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Dharmendra Singh

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October 19, 2025

सच दिखाने की हिम्मत

संसार में सबसे ज्यादा दयालु गो माता है- गोपालाचार्यजी श्री गोपालानन्द सरस्वती जी महाराज

देवी अहिल्या बाई होल्कर से जुडा वृतांत सुनाया, श्रद्धालु हुए भाव विभोर

दिव्य श्री गौ कृपा कथा के दूसरे दिन राजवाडा प्रांगण में उमडी श्रद्धालुओं की भारी भीड

आलीराजपुर।

आपके बच्चे की संगति कैसी है, इस पर नजर रखना, इससे आपकी आने वाली पीढियों का भविष्य तर जाएगा। जिस कार्य से हमारा समय, धन, और स्वास्थ बर्बाद हो, वो कार्य नहीं करना चाहिए। व्यर्थ के कार्य और कुसंगति हमारे विवेक को खराब कर देते है। पैसा परमात्मा ने इसलिए दिया है की उसका सदुपयोग करे, पैसा फैशन में बर्बाद नहीं करे। श्रृंगार हमारी संस्कृति का घोतक है, फैशन संस्कृति का नाश करता है। हमें हमारे वस्त्रों का ध्यान रखन चाहिए, जो फैशन आपके शरीर को नुकसान पहुंचाएं उसे त्याग दो। यह बात स्थानीय राजबाडा प्रांगण में सर्व हिन्दू समाज एवं गौ कृपा कथा आयोजन समिति द्वारा आयोजित दिव्य श्री गौ कृपा कथा के दूसरे दिन परम पूज्य क्रांतिकारी गौ भैरव उपासक संत गोपालाचार्यजी श्री गोपालानन्द सरस्वती जी महाराज ने कही।

उन्होने कहा कि मंदिर के दर्शन के लिए निकलों तो सिर्फ प्रभु की चर्चा होना चाहिए, किसी अन्य विषय की चर्चा नहीं होना चाहिए। गो माता पशु नहीं परमात्मा है। जो व्यक्ति सुबह उठकर गो माता के दर्शन करता है उसके सारे पाप नष्ट हो जाते है एवं जो व्यक्ति गो माता के अपने प्राण न्योछावर करने को भी तत्पर रहे वो धर्मात्मा कहलाता है। गो माता की सेवा से व्यक्ति की सभी कल्पना और इच्छा पूरी होती है। भगवान राम गो माता के लिए ही पृथ्वी पर आए। व्यक्ति नदी, कुंए, तालाब, आरओ, फिल्टर, मिनरल वाटर आदि पीता है तो कुछ घंटे बाद गंदगी बनकर पसीने या मूत्र के रूप में बाहर निकलता है, जबकि गो माता इधर उधर का पानी पीती है तो भी उसके शरीर में से पावन गोमूत्र बनकर निकलता है, जिससे भगवान की पूजा होती है, संत आचमन करते है और कैंसर सहित कई गंभीर बिमारियों का ईलाज होता है। उन्होने कहा कि व्यक्ति द्वारा संग्रहित धन कभी भी जा सकता है, लेकिन व्यक्ति द्वारा किया गया धर्म कभी नहीं जाएगा। दया ही धर्म का मूल है,

