Chief Editor

Dharmendra Singh

Office address -: hanuman colony gole ka mandir gwalior (m.p.) Production office-:D304, 3rd floor sector 10 noida Delhi Mobile number-: 9806239561, 9425909162

August 2025
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
25262728293031
August 8, 2025

सच दिखाने की हिम्मत

दया धर्म का मूल है इसे नहीं त्यागेंः वेदाचार्य पंडित रामकृपाल शर्मा। श्रीराम चरित मानस सम्मेलन के दूसरे दिवस कथा श्रवण करने अनेको श्रद्वालु पहुचें।

स्थान मध्य प्रदेश लोकेशन सिलवानी

नरेन्द्र राय ब्यूरो चीफ

एंकर रायसेन जिले की तहसील सिलवानी नगर के रघुवंशी गार्डन मंगल भवन में पांच दिवसीय
रामचरितमानस सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए वेदाचार्य पंडित राम कृपालु शर्मा ने द्वितीय दिवस अपने उद्बोधन में कहा कि दया धर्म का मूल है व्यक्ति को इसे नहीं त्यागना चाहिए । गोस्वामी तुलसीदास महाराज ने इसकी बड़ी सुंदर व्याख्या करते हुए कहा हैएकि दया धर्म का मूल है। पाप मूल अभिमान। तुलसी दया ना छोड़िये जब तक घट में प्रान।उन्होंने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास महाराज बड़ी सुंदर व्याख्या करते हुए कहते हैं कि दया व्यक्ति के अंतः करण में धर्म की भावना से ही उत्पन्न होती है जो वस्तुतः धर्म का मूल है और अभिमान पाप की जड़ है। व्यक्ति के जीवन में अहंकार है तो अहंकारी व्यक्ति पाप की ओर उन्मुख हो जाता है ।और अहंकार भी विभिन्न प्रकार के होते हैं । अहंकार के वशीभूत होकर ही उसके जीवन में जितने भी विघटनकारी कार्य हैं वह प्रारंभ हो जाते हैं ।रामचरित मानस सम्मेलन में निर्मल कुमार शुक्ला,ब्रह्मचारी परीक्षा पीठधेशर राघव रामाणी, नरेश शास्त्री। सिलवानी ने भी अपने प्रवचन दिए।
उन्होने कहा कि संसार में व्यक्ति के जीवन में पवित्र आचरण
अंतःकरण की शुद्धि आचार शुद्धि विचारों की शुद्धि एवं भोजन की शुद्धि
बहुत अनिवार्य है । इससे अंतःकरण पवित्र होता है। अंतःकरण पवित्र होने से परमात्मा अंतः व्यक्तित्व को श्रेष्ठ बनाकर उसमें समाहित हो जाते हैं।
किसी भी प्रकार का मैल छल कपट यदि अंतः करण में है तो परमात्मा की
कृपा प्राप्त होने में कठिनाई होती है। इसलिए व्यक्ति को चाहिए कि अपने
मनए वाणी एवचन और कर्म से पवित्रता धारण करते हुए परमात्मा को हृदय में निवास करने के लिए एसदैव प्रार्थनारत रहे । इस अवसर पर बड़ी संख्या में धर्म अनुरागी सज्जन माताएं बहने उपस्थित रहे।
आयोजक समिति ने सभी धर्म प्रेमी बंधुओ से कथा श्रवण करने का आग्रह किया है।