बाल किशोर मिश्रा रिपोर्टर






भिंड अटेर क्षेत्र के किसानों में अटल प्रोग्रेस वे का रास्ता बदलने से आक्रोश है किसानों का कहना है कि पहले मुरैना से बरही तक 64 कि मी का एक्स्प्रेस वे चंबल के बीहड़ों को विकसित करके बनाया जाना प्रस्तावित था किसानों की सहमति के साथ प्रस्ताव स्वीकृति के लिए भेज दिया गया था किसानों को विश्वास दिया गया था कि प्रोग्रेस वे बनने से इस क्षेत्र का विकास हो गा औद्योगिक क्रांति आयेगी बेरोजगारी समाप्त हो जायेगी डकैतों के नाम से विख्यात चंबल घाटी में विकास की अविरल धारा बहेगी , लेकिन ऐसा लगता है कि सरकार चंबल घाटी के कलंक को मिटाने की वजाय और बढाना चाहती है प्रोग्रेस वे का रास्ता बदलकर यह प्रमाणित कर दिया है बहुत से किसान भूमि हीन हो जायेंगे लगभग 300 हे से अधिक बहु फसली उपजाऊ जमीन सरकार छुड़ा लेगी किसानों का कहना है कि हम लोग अटल प्रोग्रेस वे का विरोध नहीं कर रहे हैं हमारी माग है कि पुर्व प्रस्तावित चंबल के बीहड़ों से ही रोड निकाली जाय अगर सरकार जबरदस्ती करेगी तो हम सब मिलकर सामना करेगे लेकिन जमीन नहीं जाने देगे आज किसान संघ के नेतृत्व में लगभग दो सौ किसानों ने धरना प्रदर्शन अटेर मुख्यालय पर किया और तहसील दार को एक ज्ञापन भी दिया और अनिश्चित कालीन क्रमिक हड़ताल की घोषणा की जो कल से प्रताप पुरा में रखा जायेगा धरने में नमो नारायण दीक्षित प्रदेश उपाध्यक्ष कुलदीप भदौरिया प्रांत मंत्री, रमेश बाबू चौधरी, लक्ष्मण सिंह नरवरिया, बृजेश चौधरी जिला मंत्री शैलेन्द्र भदौरिया अटेर ब्लॉक अध्यक्ष राधे श्याम पुरोहित, रामचंद्र भदौरिया,विजय विधौलिया सरपंच प्रतापपुरा, भूरे यादव खिपोना,सौबत जाटव तोरकपुरा सहित सैकड़ों किसानों ने भाग लिया।
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