महिलाओं ने गाए मंगल गीत। बालिकाओ ने किया गरबा।
ब्यूरो चीफ नरेन्द्र राय


एंकर रायसेन जिले की सिलवानी तहसील में स्वयं भगवान है का संदेश देने वाले महान आध्यात्मिक संत श्रीमद तारण तरण मंडलाचार्य महाराज की जयंती बुधवार
को नगर में श्रीतारण तरण दिगंबर जैन समाज के द्वारा उत्साह व उमंग के साथ मनाई गई। साथ ही तीन दिनी कार्यक्रम का भी समापन भी किया गया ।
तारण स्वामी की 574 वी जयंती मनाए जाने का लेकर श्रीतारण तरण दिगंबर जैन समाज के द्वारा तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जिसका समापन बुधवार को किया गया । समापन अवसर पर नगर में भव्य चल समारोह निकाला
गया। जिसका आरंभ जैन चैत्यालय से किया गया । जो कि हौली चौक, बुधवारा बाजार, गांधी चौक, सागर रोड, बजरंग चौराहा, पुराना बस स्टेण्ड, अंबेडकर वार्ड होता हुआ प्रारंभिक स्थल पर पहुंच कर समाप्त हो गया। चल समारोह में चांदी जडि़त पालकीजी व पालना में महान आध्यात्मिक संत श्रीमद तारण तरण
मंडलाचार्य महाराज के द्वारा विरचित जैन ग्रंथ मॉ जिनवाणी को विराजमान
किया गया था। जिसे कि समाजजन श्रद्वा पूर्वक कंधे पर उठाए जय जयकार करते हुए चल रहे थे। इस मौके पर अनेको स्थानो पर समाजजनो के द्वारा मॉ जिनवाणी की श्रद्वा पूर्वक आरती उतारी जाकर समाजजनो का तिलक लगा कर स्वागत किया ।
इस मौके पर पूर्व विधायक देवेंद्र पटेल भी चल समारोह में शामिल
हुए व मॉ जिनवाणी की आरती उतार कर समाजजनो को तारण जयंती की शुभकामना दी। इसके अतिरिक्त जन भागीदारी समिति अध्यक्ष श्याम साहू, विधायक प्रतिनिधि विभोर नायक आदि ने भी पालकी व पालना में विराजमान मॉ जिनवाणी की आरती
उतारी।
महिलाओं ने गाए मंगल गीत-
चल समारोह में विभिन्न आकर्षक परिधान पहने महिलाए बड़ी संख्या में शामिल हुई। महिलाए मंगल गीतो का गायन करती हुई चल समारोह को गरिमा प्रदान कर रही थी। जबकि बालिकाए गरबा नृत्य करती हुई चल समारोह को आकर्षण प्रदान कर
रही थी। ललितपुर से आई बेण्ड पार्टी के गायको के द्वारा लय व ,ताल के साथ भजनो का गायन कियाजा रहा था। इसके अतिरिक्त उज्जैन से आई ढोल पार्टी के सदस्य विभिन्न आवाज में ढोल बजा कर अपनी उपस्थिति का अहसास करा रहे थे।
राजस्थानी पगड़ी बांधे युवा बने आकर्षण का केंद्र -चल समारोह में बड़ी संख्या में अखिल भारतीय तारण तरण युवा परिषद की स्थानीय इकाइ के युवा कार्यकर्ता व पदाधिकारी शामिल हुए। सभी युवा सफेद
कुर्ता पाजामा पहने, सिर पर राजस्थानी पगड़ी बांधे अनुषासित होकर नांचते गाते जयकारा लगाते हुए चल रहे थे। जो कि आकर्षण पैदा कर रहे थे। चल समारोह की समाप्ति पर समाज के पदाधिकारियो ने कार्यक्रम में शामिल होने पर सभी का आभार माना।
महाआरती का भी किया गया आयोजनः-
समापन अवसर पर महा आरती का भीआयेाजन किया गया। तय प्रक्रिया के तहत महाआरती करने का सौभाग्य तारण तरण जैन समाज के अध्यक्ष प्रजासेवक जैन को जवाहर परिवार सहित प्राप्त हुआ। रात्रि के समय श्री जैन से निज निवास से चल समारोह के रुप में महाआरती निकाली गई। जो कि विभिन्न मार्गो से होती हुई जैन चैत्यालय पहुंची। यहां पर लय ताल के साथ हारमोनियम सहित अन्य
बाद्य यंत्रो की ध्वनि पर जवाहर परिवार सहित समाजजनो ने महाआरती की ।
तीन दिनी कार्यक्रम के दौरान विभिन्न आयोजन संपन्न किए गए।
जिसमें पालना झूलाना, सांस्कृतिक कार्यक्रम सहित अनेक प्रतियोगिताए भी संपन्न की गई। बुधवार को सुबह के समय सवाई सेठ ज्ञानश्री परिवार के निज निवास पर पहुचे समाजजनो के द्वारा सवाई सेठ ज्ञानश्री परिवार के सदस्यो के साथ जैन ग्रंथ जिनवाणी को श्रद्वा पूर्वक सिर पर रख कर नांचते गाते हर्ष विभोर होकर चैत्यालय तक लाया गया । चैत्यालय में भक्तामर पाठ के समापन पर आरती की जाकर प्रसाद का वितरण भी किया गया । सभी कार्यक्रर्मो में बड़ी संख्या मे समाजजनो ने सहभागिता की ।
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