Chief Editor

Dharmendra Singh

Office address -: hanuman colony gole ka mandir gwalior (m.p.) Production office-:D304, 3rd floor sector 10 noida Delhi Mobile number-: 9806239561, 9425909162

August 2025
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
25262728293031
August 9, 2025

सच दिखाने की हिम्मत

मुकेश अम्बे रिपोर्टर

उदयन्श संस्था(एनजीओ) द्वारा जिले में 1 लाख चूल्हे बांटने का लक्ष्य।।

ठीकरी जिला बड़वानी –लगातार पर्यावरण के बिगड़ते माहौल एवम वातावरण में जहरीली गैसों के उत्सर्जन से प्रतिकूल प्रभाव आम जनता के शरीर एवम स्वास्थ पर पड़ रहा है, ऐसे में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को उत्तम स्वास्थ् एवम प्रदुषण मुक्त जीवन देने एवं पर्यावरण सरंक्षण में मदद की पहल ठीकरी की उदयन्श ग्रामीण समाज सेवा समिति ने की है।

ईकेआई द्वारा वित्तपोषित संस्था अरांश एग्रोटेक एवं उदयन्श ग्रामीण समाज सेवा समिति के माध्यम से मंगलवार नगर के विभिन्न वार्डों में धुआं रहित चूल्हा का निशुल्क वितरण कार्यक्रम किया गया जिसमें उपभोक्ता का आधार कार्ड एवम समग्र आईडी की फ़ोटो कॉपी लेकर चूल्हे निशुल्क बाटे गए।।

नगर एवं बड़वानी जिले के सभी गरीब परिवारों को मुफ्त और प्रदूषण रहित चूल्हा के वितरण की शुरुआत ठीकरी नगर से की है।। संस्था की ओर से जिले के प्रत्येक गरीब मजदूर परिवारों को यह चूल्हे दिए जाएंगे ,यह सभी को निशुल्क मिलेंगे । लोहा और स्टील से बने चूल्हे की खासियत यह है कि इसमें ईंधन के रूप में पेड़ की पतली टहनियों को जलाने में इस्तेमाल किया जाता है लेकिन धुआं नहीं उठता।।

उदयन्श संस्था के डायरेक्टर अनिल भालसे ने बताया कि आम चूल्हे की तुलना में 60% ईंधन की आवश्यकता और 50 प्रतिशत खाना पकाने का समय कम करता है पारंपरिक मिट्टी के चूल्हे की तुलना में 80% धुंआ कम एवम 80% कम विषाक्त उत्सर्जन करता है।। यह एक आदर्श चूल्हा है जो लोहे और स्टील के साथ मिलकर बनाया गया है इसमें बहुत लंबे समय तक भारी बर्तन और पेन और आग के गर्म तापमान को सहने की क्षमता है एवं आसानी से कहीं भी लाने एवं ले जाने के लिए उपयुक्त है।। उन्होंने बताया कि पर्यावरण संरक्षण के लिए एवं पर्यावरण में जहरीली एवं विषाक्त गैसों के बढ़ने से आमजन को होने वाली तकलीफों से बचाव के लिए यह चुला निर्मित किया गया है एवं इसका वितरण किया जा रहा है इस दूल्हे के उपयोग से महिलाओं में स्वास रोग नहीं होंगे एवं महिलाओं का स्वास्थ्य नहीं बिगड़ेगा एवं इस चूल्हे के उपयोग से वातावरण में शैली अशुद्धि कम होगी।