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Dharmendra Singh

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June 18, 2025

सच दिखाने की हिम्मत


पत्रकारो ने पुलिस अधीक्षक को शिकायत पत्र सौंपकर की कठोर कार्यवाही की मांग

पं संदीप शर्मा रिपोर्टर

कटनी। पत्रकारों की धुनाई कुटाई करने में ज़ब तब भाजपा नेता सफलता हासिल करते रहे हैं और पुलिस नामक संस्था उनके खिलाफ आई हर शिकायत को ख़ारिज करने के रिकॉर्ड क़ायम करती रही है। इस अन्याय की जंजीर में एक नई कड़ी की बेल्डिंग बहोरीबंद के भाजपा महामंत्री ने कर दी है जिसने एक संदिग्ध मौत की खबर जारी करने वाले ग्रामीण पत्रकार को पहले फोन पर धमकाया फिर सबेरे-सबेरे अनेक हुड़दंगियों के साथ पत्रकार के घर का घेराव किया, दहशतगर्दी फैलाई और धमकी प्रदान कर चला गयाl उसके खिलाफ पत्रकार ने पुलिस में शिकायत की तो थानेदार के हाथ पैर फूल गए लिहाजा जिले में जाकर पत्रकार ने पत्रकारों के प्रतिनिधिमंडल के साथ एस पी को ज्ञापन देकर कार्यवाही की मांग की है। और कहा है कि कार्यवाही करें l

बाकल बहोरीबंद के पत्रकार गोकुलदास पटेल ने शिकायत में बताया कि 14 फ़रवरी को सुबह 10 बजे बाकल के पास छोटेलाल चौधरी का शव संदिग्ध अवस्था

मे मिला था l जिसकी शाम 07.17 मिनट मे संदिग्ध लाश मिलने की खबर चलाई थी। जिसमे

लिखा था कि “बाकल मे युवक की लाश मिलने से क्षेत्र मे फैली सनसनी हत्या या आत्महत्या

जांच मे जुटी पुलिस”। यह खबर मैने व्हाट्सएप के सभी न्यूज ग्रुप मे चलाई थी खबर चलाने के बाद 07.31 मिनट मे गाँव के भाजपा महामंत्री राजेश चौधरी का फोन

9584672049 नं. से आया था। जिसमे राजेश चौधरी ने फोन पर बोला कि यह कैसे लिख दिए कि हत्या या आत्महत्या बहुत हवा में उड़ते हो, मै तुम्हे देख लूँगा, बहुत

पत्रकारिता करने लगा है तुझे मै बाद मे देख लूँगा। मैने बोला कि मैने आपत्तिजनक नही

लिखा है। वही इसकी कॉल रिकार्डिंग भी पत्रकार के पास सुरक्षित है
पत्रकार के बताया कि 15 फ़रवरी सुबह 9 बजे मेरी दुकान की शटर पीटने की आवाज आई और राजेश चौधरी के जोर-जोर से बोलने की आवाज आ रही थी।वह बोल रहा था कि गोकुल निकल बाहर बहुत बड़ा पत्रकार बनता है। राजेश चौधरी लगभग 100-150 सहित महिला-पुरुष के साथ मेरे घर के बाहर खड़ा था और सभी लोगों के द्वारा गंदी और अभद्र गालियां दी जा रही थी। इतनी भीड़ देखकर मेरी चाची ने मोजूद भीड़ से कहा कि गोकुल घर पर नही है। उसके बाद काफी देर तक वो सभी लोग घर के बाहर खड़े रखे। वही पत्रकार ने बाकल पुलिस को फोन कर बुलाया तब पुलिस के समझाने पर सभी लोग वहाँ से चले गए। इस

घटना से पत्रकार तथा परिवार भयभीत है एवं आशंका है कि इस घटना को लेकर पत्रकार के

ऊपर हमला हो सकता है जान को खतरा है।वही आशंका जताई है कि खबर का कबरेज करने समय समय पर अकेले ही क्षेत्र में जाना पड़ता है तथा इनके द्वारा अनुसूचित जाति होने के कारण फर्जी मुकदमा भी दर्ज कराया जा सकता है। वही बाकल पुलिस ने अभी तक कोई अपराध दर्ज नहीं किया है। इसलिए एस पी को शिकायत दी गई जहां से जाँच का भरोसा भेंट किया गया।