विकास कोरी रिपोर्टर

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जिले में ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में स्थित मंदिरों एवं अन्य स्थानों पर परम्परागत कुंओ एवं बावडियों के संबंध में जिला कलेक्टर ने अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है । कलेक्टर श्री दीपक आर्य ने कहा कि ऐसे कुएं एवं बावड़ियां जिन्हे पानी न होने से बंद कर दिया गया था। इसमें से कई कुआं/बाबड़ी ऐसे स्थानों पर उपलब्ध है, जिनके ऊपर सड़क का निर्माण किया गया है अथवा लोगों के द्वारा बैठने के लिए उपयोग किया जाता है। कलेक्टर श्री दीपक आर्य ने जिले के सभी अनुविभागीय अधिकारियों, जनपद पंचायतों के सीईओ, मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को निर्देशित किया है कि ऐसे स्थानों को चिन्हांकित कर उन्हे तीन दिवस में रिपोर्ट और फोटोग्राफ के साथ प्रस्तुत करें । ऐसे कुओं/बावड़ियों को सुरक्षित किए जाने हेतु सुझावों से भी अवगत करावे।
पूर्व में भी निर्देशित किया गया है कि ग्रामीण/शहरों क्षेत्रों में प्राईवेट/शासकीय कुंओं का उपयोग पेयजल, सिंचाई के लिए उपयोग किया जा रहा है अथवा पानी के अभाव में सूखे पड़े है। ऐसे कुंओ जिनमे मुंडेर नहीं बनाया गया है, उनका चिन्हांकन ग्राम/वार्डवार किया जाकर आगामी 7 दिवस में कम से कम 3 फीट की ऊंचाई की मुंडेर का निर्माण कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। उक्त कार्य हेतु ग्रामीण क्षेत्र में सचिव, ग्राम पंचायत की यह जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाये। प्राईवेट कुओं पर मुंडेर निर्माण का कार्य कुंआ मालिक के द्वारा किया जावेगा।
यह तथ्य भी ध्यान में आया है कि जिले में शासकीय/प्राईवेट बोरवेल खुदाई उपरान्त जल स्त्रोत न होने के कारण अथवा सामग्री के अभाव में बोरबेल को खुला छोड़ दिया जाता है, जिससे दुर्घटनाएं होने की संभावनाएं बनी रहती है। अतः निर्देशित किया जाता है कि ऐसे बोरवेलों का चिन्हांकन किया जाकर आगामी 7 दिवस में बंद कराया जाना सुनिश्चित करें। ग्रामीण क्षेत्र में सचिव एवं शहरी क्षेत्र में सीएमओ द्वारा इस आशय का प्रमाण-पत्र लिया जावे कि शत-प्रतिशत बोरवेल को बंद कर दिया गया है।
उपरोक्तानुसार कार्यो की प्राथमिकता को देखते हुए पुनः निर्देशित किया जाता है कि नियमित समीक्षा करते हुए कृत कार्यवाही का पालन प्रतिवेदन समय-सीमा में प्रेषित किया जाना सुनिश्चित करें। #JansamparkMP
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