किरण रांका रिपोर्टर

मिसाइल मैन डॉक्टर अब्दुल कलाम में अपार विशेषताएं थी, इसीलिए गरीब परिवार से निकला यह व्यक्ति देश का सिरमौर बने, 24 में से 16 घंटे काम करते थे डॉक्टर अब्दुल कलाम- ब्रह्मचारी संजय भैया
स्याद्वाद शिक्षण एवं संस्कार शिविर में विजेता इंजीनियर मयूर जैन को पुरस्कार वितरित करते हुए संयोगिता मनोज जैन मिसाइल मैन डॉक्टर अब्दुल कलाम एक ऐसे गरीब परिवार से निकले व्यक्ति थे ,जिनके जुनून में देश भक्ति कूट-कूट कर भरी थी। उन्होंने अपने देश के लिए विवाह नहीं किया तथा उन चीजों को बनाने के लिए जुट गए, जिसके लिए भारत विदेशों के आगे हाथ फैलाता था। अपने देश के लिए उन्होंने 24 में से 16 घंटे काम करके वह मिसाइल बना दी जो भारत में बैठे-बैठे ही जहां पर भी उसे अटैक करना है। वहां भेजी जा सकती है, उन्होंने ऐसे महत्वपूर्ण उपकरण बनाएं ।जिसकी आवश्यकता इस देश को थी।
जितना बड़ा राज्य उतने ही बेरी भी होते हैं।ज्ञान कभी छूटने वाला नहीं। मिसाइल मैन अब्दुल कलाम ने शादी नहीं कर काफी पुरुषार्थ अविष्कारों का किया ।उन्होंने ऐसा -ऐसा ज्ञान अर्जित किया, जिसका किसी को पता ही नहीं। अब्दुल कलाम ने कहा था कि हमने गुलामी को देखा है, इस लिए इस भारत आजाद देश के लिए बहुत कुछ करना चाहता हूं और उन्होंने किया। पराधीन सपने में भी सुख नहीं मिलता है। भारत पुनः गुलाम ना हो जाए ,इस मिशन में अब्दुल कलाम लगे रहे।
उक्त बातें श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन दिव्योदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र किला मंदिर पर पर चल रहे स्याद्वाद शिक्षण एवं संस्कार शिविर को संबोधित करते हुए ब्रह्मचारी संजय भैय्या जी पठारी वाले ने कही।
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