*पुलिस टीम ने सीढ़ी दर सीढ़ी एवं सूक्ष्म विवेचना के जरिए आरोपी को पहुंचाया उसके वाजिब मुकाम तक
जिले की पुलिस टीम ने एक ऐसी लूट और डकैती की घटना का पर्दाफाश किया है जिसमें ना सिर्फ विवेचना के दौरान पुलिस टीम को खासा मशक्कत करनी पड़ी बल्कि आरोपी ने योजनाबद्ध तरीके से घटना को अंजाम देने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी, परंतु पुलिस टीम की तथ्यात्मक एवं सीढ़ी दर सीढ़ी विवेचना के चलते आरोपी की मंशा कामयाब ना हो सकी, इस तरह की घटना को अंजाम दिया जाना एक फिल्मी कहानी से कम नहीं है।
जिला पुलिस कप्तान श्री प्रदीप शर्मा के कुशल नेतृत्व में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री मनकामना प्रसाद एवं अनुविभागीय पुलिस अधिकारी श्री अंतर सिंह जमरा के मार्गदर्शन में थाना खुजनेर की पुलिस टीम ने थाना क्षेत्र अंतर्गत 07 एवं 08 मई 2021 की रात में घटित एक घटना का खुलासा किया है जिसमें फरियादी ने थाना पहुंचकर सूचना दी थी कि वह अपनी कार से राजगढ़ से कोलू खेड़ा, चाटू खेड़ा एवं खुजनेर होता हुआ अपने गांव लीमा चौहान जा रहा था उसी वक्त पाटक्या गांव के पास कार पंचर हो जाने के कारण उसने अपने भाई दिनेश प्रजापति को स्टैपनी लेने भेजा था, तत समय फरियादी अपने वाहन में ही बैठा था कि रात्रि करीब 2:00 बजे ग्राम बयाना के विष्णु भिलाला एवं उसका भाई प्रदीप भिलाला सहित तीन अन्य लोग वहां आए मां बहन की गाली गुप्तार करते हुए उसे कार से बाहर निकाल कर मारने लगे एवं उसके पास रखे 45 हजार रुपए, 2 मोबाइल एवं दो एटीएम छीन लिए, और वहीं पास में खड़ी उसकी कार में केरोसिन डालकर आग लगा दी।
फरियादी सुरेश पिता हरि नारायण प्रजापति उम्र उम्र 39 साल निवासी लीमा चौहान की सूचना पर प्राथमिक तौर से गंभीर घटना घटित होना पाया जाने पर मामले से वरिष्ठ अधिकारी गणों को अवगत कराया गया वही मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना खुजनेर में अपराध क्रमांक 165/2021 धारा 395, 397, 307, 436, 294, 506 भादवि के तहत पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
मामले में विवेचना के दौरान जिला पुलिस कप्तान द्वारा विशेष टीम का गठन कर मामले के अपराधियों की तत्काल धरपकड़ के निर्देश दिए गए जिस पर टीम ने घटनास्थल पहुंचकर मौके का बारीकी से निरीक्षण किया एवं परत दर परत मामले से जुड़े लोगों से पूछताछ कर प्रकरण में सुरागरसी की जाने लगी। प्रकरण मैं विवेचना के दौरान पुलिस को फरियादी द्वारा जो तथ्य बताए गए उससे घटना संदेहास्पद प्रतीत हो रही थी।
फरियादी का बैकग्राउंड खंगालने पर पाया गया कि फरियादी सुरेश प्रजापति के विरुद्ध थाना लीमा चौहान में अपराध क्रमांक 156/2020 धारा 363, 366, 376(2) भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध होना पाया गया उक्त अपराध में फरियादी जेल में निरूद्ध था जो तत समय ही 7 दिन के पैरोल पर जेल से बाहर आया था तत समय ही घटना का घटित होना संदेहास्पद था, फरियादी ने बताया कि घटना करने वाले 5 लोगों में से 2 लोगों को वह भली-भांति पहचानता है जो लीमा चौहान के निवासी विष्णु एवं प्रदीप भिलाला हैं, वही टीम द्वारा उक्त तथ्य पर जानकारी हासिल की तो विष्णु एवं प्रदीप भिलाला की बहन सोना भिलाला फरियादी पर पंजीबद्ध अपराधिक मामले की फरियादिया है जिससे यह परिलक्षित हुआ कि घटित घटना में रंजिश के चलते उक्त 2 लोगों का नाम शामिल किया गया है।
मामले में विवेचना के दौरान एक बड़ी बात सामने आई जिसमें फरियादी सुरेश ने आरोपियों द्वारा लूटी गई राशि 46 हजार में से 45 हजार रुपए करीब अपने रिश्तेदारों से लेना बताया था परंतु जांच में ऐसा कोई तथ्य सामने नहीं आया और उसके रिश्तेदारों में से किसी के भी द्वारा उसे कोई पैसा देना नहीं बताया गया। ऐसे ही एक और तथ्य तब सामने आया जब घटना के बारे में फरियादी के भाई दिनेश प्रजापति से गहराई से पूछताछ की गई तब आखिरकार उसने घटना के वक्त उसने अपने भाई के साथ होने से साफ इनकार कर दिया तभी पुलिस की टीम ने तत्काल सुरेश प्रजापति से पूछताछ के दौरान थोड़ी सख्ती दिखाकर विस्तार से पूछताछ की तो वह टूट गया और उसके बाद जो उसने खुलासा किया वह सुनकर निश्चित रूप से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि अपराधी अपराध करने के लिए किस हद तक जा सकता है वही स्वयं को बचाने के लिए किसी को भी अपराध में शामिल कर सकता है और फिर सुरेश प्रजापति तो एक शातिर अपराधी था।
सुरेश प्रजापति ने बताया कि मैंने अपनी गाड़ी का इंश्योरेंस करा कर उसमें आग लगाकर इन लोगों पर लूट का आरोप लगाने की योजना जेल में ही बना ली थी। जिससे एक तो मेरे को फायनांस कंपनी की तरफ से इंश्योरेंस मिल जाएगा जिससे मैं फाइनेंस कंपनी का पैसा चुका दूंगा और दूसरा विष्णु भिलाला और प्रदीप भिलाला पर झूठा लूट और डकैती का मुकदमा दर्ज कराने से यह लोग भी जेल चले जाएंगे और फिर इनकी जमानत कराने के लिए यह लोग मुझसे राजीनामा कर लेंगे इस प्रकार से अपने आप को बलात्कार के मामले से बचाने के लिए और फाइनेंस कंपनी का कर्जा उतारने के लिए मैंने यह पूरी कहानी बनाई और पुलिस थाने में झूठी रिपोर्ट लिखाई थी। आरोपी के विरुद्ध झूठी शिकायत करने पर खारजी स्वीकृत कराकर धारा 182, 211 के तहत परिवाद माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया जा रहा है।
आरोपी सुरेश प्रजापति के विरुद्ध थाना लीमा चौहान में विगत 24 साल में करीब 10 मामले पंजीबद्ध है इस पूरे मामले के खुलासे में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री मनकामना प्रसाद के कुशल निर्देशन में अनुविभागीय पुलिस अधिकारी राजगढ़ श्री अंतर सिंह जमरा, थाना प्रभारी खुजनेर उप निरीक्षक उमेश यादव, एवं उनकी पुलिस टीम का सराहनीय योगदान रहा है।
राजगढ़ से
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