एस पाटीदार रिपोर्टर






समय का सदुपयोग करना ही कल्याणार्थ है-शास्त्री जी।
लोकेशन :—मनावर
विओ :- बसंती कुंज चैतन्य धाम कॉलोनी मनावर मे “नानी बाई रो मायरो “की तीन दिवसीय कथा का आयोजन समाज सेवक एवम गीता ज्ञान प्रचारक समिति के सचिव पंडित अमित शर्मा करवा रहे हैं । राम जी राम पंडित श्री अमृत राम जी शास्त्री ने तृतीय एवम अंतिम दिवस पर व्यास पीठ से कहा कि नरसी भगत बहुत ही गरीब थे ।उसकी सहायता गांव में किसी व्यक्ति ने नहीं की। वे हमेशा सांवरिया सेठ की भक्ति में लीन रहते थे तथा उनके साथ 15 सूरदासो से मित्रता थी।उनकी भक्ति से कृष्ण जी हमेशा प्रसन्न रहते थे।सर्वप्रथम “नानी बाई रो मायरो “कथा व्यासपीठ से पंडित अमृत राम जी शास्त्री ने “हमारे साथ है रघुनाथ ,तो हमे काहे की चिन्ता है, आध्यात्मिक भजन से कथा प्रारंभ की।भक्तों को समय के सदुपयोग करने की बात एवं भजन करने से जीवन का कल्याण होने की बात कही। नानी बाई रो मायरो के समापन में श्रद्धालु भावविभोर होकर नाचने लगे ।यह कथा मनुष्य को जीवन जीना सिखाती है ।प्रेम ,समर्पण और आत्मविश्वास के बल पर टीके रहने से मनुष्य का जीवन सरल हो जाता है। ।
महाभारत में अर्जुन के सारथी भगवान कृष्ण बने थे,जिससे विजय हासिल हुई और नरसी भगत के सारथी भी भगवान कृष्ण बने जिससे नानी बाई रो मायरा भराया।उन्होने आगे कहा कि संतो के दर्शन बड़ी मुश्किल से मिलते हैं। मां दुनिया की मां है ।मन, कर्म, वचन से किसी का बुरा नहीं करना चाहिए।कथा आयोजक अमित शर्मा ने मायरा का शाब्दिक अर्थ समझ मे आने से बहने,भांजीया एवम 20 महिला रिश्तेदारो को साडिया,कपडे एवम राशि भेंट की तथा प्रसादी वितरण की गई। अन्त मे आभार अमित शर्मा एवम रवि शर्मा ने माना।गीता ज्ञान प्रचारक समिति के लक्ष्मण मुकाती,अध्यापक जगदीश पाटीदार , रमेश कुशवाह, सुरेश पटेल,विकास शर्मा, मुकेश मुकाती,मनोज,जितेंद्र पाटीदार, ने व्यास पीठ पर माथा टेक कर शास्त्रीजी से आशीर्वाद प्राप्त किया।
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