राहुल राठोड़ रिपोर्टर




सरदारपुर// मुक पशुओं के लिए सरकार ने पालतू मवेशियों के लिए चरनोई भूमि का नियम बनाया है, जिसमें उगने वाले चारे को मवेशी खाकर पेट भरें तथा उन्हें खाने की तलाश में इधर-उधर न भटकना पड़ेसरदारपुर तहसील की शासकीय चरनोई भूमि पर भू-माफिया के लोग लंबे समय से अवैध कब्जा किए हैं। जिसके कारण मवेशी चारे की तलाश खेतों में घुसकर किसानों की फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैंलाबरिया,संदला,सलवा बसलई,राजोद,कलोरी,साजोद,हनुमंत्या जैसे कई क्षेत्रो में सैकड़ों बीघा गोचर भूमि है। जिस पर स्थानीय दबंग लोग लंबे समय से अवैध कब्जा किए हुए हैं। स्थिति यह है कि इस गोचर भूमि के अधिकांश भाग को दबंगों ने अपने खेतों में शामिल कर लिया। जिस पर वे खेती कर रहे हैं। वहीं कुछ जमीन पर अस्थाई निर्माण कर रखा है।खास बात तो यह है कि इस बात की जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों को होने के बाद भी अभी तक चरनोई भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई है।चरनोई भूमि के सर्वे नंबर अब केवल रिकार्ड में ही दर्ज होकर रह गए,जबकि धरातल पर उक्त जमीन या तो भू-माफिया के कब्जे में होकर उस पर खेती की जा रही है या फिर उस पर भवन बना लिए गए। यही वजह है कि जब मवेशियों के लिए चरनोई भूमि ही नहीं बची है।ग्राम पंचायतों द्वारा भी अधिकारियों को गोचर भूमि को मुक्त कराने के लिए आवेदन दिए गए है भाजपा के पूर्व विधायक वेलसिग भुरिया ने भी गोचर भूमि को मुक्त कराने के लिए आवाज उठाई कई समाजसेवी संगठन ने गोचर भूमि को मुक्त करने के लिए आवाज उठा रहे हैं ऐसे में सरदारपुर तहसील में टप्पा तहसील लाबरिया के ऊर्जावान नायब तहसीलदार रवि शर्मा द्वारा कई सख्त कदम उठाकर शासकीय भूमि से अतिक्रमण व गोचर भूमि को दबंग लोगों के कब्जे से मुक्त करवाया और आगे जनता को ऐसे अधिकारियों से और भी कई उम्मीदें हैं की राजोद ,संदला, नंदलाई,खेरखेडा, चन्द्रगड़, लाबरिया, निपावली,कलोली,झिझोटा, बसंलई, जैसी कई ग्राम पंचायत की जगह पर भी अतिक्रमण की कार्रवाई कर गोचर भूमि को मुक्त करा पाएंगे।
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