संजय गेहलोद रिपोर्टर


नरसिंह जी को वाणी प्रदान करने सांवरिया सेठ स्वयं आए थे। जिंदगी कोई मस्ती से जी रहा है, कोई जर्बदस्ती जी रहा है। कभी भी भगवान के पास जाओं तो प्रसन्न होकर जाना, भले ही हम भगवान को फुल, इत्र और प्रसाद नहीं चढा पाएं तो भी हमें प्रसन्न होकर भगवान के पास जाना चाहिए। प्रसन्न रहने की कला सिर्फ इन्सान के पास है, इस दुनिया में सिर्फ इन्सान ही मुस्करा सकता है। प्रसन्न रहना सांवरिया सेठ की सबसे बडी कृपा है। जंगल में दो ही मंदिर होते है, एक शिवजी का और दूसरा हनुमान जी का, बाकी सभी मंदिर नगर में होते है। उक्त अमृत वचन होली के पावन अवसर पर आयोजित नानी बाई रो मायरों कथा के दौरान पंचमुखी हनुमान मंदिर उमराली रोड पर स्थित आजाद भवन में सुप्रसिद्ध कथावाचक पंडित श्री मनोज जी कश्यप शेरपुर वाले ने व्यासपीठ पर विराजमान होकर कही।
हिन्दी और मारवाडी भाषा में कथा करते हुए पण्डित कश्यप जी ने कहा कि नरसिंह जी को सांवरिया सेठ से मिलाने में शिवजी की भूमिका रही। नरसिंह मेहता ने शिवजी से कहा कि मुझे कुछ नहीं चाहिए, सिर्फ राधाकृष्ण से मिलवा दीजिए। जब कन्हैया ने गोपियों का चीर चुराया था वह लोगों को याद रहा, तब कृष्ण जी की उम्र छह वर्ष थी, लेकिन जब 12 वर्ष की उम्र में कृष्ण ने द्रोपदी की लाज बचाई थी, वह लोगों को याद नहीं रहा। जैसे ही पण्डितजी ने भजन मै तो शिव ही शिव का जाऊं, जल से स्नान कराउं गाया तो पूरा पाण्डाल मंत्रमुग्ध हो गया।
मीडिया प्रभारी कृष्णकांत बेडिया ने बताया कि कथा के प्रारंभ में मंदिर समिति व भक्त मण्डल द्वारा एक विशाल चल समारोह व कलश यात्रा रणछोड राय मंदिर से शाम को छह बजे निकाली गई। डीजे व ढोल ढमाकों के साथ निकाली गई कलश यात्रा में पंचमुखी हनुमान मंदिर के पुजारी घनश्यामदासजी महाराज सिर पर नानी बाई रो मायरो की कथा पुराण लेकर चल रहे थे। इसके पीछे कथा वाचक मनोजजी कश्यप शेरपुर वाले, जीप पर सवार होकर भक्तों को आशीर्वाद दे रहे थे। अंत में महाआरती के साथ प्रसादी का वितरण हुआ।
पंचमुखी हनुमान मंदिर समिति के अध्यक्ष संजय मांझी, सदस्य किशोर शर्मा, जगदीश राठौड, सतीश थेपडिया, कृष्णकांत राठौड, राजु राठौड व समिति के अन्य सदस्यगणों और महिला मण्डल ने आलीराजपुर की धर्मप्रेमी जनता से अधिक से अधिक संख्या में पधारकर नानी बाई रो मायरो कथा का लाभ लेने की अपील की है। कथा 21 मार्च तक आयोजित होगी जिसका समय रात्रि 7 से 10.30 बजे तक है।
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