एस पाटीदार रिपोर्टर




गीता ज्ञान पंचायत समिति मनावर के तत्वाधान में मां मंगला देवी मंदिर के प्रांगण में श्रीमद् भागवत ज्ञान महोत्सव कथा के पांचवे दिन में पंडित अनिल जी शर्मा ने बताया कि मानव जीवन अनमोल है ।इस जीवन को व्यर्थ में न गमाए। भगवान की शरण में लगाए।
“बांस की बांसुरी वालो बड़ों इतरायो ” भजन पर श्रोता ने खूब नृत्य किए। उनहोने आगे बताया कि गंगा गीता,सावित्री ,सीता, गौ माता, गायत्री ,पंख,शहद घर पर है ,वहा भगवान निश्चित रूप से आते हैं ।संगीतमय भगवत कथा मे कृष्ण जी की लीलाओं का रसपान लेकर भक्तो ने खूब आनंद लिया। मानव जीवन अनमोल है। इस जीवन को भगवान के भक्ति में लगाए ।मानव दर-दर भटक कर इसे बर्बाद कर रहा है। माता पिता और परिवार से प्राप्त संस्कार ही मानव को श्रेष्ठ बनाते हैं तथा श्रेष्ठ कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं। बच्चों से प्रारंभ से हि संस्कार किया जाना चाहिए ताकि बड़े होकर वह न केवल संस्कारित कार्य करें, बल्कि अन्य के लिए भी उदाहरण प्रस्तुत करें ।बालक की पहचान माता-पिता से होती है ।मानव को धर्म दान करना चाहिए। श्रीमद् भागवत कथा मोक्ष का साधन है। आज प्रकृति से छेड़छाड़ से मानव को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है ।धर्म नहीं कहता है कि जीव की हत्या करें ।हरि नाम मात्र से जीवन आत्मा को पार लगा सकता है ।निस्वार्थ भावना से भगवान का भजन करना चाहिए। ईश्वर की कृपा से बड़े बड़े कष्ट भी दूर होकर आत्म शांति मिलती है ।जीव आत्मा सिर्फ धर्म कर्म ही जाएगा मानव के साथ। समुद्र मंथन से कामधेनु गौ माता से पांच गाॅये उत्पन्न हुई ।पांच गऊ माता को पांच ॠषियो को वितरित की गई। मुख्य यजमान सुरेश- भगवती पटेल, मुकेश- सविता पाटीदार सपत्निक, जगदीश चंद पाटीदार अध्यापक छप्पन भोग की प्रसादी के लाभार्थी रहे। मोहन सोनी , रमेश चंद कुशवाह, लक्ष्मण मुकाती ,अनिल शर्मा आदि का सहयोग रहा।
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