संसार में सबसे ज्यादा दयालु गो माता है

अपने आचरण में हमेशा दया का भाव रखो, व्यक्ति दया से धर्मात्मा बन सकता है। परंतु वर्तमान में दया वाला भाव बचा नही है। संसार में सबसे ज्यादा दयालु है तो वह गौ माता है। उन्होने इन्दौर की महारानी देवी अहिल्याबाई होल्कर का वृतांत सुनाते हुए बताया कि महारानी अहिल्याबाई के पुत्र मालोजीराव की सवारी रथ पर निकल रही थी, इस दौरान गाय के बछडे पर रथ चढ गया और उसकी मृत्यु हो गई। गो माता न्याय मांगने पहुंची तो देवी अहिल्याबाई ने अपनी पुत्रवधु को बुलाकर घटना बताई और अपने पुत्र को तुरंत ही प्राणदंड सुनाया। पुत्र मालोजीराव के हाथ पैर बांधकर उसी जगह मार्ग पर डाल दिया, रथ के सारथी को पुत्र पर रथ चढाने का आदेश दिया। लेकिन उसने इंकार कर दिया तो अहिल्याबाई स्वयं रथ पर सवार हुई और अपने पुत्र को प्राणदंड देने लगी तो वह गो माता 5 बार रथ के सामने आ गई और अहिल्याबाई को अपने पुत्र के प्राण लेने से रोक दिया, इस प्रकार गो माता की दयालुता का बखान सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। जैसे ही गुरूदेव ने भजन कृष्ण-कृष्ण गोविंद, गोपाल नंद लाल, गो माता की कृपा से सब काम हो रहा है। करते हो गैया मैया मेरा नाम हो रहा है,जैसे ही भजन गाया गया श्री राम गौशाला के कर्मठ कार्यकर्ता अपने आप को नाचने से नही रोक पाये,गाय चराने जाउं म्हारी मां मै तो गाय चराने जाउं, हरी हरी घास चराउं, गो सेवा धर्म हमारा सुनाया तो पंडाल में श्रद्धालु झूम उठे।

कथा स्थल पर गौ माता का पूजन किया गया

कथा के प्रारंभ में कथा के मुख्य यजमान हवेली परिवार के धनराज गुप्ता, सोमचन्द गुप्ता, अशोक गुप्ता, विरेन्द्र गुप्ता, बालकृष्ण गुप्ता, राधेश्याम गुप्ता व अनिल गुप्ता एवं दूसरे दिन के यजमान अशोक परिहार, रितेश काबरा, घनश्याम सोनी व राजेश जोशी ने गौ माता का पूजन विधि विधान से मंत्रोच्चार के साथ किया। संचालन कमल राठौर ने किया। कथा के अंत में गोपाल राठौड, ओमप्रकाश कोठारी, बालू राठौर, जयंतीलाल वाणी, किशनलाल राठौर, बद्रीलाल गुप्ता सहित विभिन्न समाज के अध्यक्षों का पूज्य गुरूदेव व साध्यी श्रद्धा गोपाल सरस्वती दीदी ने दुपटटा ओढाकर स्वागत किया। पश्चात गो माता की आरती उतारी गई।

गुरूदेव का तुलादान किया

कथा के समापन के बाद गायत्री गोपाल गोशाला जोबट के राजेन्द्र टवली, रजनीकान्त वी, जगदीश राठौर, महेश राठौर, माधौसिंह डावर, केशर राठौर ने पूज्य गुरूदेव का मंच के नीचे तुलादान किया, तुलादान की संपूर्ण सामग्री श्री राम गौशाला को दी गई।

कथा के मीडिया प्रभारी कृष्णकान्त बेडिया ने बताया कि गौ कृपा कथा आयोजन समिति अध्यक्ष राजेश राठौर, हेमन्त कोठारी, डा. केसी गुप्ता, विक्रान्त राठौर, श्याम राठौर सेन्डी, भानूप्रताप बाहेती, सलोनी राठौड,श्री राम गौशाला के अध्यक्ष सुनील राठौड़,उपाध्यक्ष अर्जुन मसानिया,संजय गेहलोद, भूपेन्द्र माली,प्रितेश राठौड़,रितेश राठौड़,विशाल राठौड़, दाऊ राठौड़, संस्कार राठौड़,धर्मेंद्र शर्मा, जितेश शर्मा,अजय मोदी,रूपदेव राठौड़,सहित जोबट,आम्बुआ, चांदपुर, बडी खटटाली सहित आस पास के नगर व गांवो से अनेक लोगों ने सहभागिता की। कथा स्थल पर श्रद्धालुओं की भीड बढने पर पंडाल में 4 एलईडी लगाई गई। उन्होने बताया कि कथा का विशेष प्रसारण प्रतिदिन सत्संग चैनल पर दोपहर 1 से 4 बजे तक किया जाएगा तथा धेनु टीवी चैनल पर लाइव किया जाएगा। कथा का समय प्रतिदिन शाम 7 से रात्रि 10 बजे तक रहेगा।