संतोष प्रजापति ब्यूरो चीफ बैतूल
अमृत बना ज़हर – बैतूल सांची दूध प्लांट
बैतूल सांची दूध प्लांट बाजार में ज़हर का दूसरा विकल्प उपलब्ध करवा रहा है
यदि आप सांची का दूध उपयोग करते हैं तो हो जाएं सावधान क्योंकि इसमें निकल रहे हैं जिंदा कॉकरोच,
और अगर निष्पक्ष रूप से जांच की जाए तो पता नहीं क्या क्या निकलेगा इसके पहले भी सांची दूध प्लांट बैतूल में कई कंप्लेंट आई थी जिसमें कस्टमर ने बताया था कि दूध के बंद पैकेट में जिंदा कॉकरोच निकले थे, पर कस्टमर के पास पुख्ता सबूत नहीं होने के कारण इस मामले को दबा दिया गया था और मैनेजर ने इसी बात को लेकर अपना पल्ला झाड़ लिया था और साफ साफ बच गया था; परंतु इस बार कस्टमर के पास दूध पैकेट खोलने से पहले उसमें उसे कुछ काला काला जिंदा कीड़ा जैसा दिखाई दिया तो उसे संदेह हुआ और उसने उस पैकेट को खोलने से पहले उसका वीडियो बनाना प्रारंभ किया जिसके दौरान उसमें से कॉकरोच बाहर निकला जो साफ-साफ वीडियो में दिख रहा है जिस पर बैतूल सांची प्लांट मैनेजर राजेश चार्थड ने कहा कि आगे से ऐसा नहीं होगा, और इस पर जांच करवाने के लिए कह कर अपना पल्ला झाड़ लिया परंतु इसके पहले भूतकालिक समाचार सूत्रो से पता चला है कि मैनेजर राजेश चार्थड जो कि इंदौर के पास आष्टा प्लांट में भी थे उस समय भी वहां पर भी इनके ऊपर इसी तरह की कई जांच और कार्यवाही हुई थी और प्लांट में बहुत सारी अनियमितता पाई गई थी और लोगों जो समितियां चलाते हैं जहां से दूध संग्रहित (कलेक्ट) किया जाता है उन लोगों से अवैध वसूली की भी कंप्लेंट थी यह जानकारी आप भोपाल हेड ऑफिस से भी पता कर सकते हैं। तो इस तरह के मैनेजर की हमें बैतूल में बिल्कुल भी आवश्यकता नहीं है जिनके कारण हमारे बैतूल के छोटे-छोटे बच्चों का जीवन दांव पर लगाया जा रहा है और सांची दूध वाले टीवी पर विज्ञापन के माध्यम से पोषण, शुद्धता और स्वच्छता का दावा करते हैं कि सांची दूध बहुत गुणवत्ता पूर्ण, पोषण से भरपूर, शुद्ध और स्वच्छ होता है जिससे बच्चों की सेहत बनती है तो क्या यही सेहत बन रही है और बैतूल प्लांट के मैनेजर के खिलाफ भोपाल हेड ऑफिस में कंप्लेंट भी की गई परंतु इसका अभी तक कोई रिस्पांस नहीं आया है लोक कल्याणकारी राज्य के रूप में सरकार का दायित्व हो जाता है कि वह जन स्वास्थ्य को अग्रणी स्तर पर रखते हुए अपने कार्य को सुचारू रूप से जारी रखें लेकिन कुछ कर्मचारियों की लापरवाही के कारण जन स्वास्थ्य की व्यापक हानि हो रही है इससे सरकार का दायित्व हो जाता है स्थाई कार्यपालिका के प्रति सख़्त रवैया अपनाया जाना चाहिए और मैनेजर को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए ताकि भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही को रोका जा सके। स्थाई कार्यपालिका में हर कर्मचारी के अपने उत्तरदायित्व को सुनिश्चित करके ऐसी लापरवाही से बचा जा सकता है स्थाई कार्यकाल उनके स्थाई लापरवाही हेतु अनिवार्यता दर्शाती है इसीलिए ऐसी लापरवाही पर सख्त रवैया अपनाकर उनके स्थायित्व को संकटग्रस्त करे।
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