सरिता पाटीदार रिपोर्टर




सुहागिन महिलाओं का सबसे बड़ा पर्व करवाचौथ व्रत गुरुवार को मनाया गया ।VEO :- स्त्री अपने पति की दीर्घायु और अखंड सौभाग्य प्राप्ति की कामना के साथ निर्जला व्रत रखकर परिवार के साथ मनाया गया ।करवा चौथ पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया गया । सुहागिन महिला अपने पति की लंबी आयु एवं अखंड सौभाग्य बना रहे ,इस हेतु यह उपासना की गई ।
पौराणिक कथाओं और शास्त्रों के अनुसार 16 श्रृंगारो में से एक श्रृंगार यह भी है , “करवा चौथ”।जिसमें शाम को चंद्रमा को पत्नि द्वारा अर्घ देकर पति के हाथों जल ग्रहण करती है। चंद्रमा के दर्शन कर पति का पूजन भी किया गया। चंद्रमा एवं गणेश जी की आरती की गई ।पत्नि द्वारा परिक्रमा कर पति का चेहरा दीपक रखे चालनी से देखा गया और अखंड सौभाग्य का आशीष पाया ।उसके पश्चात करवा चौथ की व्रत कथा सुनाई गई ।सर्वप्रथम गणेश जी की पूजा अर्चना कर मुंग , गेहूं, चूड़ियां, बिछुए,बिंदिया, सिन्दूर, साडी ,रूपये करवे मे रखकर सासु मां को दी गई।फल भी दिए गये। घर में बड़ों से आशीर्वाद पाकर फिर भोजन ग्रहण किया
BYTE :- हर्ष पाटीदार द्वारा।
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