर का हिस्सा है। शायद यही वजह है कि कटनी का जिला प्रशासन रेत कारोबारियों पर कार्यवाही करने की बजाय संरक्षण दे रहा है।
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